पटना।
सत्ता परिवर्तन के बाद सत्ताधारी पार्टी के द्वारा अल्पसंख्यकों पर कहर बरपाया जा
रहा हैं। यह हम नहीं कहते हैं वरण हाल के दिनों में ईसाई अल्पसंख्यकों के चर्च और
स्कूलों पर लगातार हमला किया जा रहा है। इसके मद्देनजर केन्द्रीय गृह मंत्री
राजनाथ सिंह ने संवाददाताओं के सवाल के जवाब में कहा कि हमने राज्य के
मुख्यमंत्रियों के नाम से एडवाइजरी जारी
किया है। एडवाइजरी में उल्लेख है कि जहां भी अल्पसंख्यकों पर हमला हो मुख्यमंत्री
तत्क्षण कड़ा कदम उठाए और गुनाहगारों को सख्त से सख्त सजा दें।
हाल के
दिनों में नयी दिल्ली, बिहार, राजस्थान, मुम्बई, पश्चिम बंगाल,मध्य प्रदेश आदि में स्कूल और चर्च
पर हमला किया गया है। बिहार के जहानाबाद जिले के जहानाबाद में फादर कमलेश कुमार की
जमकर पिटायी गयी। वहीं चर्च को तोड़फोड़ दिया गया। पश्चिम बंगाल में बुजुर्ग नन के
साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। वह कॉन्वेंट ऑफ जीजस एंड मेरी की मदर सुपीरियर
हैं। उन्हें रानाघाट स्थित हॉस्पिटल में भर्त्ती किया गया। वहां पर 71 वर्षीया मदर सुपेरियर का ऑपरेशन भी किया गया। यहां से नाम
कटवाकर बेहतर इलाज के लिए अन्यंत्र चली गयी हैं। महिला मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने
सीबीआई से जांच करने का ऐलान कर दी है। इस बीच नवी मुम्बई में स्थित संत जौर्ज,पानवेल चर्च में पत्थरबाजी करने की खबर है। पत्थरबाजी से यहां
पर स्थापित संत जौर्ज की प्रतिमा के सामने लगी शीशा टूट गयी है। खांडेश्वर थाने
में मामला दर्ज किया गया है। थानाध्यक्ष के द्वारा सीसीटीवी खंगाला गया। इसमें
स्पष्ट तौर से मोटर बाइक पर सवार तीन नौजवानों ने पत्थरबाजी करके नौ दो ग्यारह हो
गए। मध्यप्रदेश के जबलपुर में झूठा आरोप लगाकर चर्च में तोड़फोड़ किया गया। इस मामले
में 6 लोगों को जरूर गिरफ्तार किया गया। जल्द ही 6 लोगों को जमानत पर छोड़ दिया गया।
इस बीच
ईसाई अल्पसंख्यकों के साथ घटित वारदातों को समेटकर पटना सिटी में कैंडल मार्च
आयोजित किया गया। अल्पसंख्यक ईसाई कल्याण संघ के बैनर तले,पटना सिटी के स्थानीय ईसाई ,पुरोहित,धर्म बहनें तथा अन्य समुदाय के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिए।
कैंडल मार्च में आए ईसाई समुदाय तथा अन्य समुदाय के लोगों के द्वारा पश्चिम बंगाल
में घटित 71 वर्षीया माँ स्वरुप धर्म बहन के साथ
सामूहिक बलात्कार की घृणोनी घटना तथा देश-प्रदेश के विभिन्न भागों में ईसाइयों के
संग दुव्यवहार करने तथा उनके गिरजाघरों को जलाने,तोड़ फोड़ करने तथा धर्मान्तरण करने का झूठा इल्जाम लगाने के विरोध में एवं
दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर उन्हें सजा दिलाने के लिए संबंधित सरकारों
तथा केंद्र सरकार से मांग करते रहे। इसमें शिरकत करने वालों ने अपने हाथों में
संबंधित बैनर तथा प्लेकार्ड लेकर चल रहे थे। इस प्लेकार्ड पर मांग लिख दिया गया
था।
इन मांगों
के साथ चौक से पादरी की हवेली तक कैंडल मार्च निकाला गया। अल्पसंख्यक ईसाई कल्याण
संघ के अध्यक्ष एस.के.लॉरेंस तथा सचिव ए. पैट्रिक ने संयुक्त बयान में कहा कि
हमारे भारत देश को ,जिसे भारत माँ के रूप में सम्मान
दिया जाता है।उसी धरती की पुत्री ,माँ रुपी 71 वर्षीया धर्म बहन का, जिसने अपना पूरा
जीवन समाज की सेवा में अर्पित कर दिया। उसके साथ सामूहिक बलात्कार करते समय उन
दरिंदों को अपनी माँ,बहन तथा बेटी याद नहीं आई।आज जिस तरह
चन्द लोगों द्वारा घर वापसी के नाम पर तथा जिस तरह से धर्म के नाम पर नफ़रत की
भावना भड़कई जा रही है। इस तरह की घटना कहीं उसी का प्रतिफल तो नहीं है। प्रधान
मंत्री जी द्वारा धार्मिक उन्माद फैलाने वालों को बर्दाश्त न करने की बात करना,कही सिर्फ भाषण तक ही सीमित तो नहीं है? हमारा ईसाई समुदाय
माननीय प्रधान मंत्री जी तथा सभी राज्य सरकारों से यह आग्रह तथा मांग करती
है कि हम भारत देश के ही नागरिक हैं। अतः हर कीमत पर देश भक्त तथा देश के प्रगति में सहायक ईसाईयों
तथा गिरजाघरों पर किसी तरह का अत्याचार न हो, इसकी अविलम्ब व्यवस्था की जाएतथा उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए।।इस
सन्दर्भ में ईसाई प्रतिनिधियों द्वारा माननीय राज्यपाल तथा माननीय मुख्य मंत्री
जी को एक ज्ञापन सौंपा गया।
आलोक
कुमार
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