पटना। इसे आप क्या कहेंगे ? एक ही मार्ग पर पेसू भी कार्य कर रहा है। उसी मार्ग पर गैमन इंडिया लि . का भी काम हो रहा है। पेसू ने खगौल से दीघा तक भूगर्भ बिजली तार दौड़ाया है। उसी तरह गैमन इंडिया खगौल से दीघा तक सड़क निर्माण कर रहा है। पेसू के द्वारा भूगर्भ बिजली तार को गैमन इंडिया के जेसीबी मशीन के चालकों ने भूगर्भ तार को 2 बार क्षतिग्रस्त किए। एक बार गैमन इंडिया के डंपर से बिजल खंभा को नुकशान पहुंचाया। दोनों के बीच से उत्पन्न नासमझी से आाम नागरिक परेशान हो रहा है।
पेसू और गैमन इंडिया लि . आमने - सामनेः पेसू के अधिकारियों का कहना है कि हमलोगों ने गैमन इंडिया को खगौल से दीघा तक का नक्शा उपलब्ध करा दिया है। लगभग सभी जगहों पर भूगर्भ बिजली लाइन को सड़क के किनारे ही दौड़ाए है। अगर किसी जगह क्रॉसिंग है। उसे ऊपर उठाकर स्टेशन तक ले जाना है। उसे भी इंगित कर दिया गया है। एक यंत्र दिया गया है। जो सही दिशा की ओर इशारा करता है। तार गुजर रहा है। इसके बावजूद भी जेसीबी मशीन के चालक बेमन से काम करके तार को क्षतिग्रस्त करने पर उतारू हैं। एक बार नहीं दो बार क्षतिग्रस्त कर दिए हैं। इससे साबित हो रहा है कि हमलोगों को नुकशान पहुंचाने पर अमादा हैं। विदेश से समान और इंजीनियर आकर क्षगिग्रस्त तार को दुरूस्त करते हैं। स्वीडन के विशेषज्ञ से सहयोग लिया जा रहा है।
डंपर ने संत माइकल स्कूल के पास और बालूपर मोहल्ले के सामने बिजली खंभा में धक्का मार दिया। इसके कारण लोग बेहाल हो गए। साधनहीन पेसू के पास साधन नहीं रहने के कारण 2 घंटे का कार्य 10 घंटे में पूरा किया गया। मौके पर बीएसपीएससी के सीएमडी और एमडी भी पहुंच गए। यहां पर जरूरत के अनुसार निर्देश देते रहे।
राजधानी वासी पूरी रात छटपटाते रहेः इन तीनों वारदात को लेकर राजधानी वासी पूरी रात छटपटाते रहे। हरदम नीचे रहकर ऊपर की ओर ध्यान लगाते रहे कि बिजली रानी आ जाए। सबसे अधिक परेशानी बड़े - बड़े अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों को हुई। बिजली के नहीं रहने से इनवर्टर तक ने काम करना बंद कर दिया। नतीजतन एसी में रहने के आदि हो चुके लोगों ने पंखा झेलकर किसी तरह रात गुजारी। दिन में भी बिजली की आंख मिचौली जारी रही।
गैमन इंडिया लि . के खिलाफ आवेदनः विकास चन्द्र ने मुख्य मंत्री जीतन राम मांझी और पटना के एसएसपी के समक्ष शिकायत दर्जकर गैमन इंडिया लि . पर मुकदमा चलाने का आग्रह किया है। इनके नकारापन कार्य से लोग बेहाल हो रहे हैं। बीएसपीएससी के सीएमडी के अखबारों में प्रकाशित बयान को आधार बनाया गया है।
Alok Kumar
No comments:
Post a Comment