Tuesday, 4 August 2015

काँग्रेसियों का विरोध मार्च पटना में

घोटालाबाजों  और भ्रष्टाचारियों  को संरक्षण देना बंद करों
दिल्ली में धरना और बिहार में विरोध मार्च

दिल्ली में संसद और बिहार विधान सभा में हंगामा

संसद 13 और विधान सभा 7 अगस्त को सत्रावसान

पटना। देश के माननीयआंदोलन करने पर उतारू हैं। केन्द्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री से त्याग पत्र देने की मांग कर रहे हैं। सत्तारूढ़ दल के नेताओं ने कहा है कि हम यूपीए नहीं एनडीए हैं। मंत्रियों का त्याग पत्र देने का सवाल ही नहीं उठता है। इसको लेकर गतिरोध उत्पन्न हो गया। 11 दिनों से संसद में गतिरोध बरकरार है। वहीं बिहार विधान सभा में प्रथम कार्य दिवस हंगामा के हवाले चढ़ गया। संसद को प्रति मिनट चलाने में ढाई लाख रू.व्यय करना पड़ता है। 11 दिनों में 158 करोड़ रू.बर्बाद हो गया। संसद में 10 फीसदी और राज्य सभा में 7 फीसदी कार्य सम्पादित किया गया। तब के विपक्ष एनडीए ने 2 जी मसले पर 30 दिनों तक संसद की पहिया जाम कर दिए थे। कोयला घोटाला, कलमाडी प्रकरण, पवन बंसल, अश्विनी कुमार से जुड़े लोगों मंत्रियों से इस्तीफा देने की मांग कर रहे थे।

         बांह पर कालीपट्टी बांधकर विरोध किया
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 1989 में 63 सांसदों को 3 दिनों के लिए निलम्बित करने में अहम किरदार अदा किए थे। 2014 में आंध्रप्रदेश के 18 सांसद निलम्बित किए गए। अभी 2015 में कांग्रेस के 25 सदस्य 5 दिनों के लिए निलम्बित हैं। इसके विरोध में दिल्ली धरना और बिहार में विरोध मार्च किया गया। अभी संसद में कांग्रेस के 44 संसद सदस्य हैं। इसमें 25 निलम्बित हैं। इनके समर्थन में 19 संसद सदस्य संसद का वहिष्कार कर रहे हैं।


आलोक कुमार



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