Sunday 29 June 2014

दो दिवसीय कार्यकर्ता एवं समन्वयकों की बैठक शुरू


 पटना। पैक्स के सहयोग से धन्य होकर प्रगति ग्रामीण विकास समिति के द्वारा दो दिवसीय कार्यकर्ता एवं समन्वयकों की समीक्षा बैठक शुरू की गयी। इसमें गया , जहानाबाद , भोजपुर , नालंदा , बांका , दरभंगा , अररिया और कटिहार जिले के जिला समन्वयकों और कार्यकर्ताओं शामिल हुए।
प्रगति ग्रामीण विकास समिति के सचिव प्रदीप प्रियदर्शी ने कहा कि हमलोग भूमि अधिकार , स्वास्थ्य , मनरेगा , आरटीआई , सामाजिक भेदभाव आदि पर कार्य करते हैं। समीक्षात्मक बैठक कार्यकर्ताओं के द्वारा गांवघर में किए गए तीन माह के कार्य की समीक्षा की जा रही है। किस तरह से गांवघर में किए गए कार्यों को समेटकर बेहतर ढंग से प्रस्तुति कर सके। उसका गुर सिखाया गया। हम किधर पिछड़ जा रहे हैं। उस ओर मार्गदर्शन किया गया। वहीं गांवघर की समस्याओं को जनतंत्र के मजबूत स्तंभों कार्यपालिका , न्यायपालिका , विधायिका और पत्रकारिता के समक्ष पहुंचाने पर बल दिया गया। सभी प्राप्त समस्याओं को विभिन्न तरह की प्रक्रियाओं के दौर से गुजारकर अंतिम मुकाम तक पहुंचाकर ही दम लेना चाहिए।
इस बीच कटिहार जिले के जिला समन्वयक बाबूलाल चौहान ने कहा कि आवासहीन 12 महादलितों को 3 डिसमिल जमीन देकर आश्रय दिया जा रहा है। अधिकारियों और भू माफियों के गठजोड़ से महादलित मुसहरों को सामान्य भूमि से कोई 6 फीट गड्डे में जमीन दे दी गयी है। इस तरह के कारनामे मुसहर समुदाय के साथ करके सीओ बहादूर बन गए हैं। वहीं इसको लेकर महादलितों में तीव्र आक्रोश व्याप्त है। बताया गया कि गांव का पानी का जमाव में होता है। तब मुसहरों का रहने मुश्किल हो जाएगा। निकट भविष्य में महादलित कटिहार जिले के जिलाधिकारी महोदय से मिलकर सवाल करेंगे कि हुजूर , आपके राज में आवासीय भूमिहीनों को जमीन नहीं  बल्कि गड्डा दिया जा रहा है। आप हमलोगों को गड्डा नहीं वरण आवास योग्य जमीन देने का प्रयास करें ताकि हमलोग ठौर जमा सके। 
इस बैठक में शामिल लोगों को बताया गया कि सरकार ने जनता के बीच से सेवाकार्य करने के लिए टोला सेवक , विकास मित्र , आशा कार्यकर्ता , ममता कार्यकर्ता , सेविका और सहायिका से गांव विकास करवाने में सहयोग लेने पर बल दिया गया। आजकल जनता के बीच से आने वाले ही समाज के विकास में लगे हैं। इनको बैठकों में बुलाना चाहिए और अपनी समस्याओं के बारे में जानकारी देकर समाधान निकलवाना चाहिए। आशा कार्यकर्ताओं के सहयोग से बच्चों का टीकाकरण करवाना चाहिए। कुपोषण से बच्चों को बचाना होगा। आंगनबाड़ी केन्द्र से जच्चा - बच्चा को पोषाहार दिलवाने का प्रयास करना चाहिए।
Alok Kumar



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