Thursday 12 June 2014

अगर आप अपना परिचय देते हैं, तो झिड़की खाने के लिए तैयार रहें



दानापुर सच में कुर्सी पर बैठने वालों को गर्मी ही जाती है। वह भी बिहार सरकार की नौकरी में हो। जनता की कमाई से सरकार उनको एयर कडिंशन अथवा एयर कुलर रूम प्रदान करती है। ऐसे में अधिकारियों और बड़ा बाबू साहब को जनता के प्रति नरम रूख अपनाना ही चाहिए। मगर ऐसा नहीं करते हैं। कोई फरियाद लेकर जाते हैं तो बौखला जाते हैं। वह जब कोई महादलित मुसहर समुदाय के लोग हैं। तो जमकर बरसते हैं। इसी तरह की मिलीजुली खबर है। खबर प्रथम महादलित मुसहर समुदाय के माननीय के साथ और द्वितीय सामाजिक कार्यकर्ता के साथ की है। माननीय विधायक महोदय ने परिचय नहीं दिए और सामाजिक कार्यकर्ता ने परिचय दे दिए। दोनों खबर में महादलित मुसहर समुदाय के व्यक्ति को अपमानित होना पड़ा।
जब पूर्व विधायक महोदय को अपमानित होना पड़ाः निदेशालय कार्यालय में जाकर बिना परिचय दिए ही टेलीफोन डायरेक्ट्री की मांग करना मंहगा पड़ा। एक विपक्षी विधायक को टेलीफोन डायरेक्ट्री चाहिए था। तब महादलित मुसहर समुदाय विधायक दलबल के साथ कार्यालय में प्रवेश कर गए। वहां पर बैठे बड़ा बाबू से टेलीफोन डायरेक्ट्री देने की मांग कर दी। कुर्सी पर आसीन बड़ा बाबू को गजब हरकत लगा। आव देखा ताव अजनबी विधायक महोदय पर बेमौसम बारिस की तरह बरस गए। आप लोग समय बर्बाद करने जाते है। यह सचिवालय नहीं है। यह तो निदेशालय है। आप लोग गलत कार्यालय में आकर डायरेक्ट्री की मांग कर रहे है। तैश में आकर बड़ा बाबू ने आए लोगों से कहा कि आप लोग कार्यालय के द्वार पर जाकर नेम प्लेट देख लें! तब स्पष्ट रूप से पता चल जाएगा कि यह सचिवालय है कि यह निदेशालय है। कुछ लोग बाहर जाकर नेम प्लेट देखे। वहां पर प्रबंध निदेशक, का निदेशालय कार्यालय लिखा था।
जब बड़ा बाबू हकलाने लगेः नेम प्लेट देखकर आए लोग मौनधारण कर लिए। भला जानकार लोगों के पास हिम्मत कैसी आएगी कि वे अपने माननीय विधायक महोदय को और अधिक अपमानित बड़ा बाबू से करा दें। सभी लोगों के मौनधारण कर लेने के बाद विधायक महोदय ने खुद मुंह खोले। मैं एक विधायक हूं। इतना सुनना था कि मनुवादी तंत्र के बड़ा बाबू के होश फाख्ता हो़ गया। बड़ा बाबू बच्चों की तरह गिड़गिड़ाने और हकलाने लगे। हुजूर! पहले परिचय दे देते। तो मामला आगे नहीं बढ़ता। इसके बाद लगातार अपमानित होने वाले विधायक को कुर्सी पर आसीन बड़ा बाबू आरजू मिन्नत करके बैठने को कहने लगे। महाशय कुर्सी पर बैठ जइथीन। इसके बाद बड़ा बाबू ने छटपट में कार्यालय के ही टेलीफोन डायरेक्ट्री को माननीय विधायक जी के करकमलों में पेश कर दिए। तब जाकर मामला सामान्य हो गया। विधायक महोदय तारीफ के पात्र हैं। जो बदले के भावना से कार्य नहीं किए।
जब सामाजिक कार्यकर्ता ने दानापुर एसडीओ के सामने परिचय दियाः महादलित मुसहर समुदाय के सामाजिक कार्यकर्ता नरेश मांझी ने जब एसडीओ साहब के सामने परिचय दिया। दानापुर अनुमंडल के अनुमंडलाधिकारी राहुल कुमार ने कहा कि आप सामाजिक कार्यकर्ता कहकर रौब डाले। इस तरह के मानसिकता से बाहर निकल आए। आपके कहने से काम नहीं करेंगे। यहां पर सभी लोगों का कार्य होता है। अपने दिमाग से यह धारणा निकाल दें कि परिचय देने से प्रभाव जमाया जाता है। कार्य करवाने में सफल हो जाएंगे। इस तरह की झिड़की देने के बाद ही सामान्य हो गए।
दानापुर अंचल के सीओ कुमार कुंदल लाल को फोन किएः इसके बाद आवेदन पढ़कर दानापुर अंचल के सीओ कुमार कुंदल लाल को फोन किए। अभिमन्यु नगर के 59 लोगों को जमीन का पर्चा मिला है। उनका जमीन पर कब्जा नहीं हो पाया है। गड्डों से पानी निकल गया है। पर्चाधारियों की पहचान करवाने के बाद और भूमि का सीमांकन करके पर्चाधारियों को भूमि पर काबिज करा दें।अगर कोई दबंग व्यवधान डालते हैं तो उनसे फोर्स निपट लेगा। अभी मेरा कार्य नहीं है। रूकावट आने पर फोर्स की जरूरत पड़ेगी। उसको दूर कर दिया जाएगा। तारीख 19 जून दिन वृहस्पतिवार को सीओ साहब दलबल के साथ अभिमन्यू नगर में आकर लोगों को जमीन पर कब्जा दिलवा देंगे।
आलोक कुमार


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