Sunday 6 July 2014

प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डा. राजेन्द्र प्रसाद के समाधि बचाने की मांग मुख्यमंत्री के हवाले

प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डा . राजेन्द्र प्रसाद के समाधि बचाने की मांग मुख्यमंत्री के हवाले
पटना। आज सर्वजन समाज , बिहार ने धरना दिया। प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डा . राजेन्द्र प्रसाद के समाधि बचाने की मांग की गयी। एक दिवसीय धरना के माध्यम से पांच सूत्री मांग मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के हवाले कर दिया गया।
सर्वजन समाज के तत्वावधान में डा . राजेन्द्र प्रसाद समाधि स्थल पर एक दिवसीय धरना दिया गया। इस संगठन के संरक्षक संजय वर्मा ने कहा कि राज्य और केन्द्र सरकार इस स्थल को महत्व को गंभीरता से नहीं ले रही है। इस धरना के माध्यम से खासकर विघुत शवदाह गृह को स्थानान्तरित तथा इस स्थल को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने सहित पांच मांगों को उठाया गया है। यदि 15 अगस्त 2014 को इसे पूरा नहीं किया गया तो हमलोग उसके बाद महामहिम राष्ट्रपति को नामित ज्ञापन के माध्यम से सघन हस्ताक्षर अभियान चलायाा जाएगा। उसके पश्चात विधान सभा , मुख्यमंत्री और राज्यपाल का घेराव कार्यक्रम किया जाएगा। यदि इसके बाद भी सरकार की नींद नहीं खुलेगी तो एक लाख व्यक्तियों को हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन को राष्ट्रपति को सौंपा जाएगा। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश संयोजक राघवेन्द्र सिंह कुशवाहा ने कहा कि आज से ठीक पांच साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस स्थल को ऐतिहासिक स्मारक बनाने की घोषणा की थी। वहां पर डा . राजेन्द्र प्रसाद स्मारक संग्रहालय बनाने की घोषणा की गयी थी। मगर घोषणाओं को अमलीजामा नहीं पहनाया गया।
इस धरना के संचालन पटना साहिब लोक सभा सर्वजन समाज के संयोजक अख्तर नेहाल ने की। इस अवसर पर योगेन्द्र प्रसाद सिन्हा , शमीम राजा , तारिणी प्रसाद सिंह , रत्नेश चौधरी , राजीव मिश्रा , शिवेन्द्र श्रीवास्तव , हरेन्द्र मिश्रा , सुश्री सिमरन सिंह , बैघनाथ प्रसाद गुप्ता , अकबर अली परवेज , रविशंकर भगत , आमोद विघार्थी , संजय यादव , राजेश कुशवाहा , चंदन पाल , रंजनीकांत , राज किशोर यादव , कुमार गौरव , विनोद श्रीवास्तव , सूर्य प्रकाश सिन्हा , दीना चौधरी , अंशु पाठक , संतोष कुमार आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को हवाले किए गए पांच सूत्री मांग में मांग पत्र में कहा गया है कि देशरत्न डा . राजेन्द्र प्रसाद के समाधि स्थल में स्थित ' विघुत शवदाह गृह ' को अविलम्ब दूसरी जगह स्थानान्तरित किया जाए। समाधि स्थल को ' देशरत्न घाट ' से नामांकित किया जाए। समाधि स्थल का भारत के राष्ट्रीय स्मारक के रूप में चिन्हित करके यहां पर 24 घंटा दी प्रज्वलन की व्यवस्था की जाए। समाधि स्थल को अति संवेदनशील को ध्यान में रखकर इसे ' हाई सिक्यिोरिटी एरिया ' घोषित किया जाए। समाधि स्थल पर आने वाले पर्यटकों के लिए देशरत्न डा . राजेन्द्र प्रसाद के जीवनवृत की जानकारी संबंधी दस्तावेजी प्रमाण , फोटोग्राफ , इनसे जुड़े राजनीतिक घटनाक्रमों का विस्तृत विवरण इत्यादि से संबंधित सामग्री उपलब्ध कराई जाए एवं इसकी जानकारी देने के लिए गाईड की नियुक्ति की जाए।
वहीं मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को स्मरण कराया गया है कि आज से ठीक पांच साल पहले 3 दिसम्बर 2009 को पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डा . राजेन्द्र प्रसाद के 125 वीं जयंती के अवसर पर इस स्थल को ऐतिहासिक स्मारक बनाने की सार्वजनिक घोषणा की थी। वहां पर डा . राजेन्द्र प्रसाद स्मारक संग्रहालय बनाने की घोषणा की गयी थी। डा . प्रसाद की जीवन - वृत की पुस्तिका प्रकाशित कर आम लोगों को सर्मपित किया जाएगा। इस स्थल का पर्यटकीय दृष्टिकोण से सोन्दर्यीकरण किया जाएगा। उनकी स्मृति में 3 दिसम्बर को प्रतिवर्ष सरकार के द्वारा मेघा दिवस के रूप में मनाया जाएगा। मगर घोषणाओं को अमलीजामा नहीं पहनाया गया।
Alok Kumar


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