भोजपुर। नक्सल
प्रभावित भोजपुर
जिले में
संदेश प्रखंड
है। डिहरा
ग्राम पंचायत
के धर्मपुर
गांव के
महादलित धर्मसंकट
में पड़े
हैं। धर्मपुर
गांव में
तीन पीढ़ी
से 37 मुसहर ,15
चमार और
1 डोम जाति
के 53 परिवार
रहते हैं।कई
शासक आए
और चले
गए परन्तु
53 परिवारों को वासगीत पर्चा देकर
पहचान नहीं
दिए। वासगीत
मोर्चा की
बैठक में
शामिल सदस्यों
ने निर्णय
लिया कि
वासगीत पर्चा
का परिपत्र
भरकर अंचलाधिकारी
कार्यालय को
प्रेषित करें।
50 पुरूष और
3 महिलाओं ने परिपत्र भरकर कार्यालय
को सुपुर्द
कर दिया
है।
आवेदनों
में सबसे
बुजुर्ग धुरहू
मुसहर के
पुत्र मथुरा
मुसहर हैं।
जो करीब
85 साल के
हैं। इसी
तरह से
कम वय
के कीमत
मुसहर के
पुत्र लालवचन
राम हैं।
जो करीब
22 साल के
हैं। दोनों
का कहना
है कि
3 पीढ़ी से
मालिकाना जमीन
पर रहते
आ रहे
हैं। अमूल्य
वोट देकर
नेताओं की
तकदीर और
तस्वीर बनाए।
मगर हमलोगों
की तकदीर
और तस्वीर
सुधारने का
प्रयास नहीं
किए। प्रारंभ
में सरकार
के द्वारा
कानून बनाकर
जमीन दी
जाती थी।
उसमें कालान्तर
कटौती की
जा रही।
अब आवासीय
भूमिहीनों को 12.5 डिसमिल जमीन के
बदले मात्रः
3 डिसमिल जमीन
देकर संतुष्ट
कर दिया
जा रहा
है।
बजरंगी
मुसहर कहते
हैं कि
हमलोग मालिकाना
जमीन पर
रहते हैं।
परिवार में
जनसंख्या बढ़
जाने पर
परिवार के
सदस्य को
मालिकाना जमीन
को टुकड़ों
को विभक्त
करने को
बाध्य होना
पड़ा है।
हाल यह
है कि
जनसंख्या के
आगे जमीन
बौना होते
ही चली
जा रही
है। लालमोहर
मुसहर का
कहना है
कि आपको
आश्चर्य होगा
कि यहां
के लोग
काफी दिक्कत
से रहते
हैं। 29 परिवार
के पास
.05 डिसमिल जमीन है। 8 परिवार के
पास 1 डिसमिल
है। 2 परिवार
के पास
1.5 डिसमिल जमीन है। 4 परिवार के
पास 2.5 डिसमिल
जमीन है।
6 परिवार के
पास 3 डिसमिल
जमीन है।
1 परिवार को
9 डिसमिल , 1 Family 's 8 Dismil , 1 परिवार
को 7 डिसमिल
और 1 परिवार
को 6 डिसमिल
जमीन है।
स्वर्गीय सज्जन
राम की
विधवा अनुप्यारी
कुअर (45 साल ) 2.5 डिसमिल जमीन पर 19 परिवार के
सदस्यों के
साथ जीने
को बाध्य
हैं। उनमें
6 महिलाएं और 13 पुरूष हैं।
They
have 23 yellow
cards , 20 लाल कार्ड और 10 के
पास किसी
तरह के
कार्ड नहीं
है। खैर ,
अब तो
पीला और
लाल का
चक्कर खत्म
हो गया
है। अब
गरीबी को
ही मापदंड
मानकर खाघ
सुरक्षा अधिनियम
के दायरे
में लाकर
5 किलोग्राम प्रति व्यक्ति पाने का
अधिकार हो
गया है।
केन्द्र
और राज्य
में सरकार
बदल गयी
है। पूर्व
प्रधानमंत्री डा . मनमोहन सिंह की
कुर्सी पर
नरेन्द्र मोदी
आसीन हो
गए हैं।
उसी तरह
पूर्व मुख्यमंत्री
नीतीश कुमार
के बदले
में जीतन
राम मांझी
पदासीन हो
गए है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री
जीतन राम
मांझी से
लोगों की
उम्मीद बढ़ी
है। अब
दोनों महानुभावों
को भूमि
सुधार के
संबंधित कार्य
को प्रमुखता
से करना
होगा। अव्वल
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रीय भूमि
सुधार नीति
और घर
का अधिकार
कानून बनाए।वहीं
वनाधिकार कानून
2006 को मुस्तैदी
से लागू
करें। मुख्यमंत्री
जीतन राम
मांझी आवासीय
भूमिहीनों को 10 डिसमिल जमीन देने
की व्यवस्था
करें। वासगीत
पर्चा निर्गत
करें। वासगीत
पर्चा निर्गत
करते समय
सरकारी मापदंड
के नीचे
जमीनधारकों के परिवार के अन्य
सदस्य को
आवासीय भूमिहीनों
की
तरह पहचान करके 10 डिसमिल जमीन
दी जाए।
जिनके हाथ
में जमीन
का पर्चा
है और
जमीन किसी
और के
हाथ में
है। ऐसे
पर्चाधारियों को तत्काल प्रभाव से
जमीन पर
कब्जा दिलवाए।
Alok
Kumar
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