गया। इस
साल का ‘क्रिसम’ धार्मिक आयोजन में पटना और मगध प्रमंडल के पल्ली पुरोहित शिरकत
करेंगे।ईसाई समुदाय के सात संस्कार है। यह संस्कार है बपतिस्मा, पापस्वीकार, परमप्रसाद,
दृढ़करण, पुरोहिताभिषेक/विवाह
और अंतमलन।इस अवसर पर पवित्र विलेपन किया जाता है। राजधानी में स्थित
प्रेरितों की
महारानी ईश मंदिर,कुर्जी में धार्मिक अनुष्ठान 26 मार्च को 5 बजे से होगा।
Church |
क्या होगा ‘क्रिसम’ धार्मिक आयोजन
मेंः पटना और मगध प्रमंडल के पल्ली पुरोहित 26 मार्च को आएंगे। प्रेरितों की महारानी ईश मंदिर,कुर्जी में 5 बजे धार्मिक अनुष्ठान आरंभ होगा।
धार्मिक पूजा के दौरान पात्र में तेल रखा जाएगा।उपस्थित पुरोहित प्रभु येसु
ख्रीस्त से दुआ और प्रार्थना करने लगे। दुआ और प्रार्थना के दौरान पात्र में रखे
तेल पवित्र हो जाएगा। पूजा समाप्ति के बाद आगत पुरोहितों को पवित्र विलेपन सौंप दिया जाएगा। पुरोहित लोग पवित्र विलेपन को
लेकर प्रस्थान कर जाएंगे।
पवित्र
विलेपन का उपयोगः पल्ली पुरोहित पवित्र विलेपन का उपयोग बपतिस्मा,दृढ़करण और अंतमलन संस्कार के समय करते हैं।ईसाई धर्म स्वीकार
करने वालों को बपतिस्मा संस्कार दिया जाता है। इसी पवित्र विलेपन का उपयोग किया
जाता है। बपतिस्मा,पापस्वीकार और परमप्रसाद संस्कार
ग्रहण करने वालों को दृढ़करण संस्कार दिया जाता है। इस अवसर पर पुरोहित पवित्र
विलेपन से क्रूस का चिन्ह बनाते हैं। मगर कोई व्यक्ति मौत के मुंह में समाने वाले
हैं, तो पुरोहित कर्मेंद्रिया और ज्ञानेद्रिंयों
को पवित्र विलेपन से पवित्र करते हैं। यह लोक आस्था है कि ऐसा करने से पापरहित हो
जाते हैं। स्वर्ग लोक में पहुंचने में आसानी होता है।
आयोजक ने
आने का न्योता दियाः क्रिसम धार्मिक आयोजन के आयोजक फादर जॉनसन केलकत,येसु समाजी ने कहा कि बिहार में चार धर्मप्रांत है। बेतिया,मुजफ्फरपुर,बक्सर और पटना
धर्मप्रांत है। चारों धर्मप्रांतों को मिलाकर पटना महाधर्मप्रांत बनाया गया है।
पटना धर्मप्रांत में औरंगाबाद, गया, अरवल, जहानाबाद,
पटना, नालंदा, नवादा, जमुई, बांका आदि जिले हैं। यहां के पुरोहितगण आएंगे। लोकधर्मी भी
आएंगे। इन सभी की उपस्थिति में धार्मिक आयोजन होगा। सभी लोगों को न्योता भेज दिया
गया है।
आलोक
कुमार
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