Sunday 18 January 2015

दानवीरों के दान से ही चमेली देवी की बगियां खिल पाते?



कुछ दिनों के बाद चमेली देवी की आंख में जलन होने लगी

.............. वह धृतराष्ट्र बन गयी

पटना। वह 17 साल से लगातार भीख मांगती आ रही हैं। प्रेरितों की रानी ईश मंदिर में मिस्सा सुनने आने वाले ईसाई धर्मी ईश मंदिर में भी दान करते हैं। इन दानवीरों को प्रभु येसु ख्रीस्त ने रकम दे रखा है। मिस्सा सुनकर घर जाते समय राह में बैठे भीख मांगने वालो को भी पैसा बरसाते चले जाते हैं।राह के किनारे बैठने वाले भीखमंगे अदब से जय येसुकहते हैं। दानवीर भी जवाब में जय येसुकहते हैं। इन दानवीरों के दान से ही चमेली देवी की बगियां खिल पाता है। चमेली देवी का दुर्भाग्य है। वह दानवीरों को नहीं देख पाती हैं। आंख की रोशनी गायब हो गयी है। चमेली देवी के पति सेवक राम और उसके 1 पुत्र की मौत हो गयी है। सरकार से सामाजिक सुरक्षा पेंशन नहीं मिल पाने के कारण भीख मांग कर गुजारा करती हैं। रविवार के दिन दानवीरों के द्वारा एक से सवा सौ रूपए मिल पाता है।

कुर्जी होली फैमिली अस्पताल के सामने झोपड़पट्टी में रहती हैं चमेली देवी। सत्य हरिशचन्द्र राजा की तरह कार्य करने वाले बिरादरी महाडोम राजा के वंशज हैं।श्मशान घाट पर रहते हैं। यहां पर मृत शरीर जलाया जाता था। अब तो गंगा जी रूटकर बहुत दूर चली गयी हैं। इसके कारण दाहसंस्कार का कार्य बंद हो गया है। चमेली देवी और  सेवक राम के दो पुत्र है। उसमें 1 की मौत हो गयी है। दोनों पृत्र विवाहित थे। इस बीच चमेली देवी के पति सेवक राम भी स्वर्गलोक चले गए। कुछ दिनों के बाद चमेली देवी की आंख में जलन होने लगी। दवा-दारू करवाने से ठीक नहीं हुई। अन्ततः चमेली देवी की आंख की रोशनी जाती रही। कुछ दिनों के बाद वह धृतराष्ट्र बन गयी। दृष्टिहीनता होने से विकलांग और पति की मौत होने से विधवा होने के बाद भी चमेली देवी को सामाजिक सुरक्षा पेंशन मिला ही नही। उसने उत्तरी मैनपुरा ग्राम पंचायत के मुखिया सुधीर सिंह से गुहार लगाए मगर मुखिया जी के कान पर जूं ही नहीं रेंगा। इसके कारण 17 साल से भीख मांग गुजारा करने के सिवा कुछ बचा ही नहीं।
गंगा नदी के तटबंध से उतरकर टेम्पों पर बैठकर चमेली देवी आती हैं प्रेरितों की रानी ईश मंदिर में। ईश मंदिर के परिसर में बैठकर भीख मांगती थीं। अब ईश मंदिर के प्रधान पुरोहित फादर जोनसन केतकर ने परिसर के अंदर भीख मांगने पर पाबंदी लगा दिया है। अब मुख्य सड़क और ईश मंदिर के मुख्यद्वार के बगल में चमेली भीख मांगती हैं। 17 साल के अंदर पुरोहितों के द्वारा किए गए कार्य को भूलती नहीं हैं। फादरों का गुनगान करती हैं। उसे पता नहीं है कि किस कारण से वर्तमान पल्ली पुरोहित फादर जोनसन केतकर ने परिसर से खदेर दिया है। मुख्यद्वार पर तैनात प्रहरी भीख मांगने वालों को अंदर जाने नहीं देते हैं। हे! प्रभु येसु ख्रीस्त फादर को माफ कर देना कि वे नहीं जानते कि क्या कर दिए हैं।


आलोक कुमार

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