Monday 20 October 2014

गया जिले में 6 माह से राशि आवंटित नहीं होने से मनरेगाकर्मियों के घरों में त्योहार फीका-फीका

गया। गया जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम रेंग-रेंग कर चल रहा है। बेहतर ढंग से यूंसमझ लीजिए कि मनरेगा अंतिम सांस गिन रहा है। इस जिले के जिला समाहर्ता संजय अग्रवाल ने स्पष्ट तौर पर कह दिया है। कि आप रोजगार पंचायत सेवक लोग काम ही स्टार्ट न करें। केन्द्र में मोदी सरकार के आगमनकाल से ही मनरेगा डगमगाने लगा है। इस समय 6 माह से जिले में मनरेगा की राशि आवंटित नहीं हो रही है। जो मनरेगाकर्मी कार्यशील हैं। उनको मजदूरी ही नहीं दी जा रही है। इसके कारण दशहरा और बकरीद सूखे-सूखे रह गया। वहीं दीपावली और महाछठ भी फीका-फीका रहने की संभावना है। इसका असर जिले के 332 पंचायतों पर पड़ेगा। 

मानपुर पंचायत के पंचायत रोजगार सेवक अजय सिंह कहते हैं कि हमलोगों की बहाली 2007 में की गयी थी। सभी बिहार संयुक्त प्रवेश परीक्षा समिति की परीक्षा में शामिल हुए। प्रदेश के 38 जिले के साढे तीन लाख परीक्षार्थी सफल हुए। सफल उम्मीदवारों को विभिन्न विभागों में समायोजित किया गया। मैट्रिक उर्त्तीण उम्मीदवारों को ग्रामीण विकास विभाग,पटना ने सूबे के 8464 पंचायतों के लिए 8464 पंचायत रोजगार सेवक के पद पर बहाल कर लिए। इन लोगों का साक्षात्कार जिले के जिला पदाधिकारी और उपविकास आयुक्त ने किया। इसके बाद डाक्टरी जांच और पुलिसिया जांच भी करवायी गयी।
प्रदेश अध्यक्ष देवता प्रसाद दीक्षित ने कहा कि हमलोगों का दुर्भाग्य यह है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी अधिनियम में मनरेगा रोजगार सेवक बना दिया गया। शुरूआती दौर में ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा साल 2007 में 2000 रू. का मानदेय दिया गया। इसके बाद दो हजार रू.की बढ़ोत्तरी कर 4000 रू. मानदेय कर दिया गया। अभी 6681 रू. मानदेय मिलता है। इस बीच ग्रामीण विकास विभाग ने 681 रू. कर्मचारी भविष्य निधि में जमा करना शुरू कर दिया। मगर विभाग ने पंचायत रोजगार सेवकों के नाम से कर्मचारी भविष्य निधि का खाता ही नहीं खोला गया है। इस बाबत विभाग के द्वारा किसी तरह की जानकारी को हमलोगों के बीच में साझा नहीं किया जाता है।

मोहनपुर प्रखंड के पंचायत रोजगार सेवक जितेन्द्र प्रसाद ने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव एसएम राजू ने पंचायत रोजगार सेवको को पंचायत सचिव के पद पर पदोन्नत करने का आश्वासन दिए। मगर आश्वासन पूर्ण करने के बदले ग्रामीण विकास विभाग ने इंटर और स्नातक स्तरीय पदों पंचायत सचिव और राजस्व कर्मचारी की नियुक्ति निकाल दी। 11 फरवरी से 20 अक्टूबर तक ऑनलाइन आवेदन करना है। अब ऑनलाइन की अवधि को बढ़ाकर 31 अक्टूबर कर दी गयी है। 30 लाख आवेदन आ चुके हैं। इसमें 20 लाख इंटर और दस लाख स्नातक स्तरीय पदों पर नियुक्ति के लिए है। 17100 पदों पर नियुक्ति के परीक्षा ली जा रही है। 

फतेहपुर प्रखंड के पंचायत रोजगार सेवक डा.ललन पासवान कहते हैं कि हमलोगों को छंटनी करने के उद्देश्य से ही पंचायत सचिव और राजस्व कर्मचारी की नियुक्ति निकाली गयी है। हमलोग मैट्रिक स्तरीय पंचायत रोजगार सेवक हैं। अब इंटर और स्नातक स्तरीय कर दिया गया है। इसके आलोक में एक हजार की संख्या में पंचायत रोजगार सेवक आवेदन ही नहीं भर पाएंगे। वहीं उम्र में 7 साल की छूट दी गयी है। आरक्षण वाले 40 साल और पंचायत रोजगार सेवक 47 साल व सामान्य जाति के लोग 37 साल और पंचायत रोजगार सेवक 42 साल की उम्र वाले आवेदन कर सकते हैं। सात साल की छूट देने के बाद हजारों की संख्या आवेदन देने के लिए अयोग्य हो जाएंगे।


आलोक कुमार

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