Sunday 3 August 2014

सरकारी दफ्तरों का हाल बिन सेवा शुल्क के सेवा कार्य नहीं


         वर्ष 2012 से चिट्ठी - चिट्ठी खेल खेलने से महादलित रामाश्रय रविदास हलकान
हिलसा। इन्दिरा आवास योजना से मकान नहीं बन रहा था। तब वर्ष 2012 में प्रखंड विकास पदाधिकारी , हिलसा के पास आवेदन दिया गया। इस आवेदन पर बीडीओ साहब कोई कार्रवाई नहीं किए। प्रखंड स्तर पर कार्रवाई होने पर सीधे जिले में छलांग लगा दिए। जन शिकायत कोषांग , बिहार शरीफ में जाकर 16 अगस्त ,2012 को आवेदन दे दिए। यहां पर भी कार्रवाई नहीं होने पर निराश होकर पुनः 2 जून ,2014 को प्रखंड विकास पदाधिकारी , हिलसा को आवेदन दे दिए। यह नौकरशाहों का कारनामा है। इसमें जन प्रतिनिधि और दलाल की भूमिका भी अहम है। बिन सेवा शुल्क के सेवा कार्य नहीं किया जाता है।
चिट्ठी - चिट्ठी खेल जारी हैः पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र नालंदा में खेल खेला जा रहा है। स्व . बालकिशुन रविदास का पुत्र रामाश्रय रविदास हैं। जो ग्राम नदहा , पोस्ट कछियावां , थाना हिलसा और जिला नालंदा में रहते हैं। रामाश्रय रविदास ने अनुमंडल पदाधिकारी , हिलसा , नालंदा के पास आवेदन दिए हैं।आवेदन में उल्लेख किया गया है कि वर्ष 2012 में प्रखंड विकास पदाधिकारी , हिलसा के पास इन्दिरा आवास योजना स्वीकृत करने हेतु आवेदन दिए थे। लेकिन आवेदन स्वीकृत नहीं हुआ। इसके बाद 16 अगस्त ,2012 को जन शिकायत कोषांग , बिहार शरीफ में जाकर आवेदन दिए। तब जाकर 2 जून ,2014 को प्रखंड विकास पदाधिकारी , हिलसा को फिर से आवेदन दिए। रामाश्रय रविदास का बीपीएल नम्बर 147 और प्राप्तांक 09 है। फिर भी इन्दिरा आवास योजना की राशि विमुक्त नहीं की जा रही है।
किसको मिलता है इन्दिरा आवास योजना से लाभ ? : गरीबी के नीचे जीवन बसर करने वालों को सरकार के द्वारा सर्वें करवाने के बाद गरीबी रेखा निर्धारित की जाती है। इनको बीपीएल नम्बर और प्राप्तांक दिया जाता है।योजना से लाभ पाने के हकदार गरीबी रेखा के नीचे प्राप्तांक के आधार पर तय किया जाता है। मान लीजिए कि आपको प्राप्तांक 7 है। तो सबसे पहले आपको इन्दिरा आवास योजना से लाभ मिलेगा। इसके बाद 8, 9, 10 और 11 को मिलेगा। अभी यह हाल है कि 8 और 9 प्राप्तांक को छोड़कर 10 और 11 प्राप्तांक वालों को इन्दिरा आवास योजना से लाभ मिल गया है। इसको लेकर लोगों में आक्रोश व्याप्त है।
आखिर कौन करता है गोरखधंधा ? : पंचायत के मुखिया , पंचायत सचिव और प्रखंड कार्यालय के नौकरशाह करते हैं। इन लोगों के बीच में समन्वयन स्थापित करने कार्य दलाल करते हैं। यह दलाल रकम के बल पर उलटफेर करने लगता है। अभी 15 हजार रू . देने से तुरंत इन्दिरा आवास योजना की रकम मिल जाएगी। शिविर लगाते वक्त औपचारिकता निर्वाह कर लिया जाता है। प्रभावित रामाश्रय रविदास के मामले पर पैनी नजर दौड़ाने से भी पता चल पा रहा है।
Alok Kumar

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