Thursday 1 January 2015

रैन बसेरा में प्राथमिक उपचार बॉक्स में केवल डिटॉल और पट्टी ही उपलब्ध


जब रात्रि पहर सोते समय ठंड लगती है तो बाहर जाकर आग तापकर उर्जा हासिल किया जाता



पटना। पटना नगर निगम के नूतन राजधानी अंचल के द्वारा रैन बसेरा में रहने वालों को चैन से रहने की व्यवस्था की है। आपको सूचना के अधिकार के तहत सूचना मांगने की आवश्यकता नहीं है। यहां पर खुद अंचल ने बोर्ड लगाकर पारदर्शिता की झलक दिखा दी है।


आपदा प्रबंधन विभाग के द्वारा अलाव की व्यवस्था करने को 28 लाख रू. विमुख किया है। इस राशि के बल पर 38 जिले में अलाव की व्यवस्था की जा रही है। पटना नगर निगम के नूतन राजधानी अंचल के द्वारा हड़ताली मोड़ स्थित रैन बसेरा में  विशुद्ध रूप से किया गया है। रैन बसेरा में 20 लोग रह सकते हैं। रात्रि-विश्राम की व्यवस्था हेतु बिछावन हेतु पुआल, बिछावन हेतु दरी,कम्बल,पेयजल,अलाव,प्राथमिक उपचार बॉक्स, बक्सा और बिजली-बत्ती की सुविधा उपलब्ध है। इतना रैन बसेरा में कर देने से मानव की न्यूनतम सुविधा उपलब्ध करा दी गयी है।


रैन बसेरा में रहने वालों ने बताया कि यहां के प्राथमिक उपचार बॉक्स में डिटॉल और पट्टी ही उपलब्ध है। इसके अलावे दवा-दारू नहीं है। बीमार पड़ने पर खुद ही खर्च कर बीमारी से छुटकारा पाया जाता है। अभी चार दिनों से अलाव करने की व्यवस्था की गयी है। एक दिन में 40 किलोग्राम लकड़ी उपलब्ध करायी जाती है। अब आप समझ सकते है कि अप्रयाप्त लकड़ी है। इससे रातभर नहीं ताप सकते हैं। जब रात्रि समय सोते समय ठंड लगती है तो बाहर जाकर आग तापकर उर्जा हासिल किया जाता है।

आलोक कुमार


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