Sunday 4 January 2015

कुआं के अंदर गिरे बॉल्डर को निकालने का प्रयास


पटना। पूर्व मध्य रेल के द्वारा जोरदार ढंग से कार्य किया जा रहा है। दीघा चौहट्टा के पास पीलर संख्या 34,35 और 36 में अड़चन आ गया था। आखिर दीघा चौहट्टा के पास के ही तीन पीलर में ऐब क्यों आ गयाघ् यह चर्चा का विषय बनकर रह गया है। इस कार्य में लोगों का कहना है कि कार्य का हिस्सा ही है। इसमें घबराने की जरूरत नहीं है।

काफी मशक्कत करने के बाद पीलर संख्या 34 दुरूस्तः पीलर संख्या 34 की बुनियाद वाले कुआं धंस नहीं रहा था। काफी प्रयत्न किया गया। मगर इंजीनियर और वर्कर हिम्मत नहीं हारे। कार्य का हिस्सा मानकर कार्य करते चले गए। लगातार निर्मित कुआं में पानी डालते रहे। ऐसा करने से भूतल मिट्टी मुलायम हो सके। मशीन से मिट्टी की कटाई होती रही। इसी क्रम में एक दिन अचानक से पीलर संख्या 34 धंस गया। कुछ दिनों तक छोड़ देने के बाद पीलर को तैयार करना शुरू कर दिया गया।  इसमें महीनों परिश्रम रातोदिन किया गया।तब जाकर पीलर बनकर तैयार हो गया। अब इस पर स्पैन चढ़ा भी दिया गया है।

पड़ोसी प्रेम दिखाकर पीलर संख्या 35 भी धंस गयाः इस पीलर की बुनियाद बनाने वाले कुआं को जमीन के नीचे डालने का प्रयास किया गया। इसमें नाकामयाब होने पर कुआं के ऊपर सिमेंट से निर्मित बॉल्डरों को रखकर दबाव डालने का प्रयास किया गया। इतना करने के बाद भी कुआं जमीन के नीचे जाने का नाम नहीं लियाएतब इंजीनियर और वर्कर भगवान के घर जाकर भगवान का नाम लेने लगे। इसमें भगवान भी सहारा नहीं बने। भगवान का सहारा लेकर और परिश्रम किया गया। इस क्रम में कुआं के नीचे पानी डालकर मिट्टी को मुलायम किया गया। मशीन से मिट्टी की कटाई की जाती रही। एक दिन धड़ाम से कुआं धंस गया। इसके कारण आसपास के लोगों की बर्बादी हो गयी।

फिर से पीलर बनाने की तैयारी शुरूः कुआं को नीचे की मिट्टी की कटाई करके धंसाने का प्रयास किया जा रहा था। उस क्रम में कुआं के ऊपर बॉल्डर रखा गया। जो अचानक धड़ाम से धंस जाने के कारण बॉल्डर भी कुआं में गिर गया। अभी उसे निकालने का प्रयास किया जा रहा है। लगभग 6 बॉल्डर गिर गया है। उसको निकालने के बाद ही आगे की कार्रवाई शुरू किया जाएगा। 52 गाड़ी माल से ढलाई करके कुआं को भरा जाएगा। इसके बाद ऊपर भी ढलाई करने के बाद ही पीलर बनाया जाएगा।

अब पीलर संख्या 36 में भी कार्य शुरू कर दिया गया है। पीलर संख्या 34 और 35 की तरह 36 को भी किया जा रहा है। अब देखना है कि जब पीलर संख्या 36 धंसता है तो कितना नुकसान करता है।

आलोक कुमार


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