Saturday 3 January 2015

30 दिसम्बर को पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक मधुरेश कुमार अवकाश ग्रहण किए


31 दिसम्बर को ए के मित्तल, पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक के रूप में पदभार ग्रहण
31 दिसम्बर 2014 को कार्य सम्पन्न करवाकर शिलापट्ट पर अपना नाम लिखवा लिए

पटना। पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक मधुरेश कुमार 30 दिसम्बर 2014 को अवकाश ग्रहण किये। अवकाश ग्रहण करने वाले  दिन 30 दिसम्बर को पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक मधुरेश कुमार दीघा में आकर गंगा नदी पर रेल-सह-सड़क पुल, पटना का मुख्य गर्डर इरेक्शन कार्य 31 दिसम्बर 2014 को सम्पन्न करा दिए। आप मधुरेश कुमार तो 30 दिसम्बर को अवकाश ग्रहण कर लिये और तो किस तरह से कार्य दिनांक 31 दिसम्बर 2014 को कार्य सम्पन्न करवाकर शिलापट्ट पर अपना नाम लिखवा लिए। 31 दिसम्बर को ए के मित्तल, पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक के रूप में पदभार ग्रहण कर लिए। कायदे से शिलापट्ट पर नवनियुक्त महाप्रबंधक ए के मित्तल का नामोल्लेख करना चाहिए था।
पूर्व मध्य रेल में मधुरेश कुमार ने 38 साल कार्य कियाः पूर्व मध्य रेल के पूर्व महाप्रबंधक मधुरेश कुमार ने गंगा नदी पर रेल-सह-सड़क पुल निर्माण कार्य को अंतिम रूप देने में जोरशोर से लगे थे। इसका यह परिणाम निकला कि गंगा नदी में 4.56 किलोमीटर लम्बा पुल के बीच में लगाये जा रहे स्पैन कार्य को समाप्त करा दिया गया। इस तरह पटना और सोनपुर के लोगों के दिल जुट गए। पटना का मुख्य गर्डर इरेक्शन (36 गुणा 123 मीटर) कार्य दिनांक 31 दिसम्बर 2014 को सम्पन्न हो गया। इस अवसर पर मुख्य प्रशासनिक अधिकारी(निर्माण) दक्षिण पूर्व मध्य रेल, महेन्दूघाट, पटना, हितेश खन्ना निदेशक/ कार्य इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड, नई दिल्ली आदि उपस्थित थे। इसके साथ 9.07 मीटर चौड़ाई वाली सड़क निर्माणधीन है।पाटलिपुत्र जंक्शन से  सोनपुर तक रेल लाइन की लम्बाई 14.33 किलोमीटर है।
नवनियुक्त पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक ए के मित्तल की परीक्षाः पूर्व मध्य रेल के पूर्व महाप्रबंधक हो गए हैं मधुरेश कुमार। अपने कार्यकाल में पाटलिपुत्र जंक्शन को चालू नहीं करा सके। हालांकि दर्जनों बार उद्घाटन तिथि घोषित करने के बाद भी सार्थक परिणाम नहीं दे सके। स्थानीय लोग पुल निर्माण करने की मांग कर रहे हैं। इसी पुल से लोग आवाजाही करते हैं। इस पर पूर्व मध्य रेल के अधिकारी तैयार नहीं हो रहे हैं। इसके अलावे ही 2007 से पहले से रहने वाले लोग विस्थापित हो रहे हैं। इनको पुनर्वास करने की व्यवस्था राज्य सरकार और रेलवे अधिकारी नहीं कर रहे हैं। आज भी गतिरोध जारी है। इस ओर नवनियुक्त पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक को ध्यान देकर ठोस कार्रवाई करने की आवश्यकता है। तब जाकर ही पाटलिपुत्र जंक्शन का उद्घाटन हो सकेगा। अब तो समय आने के बाद ही पता चल पायेगा कि किस तरह महाप्रबंधक कदम उठा पा रहे हैं।
आलोक कुमार

 

No comments: