Wednesday 17 December 2014

केन्द्र सरकार ने आयुष चिकित्सकों को 25 हजार रू.मानदेय निर्धारित किया और राज्य सरकार ने 15 हजार दिया



नेताओं के द्वारा सड़क से सदन तक दिया आंदोलन करने का आश्वासन

पटना। केन्द्र सरकार ने आयुर्वेद में बी.ए.एम.एस,यूनानीबी.यू.एम.एस,होमियोपैथी बी.एच.एम.एस. और सिंद्धा को मिलाकर आयुष (ए.वाई.यू.एस.एच.) चिकित्सक बनाया है। केन्द्र सरकार की ओर से 2010 में आयुष चिकित्सकों का मानदेय 25 हजार रू.निर्धारित किया। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एन.आर.एच.एम.)के अंदर चिकित्सकों को रखा गया है।बिहार में 1544 आयुष चिकित्सक हैं। इन चिकित्सको को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्र में रखा जाता है। और तो और राज्य सरकार की दुरंगी नीति के कारण निर्धारित मानदेय 25 हजार रू. से कम 15 हजार रू. ही दिया जाता है। चार वर्षों से चिकित्सकों का मानसिक और आर्थिक शोषण किया जा रहा है। इस तरह के अन्याय के खिलाफ 38 जिले के 1544 आयुष चिकित्सक बेमियादी हड़ताल पर चले गये हैं। चिकित्सकों के द्वारा हड़ताल पर चले जाने से स्वास्थ्य सेवा चरमरा गयी है।

आयुष मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (अमसा) के महासचिव डा.रणधीर कुमार सिंह ने कहा कि सरकार की नकारात्मक सोच एवं उदासीन रवैया के कारण ही बेमियादी हड़ताल पर जाने को बाध्य हो गये। बारम्बार सरकार के संग वार्ता करने की कोशिश की जाती है। मगर वार्ता कर पाने में सफल नहीं हो सके हैं। तब एक ही उपाय था कि हमलोग हड़ताल पर चले जाए। बस तीन सूत्री ही मांग है जो इस प्रकार है। चार वर्षों से कार्यरत अनुबंधित आयुष चिकित्सकों को बिना शर्त नियमित किया जाये। बिहार सरकार के गजट के अनुसार एलौथिक चिकित्सकों की नियमावली के अनुरूप आयुष चिकित्सकों की नियमावली बनायी जाये। सरकार आयुष चिकित्सकों का एलौथिक प्रक्षेत्र के अनुरूप समान मानदेय एरियर के साथ भुगतान की जाये। इन मांगों को लेकर 29 सिंतम्बर से 5 अक्टूबर 2014 तक काला बिल्ला लगाकर काम किया गया। 11 अक्टूबर को आयुष अधिकार रैली निकाली गयी। इतना करने के बाद भी सरकार के ऊपर प्रभाव नहीं पड़ा। एक आवश्यक बैठक के दौरान निर्णय लिया गया कि 7 नवम्बर से हड़ताल पर चले जाये। मगर स्वास्थ्य सचिव से सकारात्मक वार्ता के बाद आयुष चिकित्सकों ने हड़ताल पर चले जाने का निर्णय वापस ले लिये। एक माह गुजरने के बाद भी सरकार के द्वारा सकारात्मक कदम नहीं उठाने से आक्रोशित अमसा ने 15 दिसम्बर से बेमियादी हड़ताल पर चले गये।

नालंदा जिले में कार्यरत डाक्टर कमल सिंह ने बताया कि 15 दिसम्बर को पटना जिले के आयुष चिकित्सक धरना और प्रदर्शन में शामिल हुए। 16 दिसम्बर को मुजफ्फरपुर और 17 दिसम्बर को गया जिले के लोग धरना और प्रदर्शन में शिरकत किए। 18 दिसम्बर को भागलपुर और 19 दिसम्बर को पुर्णिया जिले के लोग सत्याग्रह करेंगे। इस बीच राजनीति और स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लोग आर.ब्लॉक चौराहे के करीब आकर हड़तालियों का मनोबल बढ़ा रहे हैं। बिहार स्वास्थ्य सेवा संद्य के महासचिव डा. अजय कुमार सिंह, बीजेपी के मीडिया प्रभारी संजय मयुख आदि आकर सड़क से सदन तक आंदोलन करने का आश्वासन दिए।


आलोक कुमार

No comments: