चिकित्सक ने कहा कि एक नस सूख जाने के कारण आंख पर पड़ा प्रभाव
पटना।
महादलित अर्जुन मांझी
और रीता देवी
की पुत्री सुमन
कुमारी आंख से
नहीं देख पाती
हैं। उसे इंसेफ्लाइटिस
नामक बीमारी हो
गयी थी। उत्तर
बिहार में इंसेफ्लाइटिस
बीमारी जानलेवा साबित
होती है। सैकड़ों
बच्चों की अकाल
मौत हो जाती
है। इस मामले
में अर्जुन मांझी
और रीता देवी
भाग्यशाली रहे। आंख
गवाने के बाद
भी सुमन कुमारी
जीर्वित है। सभी
जगहों से थकहार
कर रीता देवी
कहती हैं। यह
किसी डायन की
करतूत है। उसने
औझाओं से झारफूंक
भी करवायी थीं।
चिकित्सक से चिकित्सा
भी करायी। चिकित्सा
ने सुमन कुमारी
के संदर्भ में
कहा कि एक
नस सूख जाने
के कारण देख
नहीं पाती हैं।
चिकित्सा करवाने में 25 लाख
रू.
से अधिक की
रकम खर्च होगी।
दोनों
दम्पति
कूड़ों
के
ढेर
पर
रद्दी
कागज
आदि
चुनकर
और
उसे
बेचकर
जीविकोपार्जन
करते
हैं।
दोनों
पड़े
और
लिखे
नहीं
हैं।
जो
कौन
बनेगा
करोड़पति
के
गेम
शो
के
हॉट
शीट
पर
बैठकर
महानायक
और
के.बी.सी.के एंकर
अमिताभ
बच्चन
के
उछाले
सवालों
का
जवाब
दनादन
देकर 25 लाख
रू. से अधिक
की
राशि
जीत
सके।
यह
कार्य
सरकार
और
किसी
एनजीओ
के
माध्यम
से
ही
हो
सकता
है।
दोनों
के
संयुक्त
प्रयास
से
ही
सुमन
कुमारी
की
आंखों
की
रोशनी
वापस
आ
सकती
है।
पटना
शहर
से
सटे
गंगा
अपार्टमेंट
के
सामने
एल.सी.टी. घाट
गंगस्थली
में
स्थित
एल.सी.टी. घाट
मुसहरी
की
रीता
देवी
ने
कहा
कि
मासिक
पत्रिका ‘पंचायत
संदेश’ में
सुमन
कुमारी
के
बारे
में
फीचर
न्यूज
प्रकाशित
करवाकर
आवेदन
पत्र
के
साथ
तत्कालीन
स्वास्थ्य
मंत्री
अश्विनी
चौबे
को
दिया
गया।
स्वास्थ्य
विभाग
और
जदयू-बीजेपी
की
सरकार
ने
आवेदन
पर
ध्यान
ही
नहीं
दिया।
इसके
अलावे
गैर
सरकारी
संस्था
कुर्जी
होली
फैमिली
अस्पताल
के
सामुदायिक
स्वास्थ्य
एवं
ग्रामीण
विकास
केन्द्र
में
सुमन
कुमारी
की
आंख
दिखायी
गयी।
केवल
चिकित्सक
डायग्नोसिस
कर
बता
दिए
कि
एक
नस
के
सूख
जाने
के
कारण
आंख
की
रोशनी
गायब
हो
गयी
है।
इसके
अलावे
चिकित्सक
और
एनजीओ
ने
मानवता
को
दरकिनार
करके
आगे
की
कोई
कार्रवाही
नहीं
की
है।
कुछ
रकम
के
कारण
ही
सूमन
कुमारी
आजीवन
अंधी
बनकर
ही
रह
जाएगीं।
इस समय
बिहार
में
महादलित
मुसहर
समुदाय
के
मुख्यमंत्री
हैं।
मुख्यमंत्री
जीतन
राम
मांझी
का
कर्त्तव्य
बनता
है
कि
सूबे
के
लोगों
का
कल्याण
और
विकास
करें।
मुख्यमंत्री
दलित
और
महिलाओं
के
बारे
में
संवेदनशील
हैं।
वे
हमेशा
नौकरशाहों
से
कहते
हैं।
दलित
और
महिलाओं
को
उपेक्षित
नहीं
किया
जाए।
यहां
तो
अर्जुन
मांझी
और
रीता
देवी
की
सुपुत्री
सुमन
कुमारी
दलित
और
महिला
हैं।
इस
लिहाज
से
नौकरशाहों
को
संवेदनशील
होकर
सुमन
कुमारी
का
इलाज
करवाने
की
प्रक्रिया
शुरू
कर
देनी
चाहिए।
आलोक
कुमार
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