जाम नहीं
लगने से सबसे अधिक फायदा स्कूल जाने वाले बच्चों को
पटना।
दीघा हाट पर जाम लगती है और जाम हट जाती है। इस खेल से वाहन चलाने वाले और सफर
करने वाले लोग परेशान हो जाते हैं। यह सब दीघा थाना पुलिस की निष्किृयता के कारण
होती थी। इसके अलावे हाथ में थैला और कंधे पर बदुंक लटकाकर सब्जी बटोरने का धंधा
चला रहे थे। फलस्वरूप सब्जी बेचने वाले दुकानदार सड़क के किनारे ही दुकान सजाने
लगे। परिणाम सड़क जाम होने लगा। संतरी से मंत्री तक जाम की चपेट में आने लगे। सड़क
नियम को सरेआम धज्जियां उड़ाया जाता। 13 जनवरी से
शुरू सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान यातायात पुलिस ने सड़क किनारे ब्रेरिकेड लगा दिया
है। लोहे को गाढ़कर तार और रस्सी तान दिया गया है। इसके आगे दुकान को नहीं सजाने को
कहा गया है। इधर यातायात पुलिस दीघा हाट पर ब्रेरिकेड लगाकर गयी और उधर दुकानदार
दुकान सजाने लगे।
ऊपर से
दबाव आने पर दबंग बन जाते हैंः किसी तरह की दुर्घटना होने अथवा दबाव होने पर पुलिस
‘दबंग’ बन जाती है। मोबाइल जीप पर आते हैं। एक किनारे से जीप चलाना शुरू करके अंत
तक जाते हैं। इस बीच राह में आने वाले दुकानों को ढाहते और कुचलते आगे की ओर बढ़ते
चले जाते हैं। इसका विरोध भी किया जाता था।जब राज्य मंत्री रामकृपाल यादव नेतागीरी
करते थे। तब इस मसले को उठाते रहते थे। इससे दुकानदारों को फायदा होता था। कुछ समय
तक सब्जी उंगाही बंद हो जाता था। अब देखना है कि कितना ब्रेरिकेड लगाने से फायदा
होगा ? अभी तो वरीय अधिकारियों की नजर है। इसके
कारण ब्रेरिकेड का लाभ मिलेगा। इसे बरकरार रखने की जरूरत है। सबसे अधिक स्कूल जाने
वाले बच्चों को फायदा होगा। जो जाम के कारण बिलाबिलाते रहते थे। स्कूल से छुट्टी
होने के बाद भी सड़क पर फंस कर भूख बिलबिलाने लगते थे।
आलोक
कुमार
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