मानव सेवावृत्ति, विश्वशांति, सद्भावना व एकता के
दूत, युवा ह्नदय
सम्राट प्रातः स्मरणीय डा.एस. एन. सुब्बाराव (भाई जी) के कर कमलो में चम्बल के
नागरिकों की ओर से
अभिनंदन पत्र
मानवीय करूणा के अनन्य उपासक आपका
अभिनंदन करते हुए हमें असीम आनंद की अनुभूति हो रही है क्योंकि ये सम्पूर्ण मानव
जाति और मानवता का अभिनंदन है। करूणा और स्नेह के अमृत कलश आपका जीवन पाथेय अनुपम
और अनुकरणीय है।
अपनी जीवन आहूति से जग जीवन को
सुरभित करने वाले मनुष्यता के ”अभय साधक” आप हम सबके के लिये प्रेरणा का असीमित स्त्रोत हैं। आपकी जीवन
समिधा अनादिकाल तक महर्षि दधीची की अस्थियों के भांति दानवीय शक्तियों से लोहा
लेती रहेगी। भारतीय जनमानस में आपकी मानुषी ममता की जिजीविषा अनन्त काल तक
अनुगुंजित रहकर सदैव आपकी उपस्थिति का आभास देती रहेगी।
पौरूष पारिजात! विध्वंसो के बीच सृजन
की आश्वस्ति आजातशत्रु ही प्रदान करते है। अस्तित्व एंव अस्मिता के लिये
आत्मसंघर्ष करते हुऐ हमें आपने जीवन्त दिशा प्रदान की है। स्वदेशी वस्तुओ एंव
भावनाओं की अपरिहार्यता,चरित्र
निमार्ण,मानव कल्याण, व्यसन मुक्ति एवं
कुप्रथाओं के उच्चाटन के लिये आपका सत्याग्रह पुण्य सलिला भागीरथी की भांति पतित पावन है।
आस्था और श्रम साधनों के श्लाका
पुरूष आपके युवा चेतना, खादी एवं
ग्रामोद्योग,शिक्षा,स्वरोजगार, आदिवासी कल्याण के
प्रकल्प सेवा और श्रम के प्रतिकार्थ बन गये है। निःसर्ग भाव से दीन दुःखियों,दलितों, शोषितों एंव
पीड़ितों की सेवा में निरत महात्मन आपका हार्दिक अभिनंदन करते हुए हम आत्म गौरव का
अनुभव करते हैं।
चम्बल घाटी के शांतिदूत! आपने
दस्युओं के समपर्ण में अपने महती योगदान से सुख, शांति एवं विकास की भागीरथी अवतरित कर यहॉं
का कायाकल्प ही नहीं आत्मिक उद्धार भी किया हैं।
युवा ह्नदय सम्राट आपने युवा शक्ति
को रचनात्मक दिशा श्रम साधना से जो विकास की मशाल जलाई है उससे देश और विदेश के युवा अनुप्रमाणित हो सृजन के नवीन कीर्तिमान
स्थापित कर रहे हैं ।
सामाजिक एंव सांस्कृतिक मानमूल्यों
के लिए सतत प्रयासी अजातशत्रु। हम आपका आत्मिक अभिनंदन करते हुए आपके उत्तम आरोग्य
एवं सुस्मित दीर्घ जीवन के लिए मंगल कामना करते हैं।
समस्त नागरिक चम्बल घाटी
13 नवम्बर 2014 स्थान-जौरा, मुरैना, मध्यप्रदेश
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