गया।
यह दुर्भाग्य है
कि गया जिले
के शेखवारा ग्राम
पंचायत में रहने
वाले 50 प्रतिशत अनुसूचित जाति
के लोगों को
गरीबी रेखा की
सूची में शामिल
ही नहीं किया
गया है। इसके
कारण इन्दिरा आवास
योजना के तरहत
लाभान्वित नहीं हो
सके। अब तो
बीपीएल के पैमाने
को हटाकर एपीएल
को भी इन्दिरा
आवास योजना से
घर बनेगा। प्रायः
यह देखा जा
रहा है कि
जो बीपीएल सूची
में हैं और
इन्दिरा आवास योजना
की प्रतिक्षा सूची
में हैं। प्रतिक्षा
सूची में हेराफेरी
करके पीछे से
आगे और आगे
से पीछा कर
दिया जा रहा
है। इसके कारण
लोगों में आक्रोश
व्याप्त है।
बैठक में
मनरेगा
की
गड़बड़ी
का
मामला
उठाः
आप महात्मा गांधी
नरेगा में काम
करें अथवा न
करें कोई फर्क
नहीं पड़ता है।
लेकिन,आपके पास
जरूर ही मनरेगा
का जॉब कार्ड
रहना चाहिए। आप जॉब
कार्ड को कभी
भी ऐसा-वैसा
न समझे, वह
तो आजकल बहुत
ही काम का
चीज वाला बन
गया है। मजे
की बात है
कि यहां के
55 लोगों को काम
के लिए चयनित
किया गया। 55 लोगों
को काम मिला।
लेकिन, मात्रः 10 लोगों से
ही काम लिये
जाने लगे। इन
10 लोगों को प्रत्येक
माह 3 हजार 500 रू.
दिया जाता है।
अभी मनरेगा की
मजदूरी में बढ़ोतरी
के बाद 4 हजार
रू. कर दिया
गया है।
शेष 45 लोगों
को
500 रू.
दिया
जाता
हैः
जो मनरेगा में
काम नहीं करते
हैं। उनको महीने
में एक दिन
बैंक लिया जाता
है। बैंक के
पास ले जाकर
अगूंठा निशान अथवा हस्ताक्षर
करवाने के बाद
5 सौ रू. थमा
दिया जाता है।
कोई विरोध करते
हैं तो उनको
औकांत बताया जाता
है कि बिना
काम के 5 सौ
रू.दाम दे
रहे हैं तो
आप लोगों को
मेरे नाम का
जय जयकार करना
चाहिए। अगर ज्यादा
बोलोंगे तो काम
से ही नाम
काट देंगे। 5 सौ
से वंचित हो
जाओंगे। दूसरे जॉबकार्डधारी को
बहाल कर लेंगे।
आप लोग मुंह
ताकते रह जाओंगे।
यह सब पंचायत
रोजगार सेवक के
इशारे पर बीपीएल
कानाम वार्ड नम्बर
2 के वार्ड सदस्य
राजू कुमार कहते
हैं। इनको ही
देखभाल करने का
मौका दिया गया
है। यह जांच
का विषय है
कि इस पंचायत
में मनरेगा में
कितना घोटाला हो
रहा है।
आलोक कुमार
9939003721