Thursday 22 May 2014

आखिरकार उदय मांझी का सपना सच साबित हो गया


गया। राजद से पल्ला झारकर महादलित चला गया। मगर राजद में रहते वक्त श्रमशक्ति करने वाले महादलित मुसहर को संगठित रहने का आह्वान कर दिए।अभी तक आप अन्य लोगों की तकदीर और तस्वीर सवारते रहते हैं। अगर हम सामूहिक प्रयास करेंगे तो वह दिन दूर नहीं जब बिहार के मुख्यमंत्री के पद पर कोई मुसहर समुदाय के व्यक्ति आसीन हो सके। इस तरह नौजवान राजद में रहकर सोचा और जदयू में जाने के बाद परिणाम सामने गया। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महादलित मुसहर समुदाय के जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री सौंप दिए है।
आप जरूर ही उतावले हो गए होंगे। वह नौजवान कौन है ? जो मुंगेरी लाल के हसीन सपने देख रहा था। अब आपको बता ही दे रहे हैं। वह नौजवान महादलित आयोग के अध्यक्ष उदय मांझी हैं। पहले राष्ट्रीय जनता दल से संबंध रखते थे। मुसहर विकास मंच के पूर्व अध्यक्ष अरूण मुसहर के बुलावे पर समारोह में शिरकत करने आए थे। मुसहरों की उपस्थिति देखकर विजय प्रकाश समारोह के दौरान मुसहरों को चूहा पकड़ने और चूहों को व्यापार करने पर बल देने लगते। इसका काफी मुसहर समुदाय के नौजवानों ने विरोध भी किए। चूहा पकड़ने वाले मुसहर समुदाय के लोगों को उदय मांझी आह्वान करने लगे। संपूर्ण बिहार में संगठन को मजबूत करने पर बल देने लगे। महुवा दारू को परित्याग करने की नसीहत देने लगे। फालतू खर्च पर अंकुश लगाने को कहा। बिहार विधान सभा चुनाव लड़ने की प्रक्रिया बयान करने लगे। चुनाव परिणाम आने पर समीकरण के अनुसार किसी मुसहर समुदाय को मुख्यमंत्री बना दें।
दर - दर भटकने वाले मुसहर समुदाय। आजादी के 66 साल के बाद भी लकीर के फकीर बने हुए हैं। आज भी जनसंख्या के अधिकाधिक लोग आवासीय भूमिहीन हैं। आजाद भारत में आज भी बंधुआ मजदूर बनने को मजबूर हैं। गरीबी और लाचारी के कारण किसी बीमारी की चपेट में आने पर चिकित्सकों के दरवाजे खटखटाने लायक भी नहीं हैं। गन्दगी भरे वातावरण में रहने वाले मुसहर समुदाय के दसों दिशाओं में अंधेरा ही अंधेरा व्याप्त है। इन हालातों को देखकर एक नौजवान महादलित घबड़ाता नहीं हैं। वह मुसहर और भूइया समुदाय की जनसंख्या और श्रम शक्ति पर विश्वास करता है। इसके आलोक में महादलित मुसहर समुदाय के लोगों को ललकारता है। आप लोग लोक सभा और विधान सभा के चुनाव में निर्णायक भूमिका अदा करते हैं। वह नौजवान मुसहर समुदाय को दिन में ही सपना दिखाता है। हमलोग अपनी शक्ति को पहचाने। अपने जन संगठन के बल पर बिहार विधान सभा के चुनाव में योग्य प्रत्याशियों को मैदान में उतारे। चुनाव के परिणाम के आलोक में मुसहर समुदाय के ही कोई मुख्यमंत्री भी बन जाए। मगर ऐसा हुआ। लेकिन नौजवान का सपना साकार हो गया। आखिरकार मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी बन गए। महादलित मुसहर समुदाय के मुख्यमंत्री बनने से लोगों में हर्ष व्याप्त है।
राजद से स्नेह भंग करके जदयू में शामिल हो गए।उस समय महादलित आयोग के प्रथम अध्यक्ष विश्वनाथ ऋषि का कार्यकाल समाप्त हो गया। पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रथम अध्यक्ष का कार्य विस्तार और ही मंत्री पद दिए। महादलित आयोग के प्रथम अध्यक्ष विश्वनाथ ऋषि का दोष यह रहा कि अपने कार्यकाल में महादलितों को 12 डिसमिल जमीन देने की अनुशंषा कर दी थी। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री ने महादलित आयोग के द्वितीय अध्यक्ष उदय मांझी को बनाकर तोहफा दे दिया।

Alok Kumar

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