Saturday 26 July 2014

राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी नौ अगस्त को एट होम कार्यक्रम में स्वतंत्रता सेनानी देवपूजन सिंह को सम्मानित करेंगे



नौबतपुर ।  दानापुर अनुमंडल में चार प्रखंड है। दानापुर , नौबतपुर , बिहटा और मनेर प्रखंड है। दानापुर अनुमंडल पदाधिकारी राहुल कुमार ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा नौ अगस्त को एट होम कार्यक्रम में स्वतंत्रता सेनानी को सम्मानित करने के लिए अनुमंडल से दो स्वतंत्रता सेनानियों के नाम भेजे हैं। इनमें बिहटा लई के राजदेव सिंह और नौबतपुर खजुरी के देवपूजन सिंह शामिल हैं। एसडीओ राहुल कुमार ने बताया कि स्वतंत्रता सेनानी को सम्मानित करने लिए जिला से प्रखंडवार सूची मांगी गयी थी। चार प्रखंडों में से मात्र दो स्वतंत्रता सेनानियों की सूची भेजी गयी है।
आप माने माने यह सत्य है कि स्वतंत्रता सेनानी आठवीं कक्षा में अध्ययनरत थे। पटना से जगत नारायण बाबू आए थे। सभी नौजवानों को ललकारा और कहा कि सभी जगहों पर 9 अगस्त 1942 से अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया गया है। इस आंदोलन में देवपूजन सिंह शामिल हो गए। अंग्रेजों के खौफ के डर से नौजवान भूमिगत हो गए। 1942 से लेकर 1946 तक भटकते रहे। इतना कहकर भावुक हो गए। उनके पैेतृक गांव खजुरी में जाकर पुलिस ने कुर्की जब्त कर लिए। इसके कारण परिवार वालों को भी कष्ट पहुंचा।
मजे की बात है कि स्वतंत्रता सेनानी मार्ग का बोर्ड लगा दिए गए हैं। मगर लोग मानते ही नहीं हैं। लोगों का मानना है कि नाजायत कागजात के बल पर स्वतंत्रता सेनानी बन गए हैं ? सो लोगों ने पटना जिले के जिलाधिकारी के आस आवेदन लिखकर भेज दिए। तब उप समाहर्त्ता प्रभारी, सामान्य शाखा, पटना की ओर से एक पत्र श्री देव पूजन सिंह, ग्राम-पो- खजुरी,थाना- नौबतपुर, जिला- पटना को भेजा गया। दिनांक 5/8/2000 को जिलाधिकारी, पटना का कार्यालय, सामान्य-शाखा,पटना के पत्रांक 3805, पटना से पत्र आया। इस पत्र का विषय रहा। नाजायज कागजातों के आधार पर स्वतंत्रता सैनिक सम्मान पेंशन लेने के संबंध में। इस कार्यालय के पत्र संख्या- 731/सा0दिनांक 25-03-2000 का निर्देश करें। आपके संबंध में शिकायत पत्र प्राप्त हुआ है कि आप नाजायज ढंग से जाली कागजातों के आधार पर स्वतंत्रता सैनिक सम्मान पेंशन प्राप्त कर रहे हैं। इस स्थिति में आपको निदेश दिया जाता है कि आप निम्नलिखित कागजात को लेकर अधोहस्ताक्षरी के कार्यालय में पत्र पाते ही उपस्थित हो,अन्यथा आपके पेंशन रद्द करने के लिए गृह मंत्रालय, भारत सरकार को प्रेषित किया जायेगा। वर्ष -1942 में आप किसके साथ जेल की यातना या भूमिगत रहकर अंग्रेजी हुकुमत के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। आपकी उम्र सन् 1942 में कितनी थी एवं आज कितनी है, ठोस प्रमाण पत्र (गलत देने पर मेडिकल बोर्ड से जांच करायी जाएगी।इसके आधार पर देवपूजन सिंह स्वतंत्रता सेनानी बन गए।
Alok Kumar


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