Wednesday 26 August 2015

उत्कृष्टतापूर्वक मार्गदर्शन हेतु विगत के कार्यानुभव के आलोक में अनुपमा सिंह दिल्ली जाएंगी

साईकिल चलाने वाली अनुपमा दीदी
राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम में प्रतिभाग करने हेतु मध्य विघालय, डुमरी का चयन


27 अगस्त 2015 को बाल भवन,नयी दिल्ली में है राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम सेव गंगा-सेव डॉल्फिन

बेगूसराय। प्रारंभिक शिक्षा एवं सर्व शिक्षा अभियान के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने गांगेय डॉल्फिन संरक्षण शिक्षा कार्यक्रममें बेहतर प्रदर्शन करने वाले रा0 कृ0 मध्य विघालय डुमरी, बेगूसराय के दो छात्र-छात्राओं का चयन किया है। इस कार्यक्रम में उत्कृष्टतापूर्वक मार्गदर्शन हेतु विगत के कार्यानुभव के आलोक में श्रीमती अनुपमा सिंह (स.शिक्षक सह समन्वयक संकुल संसाधन केन्द्र रा0 कृ0 मध्य विघालय डुमरी,बेगूसराय ) को प्रतिभागिता हेतु आयोजन में सम्मिलित होने के लिए अनुमति प्रदान कर दी है।इन लोगों को बाल भवन,नयी दिल्ली में 27 अगस्त 2015 को आयोजित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम सेव गंगा-सेव डॉल्फिन में प्रतिभाग करने के लिए चयनित किया गया है।

इसके पूर्व पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अनुसमर्थित राष्ट्रीय स्तर की संस्या ‘‘पर्यावरण शिक्षण केन्द्र’(सी.ई.ई.) इन्दिरा नगर, लखनऊ के क्षेत्रीय समन्वयक, प्रीति आर. कनौजिया ने अनुरोध पत्र प्रेषित किया था। इसके आधार पर गांगेय डॉल्फिन संरक्षण शिक्षा कार्यक्रम में आदर्श रूप से सक्रिय मध्य विघालय डुमरी, बेगूसराय के उत्कृष्ट कार्य के आलोक में चयन किया गया है।

बताया जाता है कि पर्यावरण शिक्षण केन्द्र(सी.ई.ई.) एक राष्ट्रीय संस्था है जो पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा समर्पित पर्यावरण शिक्षा के उत्कृष्ट केन्द्र के रूप में वर्ष 1964 से कार्य कर रही है। सी.ई.ई.का मुख्य उद्देश्य बच्चों,युवाओं,निर्णयकर्ताओं एवं सामान्य जन समुदाय को पर्यावरणीय सरोकारों के प्रति जागरूक बनाना है।

वर्तमान में नदियों व उनमें पाए जाने वाले जीवों की स्थिति काफी गंभीर है। इसी क्रम में गंगा व सहायक नदियों में पाई जाने वाली संकटग्रस्त प्रजाति गांगेय डॉल्फिन को 5 अक्तूबर 2009 को राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया गया। यह मानते हुए कि संरक्षण की नीतियों के अलावा लोगों का जागरूक व संवेदनशील होना अत्यंत आवश्यक है, वर्ष 2010 में सी.ई.ई. ने एक द्विवर्सीय गांगेय डॉल्फिन संरक्षण शिक्षा कार्यक्रम की शुरूआत की थी। यह कार्यक्रम देश के चार राज्यों उत्तर प्रदेश,बिहार,पश्चिम बंगाल एवं असम में संचालित किया गया। इस चरण की सफलता व प्रतिक्रिया के फलस्वरूप सी.ई.ई.के द्वारा द्वितीय चरण की शुरूआत की जा रही है इस चरण में बिहार और उत्तर प्रदेश राज्य की विभिन्न नदियां जहाँ गांगेय डॉल्फिन पायी जाती है, ऐसे 20 स्थलों का चयन किया गया है। बेगूसराय जिले में गंगा नदी के आस-पास के 40 विघालयों में इस संरक्षण कार्यक्रम को सहयोगी संस्था साइंस फॉर सोशियो इकोनॉमिक डेंवलपमेंट के सहयोग से संचालित  किया जा रहा है। इस परियोजयना के सफल संचालन के लिए बेगूसराय में दो दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण का आयोजन 22-23 दिसम्बर 2014 को किया जा चुका है।

आपके विघालय का गांगेय डॉल्फिन संरक्षण शिक्षा कार्यक्रम में सक्रिय योगदान रहा है, आपके विघालय के शिक्षकों एवं डॉल्फिन क्लब के छा़त्र-छात्राओं ने विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से नदी किनारे के क्षेत्रों में भ्रमण कर आम जनमानस तथा मछुआरों को गांगेय डॉल्फिन तथा गंगा नदी के संरक्षण के प्रति जागरूक एवं संवेदनशील किया है, अत्यंत हर्ष के साथ आपको सूचित करना है कि इस उत्कृष्ट कार्य के लिए आपके विघालय को बाल भवन,नयी दिल्ली में 27 अगस्त 2015को आयोजित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम सेव गंगा-सेव डॉल्फिन में प्रतिभाग करने के लिए चयनित किया गया है। प्रतिभागियों के यात्रा व्यय रहने तथा भोजन की व्यवस्था सी.ई.ई.द्वारा किया जायेगा। प्रतिभागियों के यात्रा व्यय रहने तथा भोजन की व्यवस्था सी.ई.ई. द्वारा किया जायेगा।


आलोक कुमार

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