Saturday 12 July 2014

एक बार नहीं कई बार सीएमडी एसएसपी श्रीवास्तव ने पेसू को साधनहीन माना


पटना। संत माइकल उच्च विघालय और बालूपर दीघा ब्लैक फ्राइडे के अध्याय में जुड़ते - जुड़ते रह गया। भगवान को धन्यवाद देना चाहिए कि डंफर ने 33 केवी के पाटलिपुत्र फीडर वाले पोल में जोरदार टक्कर मार दी। पोल टूटा और झुका परन्तु गिरा नहीं। अगर पोल गिरता तो 11 केवी वाले पोल से जा सटता। 33 केवी और 11 केवी के बीच में संगम होने से भंयकर परिणाम सामने आता। जिस समय यह हादसा हुआ उस समय विघालय की छुट्टी हो जाती है। स्कूली बच्चे घर जाने के मूड में रहते हैं। स्कूली बच्चों को वाहनों से भी पहुंचाया जाता है। दोपहर करीब डेढ़ से दो बजे का समय था। उस समय से जाकर 6 बजे विघुत विच्छेद कार्य शुरू किया गया। साधनहीन पेसू के पास साधन नहीं रहने के कारण लोकल लोगों ने जेसीबी मशीन को पकड़कर लाए। तब जाकर कार्यारभ हुआ। तबतक मौके पर पेसू के पश्चिम सर्किल के विघुत अधीक्षण अभियंता दिलीप कुमार सिंह धमके। पश्चिमी पटना के एसडीओ भी दलबल के साथ पहुंचे।
गर्मी से बेहाल होकर बिलबिलाते रहे लोगः उमस से गिरफ्त में लोग। उस पर बिजली रानी गायब। गजब ढाह दिया। पेयजल के लिए हाहाकार मच गया। क्रिकेट के दिवाने , मस्ताने और परवाने भारत और इंग्लैंड के बीच जारी क्रिकेट टेस्ट मैच के रोमांचक पल को देखने से महरूम लोग हो गए। जबतक इंवटर कार्य किया। मजा लेते रहे। इंवटर की उर्जा शक्ति गायब होते ही घर में वैकल्पिक रोशनी की व्यवस्था मोमबत्ती से करने को बाध्य हो गए। घर में गर्मी से बेहाल होकर लोग सड़क पर गए। बिजली विभाग की विफलता और उपभोक्ताओं से नाजायज बटौरने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर बिफर पड़े।
मौका का फायदा क्षेत्रीय नेतागण उठायाः क्षेत्रीय नेतागण खड़े हो गए। अपनी मर्जी के अनुसार काम करवाने लगे। कभी विरोध में कभी पक्ष में बात करते रहे। कई बार पेसू के अधिकारियों और पश्चिम पटना के एसडीओ को गाली बकते रहे। पेसू के द्वारा टूटा पोल को लगाने और मिट्टी से ही भरकर अधूरा कार्य करने को लेकर बार - बार विवाद उत्पन्न होता रहा। अन्त में मिट्टी डालने के बाद सिंमेट , बालू और गिट्टी देकर ढलाई की गयी। तब जाकर मामला बन पाया।
लाचार पेसू को जेसीबी का मिला सहाराः पेसू के पास आपातकालीन कार्य करने का अनुभव नहीं है। इसके पास आपात कार्य करने की व्यवस्था और सामग्री भी नहीं है। यहां के लोगों ने जेसीबी मशीन के ऑपरेटर को पकड़कर लाए। तब जाकर कार्य शुरू हुआ। पोल को जेसीबी मशीन सहायता करने लगा। उसके सहारे बिजली मिस्त्री पोल पर तार खोलना शुरू किए। पोल पर तार हटाने के बाद जेसीबी मशीन ने गड्ढा में पोल को उठाकर रख दिया। गड्ढा में मिट्टी डालने के बाद ढलाई कर दी गयी ।तब जाकर टूटे पोल पर चढ़कर बिजली मिस्त्री तार संयोजन कर दिए।
