पटना और दिल्ली में अधिकार रैली की गयी
पटना। बिहार में जदयू के द्वारा घोषित महाधरना सफल रहा। कोई 10 दिनों
की
तैयारी
में
महाधरना
में
लोग
उभड़े
और
वादाखिलाफी
करने
वाले
बीजेपी
को
आड़े
हाथों
लिए।
संपूर्ण
क्रांति
के
महानायक
जयप्रकाश
नारायण
जी
की
प्रतिमा
समक्ष
महाधरना
दिया
गया।
इसमें
पूर्व
मुख्यमंत्री
नीतीश
कुमार
ने
केन्द्र
और
प्रदेश
के
बीजेपी
नेताओं
को
खरी-खरी सुनाई। बिहार के 40 सीटों
में
31 सीट
जीतने
वाले
सांसदों
को
बिहार
को
विशेष
राज्य
का
दर्जा
देने
की
पहल
नहीं
की
जा
रही
है।
वहीं
अब
कहने
लगे
कि
सत्ता
परिवर्तन
के
बाद
बिहार
को
स्पेशल
पैकेज
देंगे।
आठ
माह
इंतजार
कर
लें।
पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं कि मैंने तो सत्ता को रिमोर्ट कंट्रोल से नहीं चला रहा हूं। हम तो डायरेक्ट ही सत्ता चला रहे थे। लोकसभा के चुनाव में शिकस्त होने के बाद नैतिकता के कारण मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दिया। हम सिद्धांत में विश्वास करते हैं। आप देखे न कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बदल गए हैं। कहते थे कि आप लोग इंतजार करें। कांग्रेस को पटकनी देने के बाद सत्तासीन होते ही विशेष राज्य का दर्जा दे दिया जाएगा।अब तो प्रधानमंत्री बन गए हैं। बिहार में आकर कर्ज उतार देने के वादा करने वाले भोर पड़ गए हैं। मात्र 31 प्रतिशत
वोट
प्राप्त
कर
लोकसभा
में
282 सीट
प्राप्त
कर
सके।
आज
5 माह
के
बाद
भी
हनीमून
पीरिएड
में
हैं।
इनका
यह
पीरिएड
कब
खत्म
होगा? मस्तीखोर हो गए हैं। सबके सब छमक रहे हैं।
अब तो नारा बुलंद करने लगे हैं कि हरियाणा और महाराष्ट्र की जीत हमारी है और अब बिहार और झारखंड की बारी है। इस पर भी नीतीश कुमार को छोड़ते नहीं है। भूल गए इसी देश के लोग तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी 400 सीट
जीत
पाए
थे।
इसके
बाद
क्या
हश्र
हुआ? यह समझने की जरूरत है। लोकतंत्र में सत्ता किसी की बपौती नहीं है। आज बिहार उपेक्षित है। उपेक्षित बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जा रहा है। वहीं केन्द्र सरकार के द्वारा भेदभाव किया जा रहा है। केन्द्र सरकार की बेरूखीपन के चलते सवा करोड़ लोगों का हस्ताक्षरयुक्त स्मार पत्र पेश किया गया। इस पर दबाव डालने के लिए पटना और दिल्ली में अधिकार रैली आयोजित की गयी।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार के द्वारा रेल और सड़क परियोजना को पूरा करने के लिए राशि विमुक्त कर रही है। सड़क निर्माण करने में एक हजार करोड़ रू. लगा दिए हैं। इसको भी वापस नहीं किया जा रहा है। गांधी सेतु का हाल जर्जर होते चला जा रहा है। यह एनएच मार्ग है। जो केन्द्र सरकार के द्वारा दुरूस्त करवाना चाहिए। मगर हो नहीं रहा है। कब वह ठप हो जाए कोई नहीं जानता है। दीघा-सोनपुर रेलवे पुल को भी उपक्षित छोड़ दिया गया है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के द्वारा गांधी मैदान में रिमोर्ट से परियोजना का उद्घाटन किया गया। उस समय रेलमंत्री थे। पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केन्द्र सरकार पर आरोप लगा कि 73 प्रतिशत
किसानों
को
बोनस
देते
थे।
केन्द्र
सरकार
ने
बोनस
नहीं
देने
का
आदेश
दिया।
इसके
बाद
किसान
रोड
मेप
बनाया
गया।
इन दिनों जदयू को संगठित करने का प्रयास किया जा रहा है। समान विचारधारा के लोगों को एकजूट किया जा रहा है। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ट नारायण सिंह, सांसद अनवर अली अंसारी,अजय पासवान, छठिया देवी आदि ने भी विचार व्यक्त किए। पूर्व विधायक सतीश बाबू ने महाधरना का संचालन किया।
आलोक कुमार
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