Thursday 9 October 2014

महादलित मुसहरों की शबरी कॉलोनी में यक्ष्मा बीमारी के बाद मिर्गी की बीमारी ने फन उठाया


मिर्गी की बीमारी से 5 लोग आक्रांत
पटना। केन्द्र में अच्छे दिन लाने वाली सरकार है। तो राज्य में सुशासन लाने वाली सरकार है। दोनों सरकार से लोगों का कल्याण और विकास नहीं हो रहा है। ऐसे लोग बीमारी आने पर अंधविश्वासी पहल करने लगते हैं। गा्रमीण परिवेश में रहकर सयाने होने वाले लोग अब अरबन एरिया में भी रहकर ग्रामीणों की तरह ही व्यवहार करते हैं।

यह हाल पटना नगर निगम के वार्ड नम्बर एक काः दीघा मुसहरी (शबरी कॉलोनी) में मुसहर समुदाय के लोग रहते हैं। जब भी महादलित मुसहर समुदाय के लोग बीमार पड़ते हैं। तब बीमार होते ही सबसे पहले अंधविश्वासी खेल खेलने लगते हैं। चांद और मंगल पर जाने वाले देश के लोग अवैज्ञानिक तरीके से इलाज करवाने की पहल करने लगते हैं। आज अंधविश्वासी खेल का दर्शन हुआ। राजेन्द्र मांझी के पुत्र गोपी कुमार बीमार पड़ गया। कई बार मिर्गी का दौरा पड़ा है। इस बार भी जमीन पर लेटकर छटपटा रहा था। मुंह से फेन गिरने लगा। ऐसी हालात में गोपी को छोड़कर मुसहर समदाय के लोग चमड़ा का जूता-चप्पल खोजने लगे। अगर मौके पर चमड़ा का जूता नहीं मिला। अगर मिल जाता तो प्रभावित के नाक पर रखा जाता। वह सूंघता और उसके बाद ठीक हो जाता। यह लोक आस्था अथवा अंधविश्वास है! कई प्रकार की आधुनिक दवा उपलब्ध है। इसका सेवन करने से बीमारी ठीक हो सकती है।

Gopi Kumar
मुर्गी का दौरा पड़ने वाले गोपी के पास पहुंचेः आज गुरूवार को सुबह पटना-दीघा रेलखंड पर चलने वाली शहीद गाड़ी पकड़ने गए। दीघा हॉल्ट के आसपास जाने पर संजय मांझी की पत्नी आकर पैर निहारने लगी। हां, सर तो चमड़े का सैंडल नहीं पहने हुए हैं। इससे मुर्गी का दौरा खत्म नहीं करवाया जा सकता है।यह पूछने पर बताया गया कि राजेन्द्र मांझी के पुत्र गोपी कुमार को मिर्गी का दौरा पड़ा हुआ है। उसके द्वसास बताए इशारे और राह पर चलकर गोपी कुमार के पास पहुंचे। वहां पर वह धरती पर ही लेटा था। देखने से पता चला कि उसके मुंह से फेन गिर रहा था। वहां पर कुछ समय तक इंतजार करने के बाद गोपी को उठने के लिए कहा गया। वह आवाज सुनते ही उठ खड़ा हो गया। मुंह से गिर रहे फेन को साफ कर दिया। बताते चले कि उसे बिना चमड़े का जूता-चप्पल सूंघाएं ही चलने-फिरने लगा।

इस रोग के बारे में लोग जानते हैं: इस रोग के बारे में मुसहर समुदाय के लोग जानते हैं। इसे चमकी, दौड़ा आदि कहा कहते हैं। यह भी जानते हैं। यह सिर के नस की बीमारी है। तब पनपतिया देवी कहती हैं कि उनके पुत्र पन्नु मांझी को भी मिर्गी का दौरा आता है। विजय मांझी ने कहा कि स्व. सुखदेव यादव के पुत्र विसुन यादव को और स्व. रामप्रवेश मांझी के पुत्र जितेन्द्र कुमार को भी दौरा पड़ता है। आगे बढ़ने पर कांति देवी कहती हैं कि उनकी नतनी चांदनी कुमारी भी परेशान हैं। इस तरह क्षणिक जानकारी प्राप्त करने पर राजेन्द्र मांझी के पुत्र गोपी कुमार, स्व.किसुन चौधरी के पुत्र पन्नु मांझी,स्व.सुखदेव यादव के पुत्र विसुन यादव, स्व. रामप्रवेश मांझी के पुत्र जितेन्द्र कुमार और कमलेश मांझी की पुत्री चांदनी कुमारी आक्रांत हैं।

असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारीः महादलित मुसहरों की शबरी कॉलोनी में यक्ष्मा बीमारी के बाद मिर्गी की बीमारी ने फन उठाया। इस जिले के सिविल सर्जन से आग्रह है कि चिकित्सकों की टीम भेजे। यहां पर मेडिकल कैम्प लगाकर लोगों की जांच हो। हेल्थ एडुकेटर का कर्त्तव्य बनता है कि विभिन्न मुसहरियों में जाकर स्वास्थ्य शिक्षा और अंधविश्वास को सात समन्दर दूर भेजने के लिए लोगों को जागरूक करें।


आलोक कुमार

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