समस्याओं
को दूर
बहुत दूर
कर देना
ही सरकार
की चतुराई
पटना। अपने झोपड़ी के द्वार पर बैठकर महादलित मुसहर समुदाय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बुला रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समर्थन में मुठ्ठी बांधकर नारा बुलंद करते हैं। ऐसा करने से उनको नामालूम है कि खुद मुख्यमंत्री अथवा अपने अधिकारियों को नाच बगीचा मुसहरी में भेजकर समस्याओं का समाधान करा देंगे।
महादलित
मुसहर समुदाय
की क्या
समस्या है?
विख्यात बाटा कम्पनी के बगल में नाच बगीचा है। जो पटना सदर प्रखंड में पड़ता है। यह क्षेत्र दानापुर निजामत नगर परिशद के वार्ड नम्बर-32 में पड़ता है। नाच बगीचा में आशियाना बनाकर महादलित मुसहर समुदाय के गरीब लोग रहते हैं। आजादी के 66 साल के बाद भी इनकी किस्मत में मिट्टी की दीवार वाले घर ही लिखा हुआ है। जब त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत में रहते थे उस समय भी महादलितों के आशियाना बनाने का प्रयास नहीं किया गया। सो सुअर के बखोरनुमा घर में ही रहने को बाध्य हो रहे हैं। समाज के किनारे रह जाने वाले मुहसर समुदाय को लालू-राबड़ी सरकार ने सुधि लेकर वासगीत पर्चा निर्गत कर दिया है। उसे बक्सा में जतन करके रखे हुए हैं। उससे नियमित पैसा जमा करके रसीद कटा लेते हैं।
जिलाधिकारी
महोदय को
आवेदन पत्र
पेश
कियेः
महादलित मुसहर समुदाय के लोगों का कहना है कि इन दिनों राजधानी में भव्य-भव्य इमारत खड़ी की जा रही है। वहीं हम लोग सुअर के बखोरनुमा घर में रहने को बाध्य हो रहे हैं। दुखद पहलु यह भी है कि समय-समय पर योजनाओं में बदलाव लाकर सरकार के द्वारा महादलितों के रहने लायक घर बनाया जाता है। परन्तु आजतक नाच बगीचा में प्रयास ही नहीं किया गया। इसके कारण महादलितों में आक्रोश व्याप्त है। जबकि शहर से बहुत ही कम दूरी पर नाच बगीचा स्थित है। यहां के महादलित विट्टेश्वर मांझी,सोमर मांझी आदि का कहना है कि हम लोग 125 सालों से नाच बगीचा में रहते हैं। सबसे पहले राष्ट्रीय ग्रामीण नियोजन कार्यक्रम से घर बना। इसके बाद ग्रामीण भूमिहीन नियोजन गारंटी कार्यक्रम और आजकल इन्दिरा आवास योजना से मकान बन रहा है। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश के सहयोग और जन संगठन एकता परिषद के दबाव के कारण 70 हजार रूपए में इन्दिरा आवास योजना से मकान निर्माण कराया जा रहा है।
हम लोगों ने 8 अगस्त, 2013 को पटना के डी.एम. साबह डा. एन.सरवन कुमार
के जनता दरबार में आवेदन पत्र पेशकर घर बनाने की मांग कर दी है। ध्यान रहे कि यहां पर व्यक्तिगत ही मकान बनाया जाए। इस तरह की जानकारी को उल्लेख कर दिया गया है।
जल्द
से जल्द
कदम उठाने
की जरूरत
हैः
महादलितों के द्वारा प्रेषित आवेदन के आलोक में जल्द से जल्द कदम उठाना चाहिए। इन दिनों महादलितों को लेकर पटना के डी.एम. साबह डा. एन.सरवन कुमार
बहुत ही सक्रिय नजर आ रहे हैं। खुद ही नाच बगीचा में आकर महादलितों की समस्या को देख सकते है। यहां पर कई पुश्त के लोग झोपड़ी में जन्म लेते हैं। झोपड़ी में जवान होते हैं और झोपड़ी में ही मर जाते हैं। आखिर नाच बगीचा में झोपड़ी के बदले पक्के मकान बनाने का क्यों नहीं प्रयास किया गया? इस सवाल के जवाब पटना के डी.एम. साबह डा. एन.सरवन कुमार
खोजकर दूर कर सकते हैं।
सरकार
गोद ले
लें:
वक्त की मांग है कि सरकार मुसहरी को गोद लेकर समस्याओं को दूर बहुत दूर कर दें।
यह बीरजू मांझी, नीरजू मांझी ,नकीर मांझी ,नागेश्वर मांझी ,सुखाड़ी मांझी,शंभू मांझी,
सुरेन्द्र मांझी, स्ंजय मांझी, लेबू मांझी, संतोष मांझी आदि का कहना है।
Alok Kumar