जब जेसीबी मशीन के ऑपरेटर ने सड़क जाम कर दियाः इस बीच जेसीबी मशीन के ऑपरेटर ने मजदूरी की मांग करने लगा। उस समय पटना पश्चिम के एसडीओ लापता हो गए। जब मजदूरी नहीं मिली तो ऑपरेटर ने जेसीबी मशीन को लम्बा करके सड़क जाम कर दिया। इसके बाद एक व्यक्ति ने 500 रू . देकर मामला रफा - दफा करना चाह रहा था। इस पर वह राजी नहीं हुआ। तब लोगों ने 2 हजार रू . देकर जेसीबी मशीन के ऑपरेटर को मना लिए। तब जाकर रोड पर जेसीबी मशीन हटाया। छोटे वाहन चले। मगर बड़े वाहनों की लम्बी लाइन लग गयी। पचास से अधिक ट्रक और डंफर फंसे रहे।
राजधानी में बिजली को लेकर हाहाकारः पोल गिरने से सदाकत आश्रम , पाटलिपुत्र और राजापुर पावर सबस्टेशन में बिजली आपूर्त्ति ठप हो गयी , जिसके कारण संबंधित मोहल्लों में बिजली - पानी के लिए   हाहाकार मचा रहा। इसकी गंभीरता को देख पेसू के सीएमडी एसएसपी श्रीवास्तव और एमडी आर . लक्ष्मणन मौके पर गए। सीएमडी एसएसपी श्रीवास्तव और एमडी आर . लक्ष्मणन के बीच बातचीत होती रही। बातचीत में साधनहीन पेसू को साधन उपलब्ध करवाने पर बल दिया गया। टार्च की रोशनी में कार्य हो रहा है। दो लाख रू . में यंत्र है। उसके सहारे रोशनी पर्याप्त मात्रा में पहुंचायी जा सकती है। दो यंत्र खरीदा जाए। एक साउथ और सेन्टल एरिया में रखा जाए। आपातकालीन कार्य करने के लिए साधन उपलब्ध करवाया जाए। साधन नहीं रहने के कारण साढ़े नौ घंटे तक लाखों की संख्या में लोग परेशान रहे। एक जगह से दूसरी जगह पोल को स्थानान्तरण करने की कार्यावधि दो घंटे है। यहां तो साढ़े नौ घंटे लग गए। इस बिजली मिस्त्री को देखे। यह पेसू की बिजली मिस्त्री नहीं है। ठेका पर कार्य करने वाला है। जोखिम में जिंदगी डालकर कार्य किये जा रहे हैं।
सीएमडी एसएसपी श्रीवास्तवः एक बार नहीं कई बार सीएमडी ने पेसू को साधनहीन माना। सीएमडी एसएसपी श्रीवास्तव ने एमडी आर . लक्ष्मणन को सलाह दिए कि गैर जिम्मेदाराना कार्य करने वाले अधिकारियों को बर्खास्त करें। चुनचुन कर व्यक्तियों पर एफआईआर दर्ज हो। इसमें दीघा थानाध्यक्ष ने सहयोग करने का वादा किया है। उस समय एमडी आर . लक्ष्मणन के सामने दिक्कत हो गयी। जब उत्तरी मैनपुरा , पूर्वी मैनपुरा और पश्चिमी मैनपुरा ग्राम पंचायत के मुखिया गए। जेसीबी मशीन के ऑपरेेटर को देय 2 हजार रू . की राशि वापस करने पर विवाद उत्पन्न हो गया। इस मसले पर दीघा थानाध्यक्ष विराम देने में सफल हो गए। जब खुद 2 हजार रू . की राशि देने पर सहमत हो गए। यह सब हो ही रहा था। पहले 33 हजार केवी का लाइन चालू हुआ। करीब 15 मिनट के बाद 11 हजार केवी का भी लाइन चालू कर दिया गया। लाइन चालू होने के बाद फिर बंद कर दिया गया। तब जाकर सड़क पर से भीड़ हटी। ट्रक और डंपर भी आवाजाही करने लगे। अंत में बहुत तरपने के बाद लोग आनंद महसूस करने लगे।
Alok Kumar
  

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