अब हेलमेट
बनाने वालों को सोचना होगा
पटना।
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर फिलिप जोएल ह्मूज का निधन हो गया। सिडनी क्रिकेट ग्राउण्ड
में घरेलू प्रतियोगिता शेफील्ड शील्ड मैच के दौरान घायल हो गए थे। वह साउथ
ऑस्ट्रेलिया की ओर से बल्लेबाजी करने उतरे थे। तेज गेंदबाजों का अस्त्र से लैस
होकर न्यू साउथ वेल्स के बॉलर सीन एबॉट ने लेफ्ट हैंडर ह्मूज को बाउंसर फेंका। इस
बाउंसर गेंद को बेहतर ढंग से नहीं खेल सका। हेलमेट पहने रहने के बावजूद भी कान के
पीछे तरफ गेंद जाकर लग गयी। वह गेंद से जोरदार चोट खाने के बाद खड़े रहे। इसके बाद
जमीन पर गिरे तो फिर उठे नहीं। उनका जन्म 30 नवम्बर 1988 को हुआ था और जिन्दगी का अंत 27 नवम्बर 2014 को हो गया। 25 साल 362 दिन की जिदंगी
जिए। ह्मूज 3 दिन के बाद जन्म दिन मनाते। 26 साल के हो जाते।
ऑस्ट्रेलिया
के एससीजी में मंगलवार को साउथ ऑस्ट्रेलिया और न्यू साउथ वेल्स के बीच मैच खेला
गया। साउथ ऑस्ट्रेलिया की ओर से ह्मूज बल्लेबाजी करने उतरे।न्यू साउथ वेल्स के
बॉलर सीन एबॉट की बाउंसर गेंद को बेहतर ढंग से नहीं खेल सके। गेंद कान के पीछे तरफ
जाकर जानलेवा चोट दे गयी। इसके बाद वह खड़ा रहा। फिर वह जमीन पर गिर पड़ा। इसके कारण
सिर में अधिक चोट लग गयी।समझा जाता है कि सिर में चोट लगने से आंतरिक रक्तस्त्राव
हुआ। उसी समय कोमा में चले गए। उन्हें उठाकर कर सिडनी स्थित संत विन्सेंट हॉस्पिटल
में भर्त्ती किया गया। यहां पर चिकित्सकों ने सिर का ऑपरेशन भी किया। चिकित्सकों
और परिचारिकाओं की जमकर दवा और प्रशंसकों के दुआ जारी हो गया। उनको लाइफ स्पोर्ट
सिस्टम पर रखा गया। अन्ततः विधि के विधान के तहत चिकित्सकों एवं परिचारिकाओं की
दवा और प्रशंसकों के दुआ काम नहीं आया। गुरूवार को अंतिम सांस छोड़े। जब उनका निधन
हुआ उस वक्त उनके परिजन तथा दोस्त उनके साथ थे। क्रिकेट जगत उनके निधन पर शोक प्रकट
करता है।
अबतक
फिलिप जोएल ह्मूज ने 21 साल में डेब्यू किए थे। वे 26 टेस्ट और 25 वन-डे में
ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। 26 टेस्ट मैच में 32.65 औसत से कुल 1535 रन बनाए हैं। उसमें 3 शतक और 7 अर्द्धशतक है। उच्चतम स्कोर 160 है। 25 वन-डे में 35.91 के औसत से 826 रन बनाए।
इसमें 2 शतक और 4 अर्द्धशतक है। मात्रः एक टी-20 मैच में 6 रन बनाए हैं।
मुम्बई से आईपीएल खेलते थे। क्रिकेट के इतिहास में 1870 में पहली बार क्रिकेट खेलते समय मौत हुई थी। अभी तक क्रिकेट से 6 लोगों की मौत हो गयी है। इसमें क्रिकेटर के साथ अम्पायर भी
शामिल हैं। जनवरी 1998 में शॉट लेग पर फील्डिग करते वक्त
रमन लामा चालीस साल को गेंद से चोट लगी थी। और मौत की गोदी में समा गए। पाकिस्तान
के जुल्फिकार भट्टी और अफ्रीका के डेरिक रेंडल भी मौत के शिकार हो गए।
अब हेलमेट
बनाने वालों को सोचना होगा। आप हेलमेट बनाते हैं। क्रिकेटर हेलमेट पहनते हैं। कान
के पीछे की ओर चोट लग जाती है। हेलमेट के सामने वाले हिस्से में गेंद पहुंचकर नाक
को चोट दे जाती है। ऐसा हेलमेट बनाना चाहिए ताकि क्रिकेटरों के नाजुक अंगों की
रक्षा हो सके। अभी जो हेलमेट है। वह नया और पुराना है। जिस जगह पर ह्मूज को चोट
लगी है। उस जगह पर नया हेलमेट सुरक्षा देने में सक्षम है। इससे साबित होता है कि
वह पुराना हेलमेट ही पहना था। क्रिकेटरों में अंधविश्वास भी व्याप्त है। उस पर
चलकर समानों का उपयोग करते हैं। हेलमेट से ऊपर सर विवियन रिचडर््स और विख्यात सुनील
गवास्कर थे। जो कभी भी हेलमेट का इस्तेमाल ही नहीं किए। उस युग में वेस्ट इंडिज के
पेस बैटरी का बोलबाला था फिर सुनील गवास्कर ने हेलमेट पहना ही नहीं।
क्या 5.30 आँस की गेंद में बदलाव होगा? 22 गंज की दूरी को बढ़ाया जाए? यह कयास लगाया जा
रहा है।
आलोक
कुमार
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