Friday 6 June 2014

जन्म दिवस के अवसर पर आवासीय भूमिहीनों को घर का अधिकार संबंधी कानून का तोहफा मिले


गया। केन्द्र सरकार हाशिए पर रहने वाले आवासीय भूमिहीनों को घर का अधिकार संबंधी कानून संसद से पास कराएं। इस आशय की घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी करके विख्यात गांधीवादी नेता और एकता परिषद के संस्थापक अध्यक्ष पी . व्ही . राजगोपाल जी के 67 वें जन्म दिवस के अवसर पर तोहफा प्रदान करें।
पी . व्ही . राजगोपाल जी 
बताते चले कि आजीवन वंचित समुदाय के हित में राजगोपाल उर्फ राजाजी कार्यशील हैं। राजाजी ' चलो गांव की ओर और गांव स्वावलम्बन की ओर बढ़े ' नारा दे चुके हैं। इसके आलोक में वंचित समुदाय की मांग को लेकर 10 मिलियन लोग 2020 में सत्याग्रह करेंगे। यह एकता परिषद के 25 साल के इतिहास में अनोखा विश्वव्यापी आंदोलन होगा। देश , विदेश और प्रदेश के लोग जुटेंगे। इसकी तैयारी जारी है। हाल में एकता परिषद बिहार के एक दस्ता मध्यप्रदेश गए थे। जाने वालों में पटना में रहने वाले एकता परिषद के राष्ट्रीय संयोजक प्रदीप प्रियदर्शी , गया जिले से अनिल पासवान , अरवल जिले से मंजू डूंगडूंग , भोजपुर जिले सिंधु सिन्हा , दरभंगा जिले से वशिष्ट कुमार सिंह और और अररिया जिले से विजय गौरेया गए थे।
जन संगठन एकता परिषद के द्वारा जल , जंगल , जमीन के मसला को लेकर जनादेश 2007 के तहत ग्वालियर से दिल्ली तक सत्याग्रह पदयात्रा की गयी। यूपीए एक की सरकार में डा . रघुवंश प्रसाद सिंह केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री थे। वादा तो किए परन्तु निभाए नहीं। फिर जन सत्याग्रह 2012 के तहत ग्वालियर से आगरा तक सत्याग्रह पदयात्रा की गयी। यूपीए दो की सरकार में जयराम रमेश केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री थे। आगर में समझौता किए। मंत्री महोदय आश्वासन दिए और बाद में आश्वासन से ही मुकर गए। इन दोनों सत्याग्रह पदयात्रा के महानायक पी . व्ही . राजगोपाल थे।
अबकी बार मोदी सरकार और कुछ होने वाला आदि का नारा देकर मोदी सरकार को भारी बहुमत से सत्तासीन किया गया है। हां , सरकार और परिस्थितियां बदल गयी है। मोदी सरकार में गोपीनाथ मुंडे , केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री बने। सड़क दुर्घटना में मंत्री जी का देहावसान हो गया। भगवान मंत्री जी की आत्मा को जन्नत प्रदान कर दें। अभी दिवगंत मंत्री जी के स्थान पर केन्द्रीय ग्रामीण विकास प्रतिनियुक्त हुए हैं। उनसे आग्रह है कि यूपीए एक और यूपीए दो के दौरान अवरूद्ध कार्य को नये सिरे से अंजाम दें। फिलवक्त जल , जंगल , जमीन नामक मुद्दा पर कार्यशील लोगों की समस्या ठहर गयी है। इसके आलोक में केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री को पहल करके गांधी , विनोबा , जयप्रकाश के पथ चिन्हों पर चलकर अहिंसात्मक आंदोलन करने वाली एकता परिषद के वरीय नेताओं को बुलाकर वार्ता तो करना ही होगा। जो वक्त की मांग भी है। इस समय देश और विदेश मेंएकता परिषद धाक जमा चुकी है। इससे सरकार को रचनात्मक सहयोग लेना चाहिए। 

Alok Kumar

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