Wednesday 22 July 2015

गुरूजी के द्वारा छात्रों को 20 जुलाई तक छात्रवृति देने का दिया आश्वासन

पूरा नहीं होने पर छात्र 22 जुलाई को उतर गए सड़क

25 जुलाई को जिला शिक्षा पदाधिकारी ने साइकिल की राशि वितरण कर देने का दिया भरोसा

दानापुर। पटना-दानापुर मुख्य मार्ग पर अवस्थित है डी..वी..इंटर स्कूल। इस स्कूल में नियमित छात्रवृति वितरण नहीं करने से छात्रों में उबाल है। सरकार ने छात्रों को बतौर 1800 छात्रवृति, 2500 साइकिल और 700 ड्रेस के लिए राशि वितरित करती है। यह प्रत्येक साल वितरण करने वाली प्रक्रिया है। वर्ष 2013-14 से छात्रवृति भुगतान नहीं किया जा रहा है।

इसको लेकर छात्रों के बीच में आक्रोश व्याप्त है। रोहित कुमार,अजय कुमार,श्रवण कुमार आदि ने कहा कि हमलोग प्राचार्य महोदय से मिलकर छात्रवृति वितरण करने की माँग की थी।हमलोगों ने पहली बार अप्रैल माह में पटना-दानापुर मुख्य मार्ग को स्कूल के मुख्य द्वार के सामने जाम किया था। इसका परिणाम सामने नहीं आने पर जून माह में सड़क जाम किया गया। इस स्कूल के गुरूजनों ने आश्वासन दिया कि 20 जुलाई तक छात्रवृति भुगतान कर दिया जाएगा। जब गुरूजनों के द्वारा दिए गए आश्वासन फेल होने पर 22 जुलाई को सड़क जाम करने को बाध्य होना पड़ा। बाँस से मुख्य मार्ग को स्कूल के मुख्य द्वार के सामने जाम किया गया। आक्रोशित छात्रों ने सड़क पर टायर जलाकर नारा बुलंद कर रहे थे। स्थानीय दानापुर थाने की पुलिसकर्मी जाम करने वाले छात्रों को समझा-बुझाकर जाम तुड़वाने में सफल हो गए।

डी..वी..इंटर स्कूल के प्राचार्य उमेश्वर प्रसाद कहते हैं कि यह डी..वी..इंटर स्कूल अल्पसंख्यक है। संत जेवियर उच्च विद्यालय भी अल्पसंख्यक स्कूल है। इस स्कूल के प्राचार्य छात्रवृति वितरण नहीं करते हैं। हमलोग छात्रवृति और साइकिल की ही राशि वितरित करते हैं।हां, वर्ष 2013-14 से छात्रवृति और साइकिल की राशि का भुगतान नहीं किया जा सका है।अभी वर्ष 2014-2015 और 2015-2016 पर चर्चा नहीं की जा रही है। आगे प्राचार्य उमेश्वर प्रसाद कहते हैं कि वर्ष 2013-14 की छात्रवृति की राशि बैंक में नहीं आने से राशि लैप्स कर गयी है। अब केवल वर्ष 2013-2014 में साइकिल की ही राशि वितरित की जाएगी।इस संदर्भ में स्कूल के प्रतिनिधि ने जिला शिक्षा पदाधिकारी,पटना से मुलाकात की है।जिला शिक्षा पदाधिकारी ने छात्रों के बीच में 25 जुलाई को साइकिल की राशि वितरित कर दी जाएगी।

नौकरशाहों के द्वारा दोरंगी नीति अपनाने से अल्पसंख्यक स्कूल के गुरूजन परेशान होते हैं। इनके द्वारा नियमित भुगतान ही नहीं किया जाता है। वर्ष 2013-2014 में छात्रों की छात्रवृति गोल कर दी गयी। अब केवल छात्रों को साइकिल का ही झुनझुना थमा दिया जाएगा। इसका कोपभाजन स्कूल के गुरूजनों को ही भुगतना पड़ेगा। आखिर वर्ष 2013-14 की छात्रवृति की राशि कहाँ चली गयी? यह अनुसंधान का विषय बन गया है। नौकरशाहों को अभिभावकों को विश्वास में लेना होगा कि उनके बच्चों की राशि घोटाला की बलीवेदी पर नहीं चढ़ी है!


आलोक कुमार

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