Wednesday 19 November 2014

पटना उच्च न्यायालय में 1999 में जनहित याचिका


पटना जिले से जुड़े 1585 कर्मियों का भविष्य फाइलों में उलझकर रह गया

राज्य में रिक्त चतुर्थवर्गीय पदों पर समायोजन कर दें

पटना। बिहार मौसमी डी.डी.टी.छिड़काव कर्मचारी यूनियन से पटना जिले से जुड़े 1585 कर्मियों का भविष्य फाइलों में उलझकर रह गया है। पटना उच्च न्यायालय में 1999 में जनहित याचिका दायर की गयी। उसी साल माननीय न्यायालय ने आदेश पारित कर स्पष्ट किया है कि बिहार मौसमी डी.डी.टी.छिड़काव कर्मचारी यूनियन से जुड़े कर्मियों को राज्य में रिक्त चतुर्थवर्गीय पदों पर समायोजन कर दें। माननीय न्यायालय ने जिलाधिकारी को जिले में और राज्य में मुख्य मलेरिया पदाधिकारी को दायित्व प्रदान किया।


बताते चले कि स्वास्थ्य विभाग के मलेरिया एवं कालाजार विभाग के द्वारा 1985 से 2007 तक डी.डी.टी.छिड़कावकर्मियों को बहाल किया। 1985 में 10 रू. दैनिक मजदूरी देय था। 1992 में 20 रू. दिया गया। इसके बाद दैनिक मजदूरी बढ़ाकर 2007 में 145 कर दिया गया। गत 7 सालों से कर्मियों की बहाली बंद है। अभी 1585 कर्मी हैं। दैनिक मजदूरी 2014 में 175 रू. मिल रहा है। मजे की बात है कि मजदूर के रूप में बहाल होते हैं। मजदूर के रूप में ही अवकाश ग्रहण करते हैं। कई कमी हैं जो जिदंगी के 29 साल देने के बाद भी पदोन्नति नहीं किए जाते हैं। यहां पर समाजवादी व्यवस्था है। वहीं अधिकारी और नौकरशाह छठे वेतनमान लेकर मजे से जिदंगी काट रहे हैं।

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