पटना।
महात्मा गांधी
के जन्मदिन
2 अक्तूबर 2014 से जन संगठन एकता
परिषद के
सिल्वर जुबली
शुरू होगा
जो 2 अक्तूबर
2015 में समाप्त
होगा। छतीसगढ़
प्रदेश के
तिल्डा में
10 हजार की
संख्या में
लोग जुटेंगे।
इस आशय
की जानकारी
एकता परिषद
के राष्ट्रीय
समन्वयक प्रदीप
प्रियदर्शी ने दी है।

सन्
2001 में 11 सितम्बर से 11 अक्तूबर तक
पदयात्रा की
गयी। जमुई,
नवादा,नालंदा,गया और
जहानाबाद होकर
पटना आए।
सन् 2002 में
श्रम शिविर
जहानाबाद में
हुआ। मुहाने
नदी के
मुंह खोलने
की मांग
को लेकर
73 दिनों तक
सत्याग्रह नालंदा किया गया। भूदान
आंदोलन किया
गया। सन्
2007 में आवासीय
भूमिहीनों को भूमि देने की
मांग को
लेकर पटना
में 270 दिनों
तक बेमियादी
सत्याग्रह किया गया। इसके बाद
ही सरकार
ने महादलितों
को 3 डिसमिल
जमीन देने
पर सहमति
की मुहर
लगा दी।
प्रलयकारी कोसी बाढ़ 2008 में कोसी
प्रमंडल में
बाढ़ के
दौरान राहत
सामग्री वितरण
किए गए।
उन्होंने
कहा कि
एकता परिषद
के संस्थापक
पी.व्ही.राजगोपाल जी
ने ‘बैक
टू विलेज’
(चलो गांव
की ओर)का नारा
बुलंद किए
हैं। इसके
साथ ही
‘वन मिलियन
वॉक-2020’ का भी एलान किया
गया है।
संचालन समिति
की सदस्य
मंजू डूंगडूंग
ने कहा
‘वन मिलियन
वॉक-2020’ में शामिल होने की
तैयारी देश-प्रदेश-विदेश
में जारी
है। जल,जंगल,जमीन
नामक मुद्दे
को लेकर
10 लाख लोग
सड़क पर
उतरेंगे।
गांव
के अंदर
संचालित एकता
परिषद की
नीचली जन
संगठन ग्राम
ईकाई को
सशक्त करना
है। ईकाई
के नेताओं
को प्रशिक्षित
करना है।
इनको प्रशिक्षित
कर काबिल
बनाना है
कि सरकार
के द्वारा
संचालित योजनाओं
को खुद
लेने में
समर्थ हो
सके। जिनकी
लड़ाई हो
उनकी ही
अगुवाई में
गांव का
चतुर्दिक विकास
हो और
गांव का
कायाकल्प में
सुधार और
बदलाव हो।
ग्रामीण अपने
अधिकारों को
पहचाने और
उसे प्राप्त
करने के
लिए आवाज
बुलंद करें।
गांव से
पलायन रोकने
के लिए
आर्थिक स्वावलम्बन
की दिशा
में पहलकदमी
शुरू हो।

आलोक
कुमार
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