Sunday 30 November 2014

संत माइकल उच्च विद्यालय कर्मी रेमी पास्कल की पत्नी का निधन



गरीबी के कारण कई रोगों को ढो रही थीं आग्नेस

और भाभी को मिट्टी देने ननद नहीं आयी


पटना। संत माइकल उच्च विद्यालय में सेवारत रेमी पास्कल की पत्नी आग्नेस रेमी का निधन हो गया। वह 55 साल की थीं। गरीबता के कारण आग्नेस का समुचित इलाज नहीं हो सका। परिजनों के अनुसार मृतक कैंसर,मूत्र के रास्ते में पत्थर और पीलिया रोग से पीड़ित थीं। कुर्जी होली फैमिली हॉस्पिटल में इलाज नहीं करा सके। समझा जाता है कि ईसाई समुदाय की पहुंच केवल मिशनरी संस्थाओं के प्रमुख और स्थानीय पल्ली पुरोहित के समक्ष ही रहती है। इस समुदाय को सरकारी योजनाओं की जानकारी नहीं दी जाती है। इसके कारण बीमारी के समय में मुख्यमंत्री सहायता कोष से सहायता प्राप्त नहीं कर सकते हैं।

प्रेरितों की महारानी ईश मंदिर में कुर्जी पल्ली के सहायक पल्ली पुरोहित फादर सुशील साह और संत माइकल हाई स्कूल के फादर टोम मिलकर रविवार को मिस्सा पूजा अर्पित किए। इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में मृतक के परिजन और शुभचिंतक उपस्थित रहे। इस अवसर पर प्रभु येसु ख्रीस्त का शरीर और रक्त के रूप में परमप्रसाद वितरण किया गया। दोनों पुरोहितों के साथ ईसाई समुदाय ने परमप्रसाद ग्रहण किए। मिस्सा पूजा समाप्त होने के बाद मृतका के शरीर के समक्ष उपस्थित होकर प्रार्थना की गयी। बॉक्स में बंद मृत शरीर पर पवित्र जल का छिड़काव किया गया।
बॉक्स में बंद मृत शरीर को दफनाने के लिए कुर्जी कब्रिस्तान लाया गया। बॉक्स को कंधे के सहारा देकर कब्रिस्तान में लाया गया। यहां पर प्रार्थना की गयी। कब्र पर आशीष का पानी छिड़काव किया गया। इसके बाद बॉक्स को बंद करके शरीर को मिट्टी के सुपुर्द कर दिया गया। इस तरह ईसाई समुदाय के रीति रिवाज के तहत कब्र में मिट्टी डाला गया। यह विश्वास किया गया कि कयामत के दिन कब्र में से जीर्वित निकलेगीं। मां से मोहभंग होने के समय में मृतका के परिजन जोरदार से रोने लगे। एक बच्ची को बारम्बार दांत लग जा रहा था। उसे पानी पिलाकर सामान्य बनाने का प्रयास किया। इनको देखकर अन्य लोगों की आंख से आंसू छलक गया।

चर्च में बैठाकर पुरोहितों के द्वारा उपदेश देने का परिणाम सामने नहीं आयाः किसी तरह के मिस्सा पूजा के आयोजन के दौरान पुरोहित उपदेश देते हैं। पवित्र बाइबिल और सामाजिक मूल्यों पर आधारित उपदेश होता है। अपने पड़ोसियों को अपने समान प्यार करो। एक बार नहीं अनगिनत बार क्षमा करना। इसके अलावे लोकोक्ति,कहावत,मुहावरा आदि का प्रयोग कर पुरोहित समझाते और बुझाते रहते हैं। रविवार के दिन जोरदार ढंग से उपदेश दिया जाता है। इसका परिणाम सामने नहीं दिखायी दिया। स्व. तरेशा पास्कल की बेटी माग्रेट रफायल के परिवार के लोग धार्मिक एवं सामाजिक कार्य को निपटाने नहीं आ गए। माग्रेट रफायल और रेमी पास्कल भाई-बहन है। किसी बात को लेकर अनबन हुआ है। इसके आलोक में माग्रेट रफायल के परिवार के लोग मिट्टी देने नहीं आए। भागी को मिट्टी देने ननद नहीं आयी। इसको लेकर जोरदार चर्चा होती रही। मगर माग्रेट रफायल की मां तरेशा पास्कल की कब्र में पुत्रवधू आग्नेस रेमी को दफन कर दिया गया।


आलोक कुमार

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