Sunday, 14 June 2015

आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में बिहार राज्य पंचायत रोजगार सेवक संघ

सैकड़ों पं0 रो0 से0 समय-समय पर पंचायत सचिव के पद पर
पूर्ण प्रभार में वर्षों तक कार्य कर चुके

पटना। बेमियादी सामूहिक अवकाश पर हैं पंचायत रोजगार सेवक (पं0 रो0 से0)। केवल एक सूत्री माँग कर रहे हैं पंचायत रोजगार सेवक। जदयू के पूर्व मंत्री ने पंचायत रोजगार सेवकों को आश्वासन दिए थे। सभी  को पंचायत सचिव के पद पर समायोजन कर दिया जाएगा। तभी से बिहार राज्य पंचायत रोजगार सेवक संघ ने एक सूत्री मुद्दा बना रखा है। पंचायत सचिव के पद पर समायोजन करने की माँग को लेकर कारगिल चौक पर धरना दिया जा रहा है।

बिहार राज्य पंचायत रोजगार सेवक संघ के प्रदेश अध्यक्ष देवता प्रसाद दीक्षित ने ग्रामीण विकास विभाग,पटना के सचिव के नाम से पत्र जारी किया है। इस पत्र की प्रतिलिपि सभी प्रमंडलीय आयुक्त, सभी जिला पदाधिकारी और उप विकास आयुक्त को भी अग्रसारित किया है। लम्बे अर्से से धरना पर बैठे हैं। आपलोगों के द्वारा हमारी भावनाओं का कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा है। कड़ी प्रतियोगिता परीक्षा में सफल होकर पंचायत रोजगार सेवक कार्यरत हैं। लगातार 8 वर्षों से सेवारत हैं। इसके बाद ही आंदोलन पर उतरना पड़ा। आंदोलन में उतरने का कोई कारण होगा ही? आपके द्वारा प्रत्येक पखवाड़ा दंडात्मक कार्रवाई का पत्र देने से यह बेहतर होता कि आप हमारी समस्याओं पर विचार करते। बिहार में एकमात्र प्रतियोगिता परीक्षा से चयनित अनुबंधकर्मी को आज अनुबंध के सबसे निम्न अल्प मानदेय पर कार्य करना पड़ रहा है, आखिर क्यों? आठ वर्षों के लगातार सेवा के बाद भी आज हमारे भविष्य को किसी प्रकार की कोई आशा की किरण नहीं दिखाई देती है, आखिर क्यों?तमाम वादों के बावजूद किसी प्रकार का कोई लाभ जैसे - भविष्यनिधि खाता, जीवन बीमा,पेंशन आदि को कोई लाभ न तो आजतक हम सभी को मिला और न ही हमारे उन साथियों को जो आपकी सेवा करते हुए मृत हो गये या जिनकी हत्या कर दी गई, आखिर क्यों? इस अमानवीय वातावरण में काम कर पाना हम सभी के लिए नामुमकिन हो गया है और इस बातों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने की बजाय रोज नये दंडात्मक कार्रवाई का फरमान नहीं करना निहायत ही अमर्यादित अलोकत्रांत्रिक एवं तानाशाही का परिचायक है।

महोदय पंचायत सचिव का पद हमारे समकक्ष है और हमारे सैकड़ों साथी समय-समय पर पूर्ण प्रभार में वर्षों तक यह कार्य कर चुके हैं। आपके अनुरोध पर इससे संबंधित समस्त दस्तावेज उपलब्ध कराया गया है। जब हमारे सैकड़ों साथी इस दायित्व का निर्वाह कर सकते हैं, तो फिर हम सभी क्यों नहीं कर सकते हैं? माननीय पटना उच्च न्यायालय का फैसला भी हमारे पक्ष में है। फिर भी पंचायत सचिव के पद पर समायोजन पर विचार क्यों नहीं किया जा रहा है? वर्षों से भविष्य निधि के नाम पर राशि की कटौती तो की जा रही है, परन्तु किसी भी जिले में स्थायी खाता क्यों नहीं खोला जा रहा है एवं हमारा अंशदान नियोक्ता के अंशदान के साथ क्यों जमा नहीं किया जा रहा है और इस हेतु जिम्मेवार कर्मियों को दंडित करने के बजाय पुरस्कृत किया जा रहा है, क्यों? जिलाधिकारी एवं उपविकास आयुक्त के पास हमारी समस्या का कोई निदान नहीं है। फिर भी उन्हें बार-बार वार्ता करने का पत्र आपके द्वारा दिया जा रहा है। जबकि समस्या का हल आपके पास है। आखिर यह टालमटोल क्यों? इससे यह प्रतीक होता है कि आप समस्या का हल करने के बजाय डरा धमकाकर तानाशाही तरीके से हमसे कार्य करवाना चाहते हैं। यह नीति इस बार चलने वाली नहीं है। हम सभी यह स्पष्ट करना चाहते है कि या तो हम सभी इस बार पंचायत सचिव पद पर समायोजित होंगे या आपके द्वारा हर प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई जैसे- सेवा बर्खास्तगी, गैर कानूनी प्राथमिकी अपना जीवन बर्बाद कर लेंगे। लेकिन किसी भी फरमान से डरे बिना वर्तमान बंधुआ मजदूर की सेवा परिस्थिति में हम साथी कार्य कर पाने में सक्षम नहीं हैं।

इस पर के माध्यम से आपसे जिला समिति एवं उपविकास आयुक्त , प्रमंडलीय आयुक्त से कारूणिक अनुरोध करना चाहते हैं कि आप हमारी विवशता को समझेंगे और माँग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेंगे एवं हमारी सरकार से इसे पूरा करने का अनुरोध करेंगे।


आलोक कुमार

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