Sunday 23 August 2015

सरकार की नजर में बेकार हैं, तब इनको सरकार ने कराने लगी बेगारी

 अजय कुमार सहनी कहते हैं कि हमलोग टी-शर्ट बनाया है।

नक्सल प्रभावित जिले में लगे हैं 10 हजार की संख्या में ग्राम रक्षा दल

जिले के एस0पी0 ने केवल टॉच और लाठी थमा दिए

  पटना। आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि सूबे में 10 हजार ग्राम रक्षा दल के सदस्य हैं। इनको इकहरा पैसा भी नहीं मिलता है। इसके आलोक में प्रांतीय ग्राम रक्षा दल संघ,बिहार ने 20 जुलाई, 2015 को मुख्यमंत्री महोदय को ग्राम रक्षा दल के सदस्यों को मानदेय एवं स्थायीकरण नियुक्ति के संबंध में स्मार-पत्र दिया। इसमें सिकंदर पासवान, मो0 रब्बान, अजय कुमार सहनी,शंभू पासवान के हस्ताक्षर समस्त ग्राम रक्षा दल के सदस्य के लिए किया है।

   प्रांतीय ग्राम रक्षा दल संघ,बिहार के प्रांतीय अध्यक्ष सिकंदर पासवान ने बताया कि मुख्यमंत्री को प्रेषित स्मार-पत्र में उल्लेख किया गया है कि अपने-अपने जिला में विगत तीन वर्षों से थानाध्यक्ष के निर्देशानुसार संध्या प्रहरी, रात्रि प्रहरी, जुआ बंदी एवं राष्ट्रीय त्योहार जैसे दुर्गा पूजा, छठ पर्व, ईद, दीपावली, होली आदि मेला में व्यवस्था बनाने में ग्राम रक्षा दल के सदस्यों की अहम भूमिका है। साथ ही आपदा स्थिति और प्रशासन विधि व्यवस्था बनाने में ग्रामीण क्षेत्रों में भी हमलोगों की अहम भूमिका होती है।  
  इन कार्यों को देखते हुए कुछ जिलों में जिला पुलिस अधीक्षक के माध्यम से लाठी और टॉच प्रदान किया गया है। परन्तु इसके एवज में हमलोगों को कुछ भी नहीं मिलता है। जिससे हम समस्त ग्राम रक्षा दल के सदस्यों की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गयी है। हमलोग को मूलभूत आवश्यकताओं की अति आवश्यकता है। इस लिए हमलोगों को मानदेय एवं स्थायी नियुक्ति जैसे ग्रामीण पुलिस में या किसी अन्य स्थायी कर्मचारी के रूप में नियुक्त किया जाय, ताकि हमलोगों के परिवारों का भरण-पोषण की समुचित व्यवस्था हो सके। (20/07/2015) को मुख्यमंत्री सचिवालय,बिहार,पटना ने स्मार-पत्र स्वीकार किया है। अभी तक मुख्यमंत्री सचिवालय,बिहार,पटना के द्वारा कृत कार्रवाई की जानकारी नहीं दी गयी है। सूचना के अधिकार के तहत जानकारी देने की मांग की जा रही है।

  मो0 रब्बान कहते हैं कि हमलोगों की नियुक्ति 9 सितम्बर, 2012 को की गयी। थानाध्यक्ष का कहना है कि भविष्य में ग्रामीण पुलिस की बहाली में वरीयता मिल सकती है। अभी आपलोग चौकीदार के अंडर वर्क करके अनुभव प्राप्त कर रहे हैं। आगे कहते हैं कि अव्वल प्रखंड में धरना और प्रदर्शन किया गया। इसके बाद जिला में सत्याग्रह किया गया। प्रखंड और जिला स्तरीय आंदोलन करने के दरम्यान ग्राम रक्षा दल के सदस्यों को मानदेय और ग्रामीण पुलिस में नियुक्ति करने की मांग करते हैं।

इस संदर्भ में भरत कुमार कहते हैं कि हमलोगों ने 22 जून, 2015 को लो00पा0 के प्रदेश अध्यक्ष को भी आवेदन देकर समर्थन करने और मुख्यमंत्री से मानदेय का भुगतान एवं ग्रामीण पुलिस के पद पर नियुक्ति करने का आग्रह करने के लिए प्रेषित किया गया। लोक जनशक्ति पार्टी(बिहार) के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने माननीय मुख्यमंत्री,बिहार सरकार को लिखा है कि सिकंदर पासवान एवं शंभू पासवान, सदस्य, ग्राम रक्षा दल, बेगूसराय का संयुक्त आवेदन इस पत्र के साथ संलग्न है। आवेदन के अवलोकन से ज्ञात होगा कि बेगूसराय जिला के समस्त ग्राम रक्षा दल के सदस्य विगत तीन वर्षों से अपने-अपने थाना क्षेत्र में थानाध्यक्ष के निर्देशनुसार कार्य कर रहे हैं। आवेदन पत्र में अनुरोध किया गया है कि ग्राम रक्षा दल के सदस्यों को मानदेय का भुगतान एवं ग्रामीण पुलिस के पद पर नियुक्ति की जाय। मेरी अनुशंसा है कि आवेदन में वर्णित तथ्यों के आलोक में समुचित कार्रवाई करने की कृपा की जाय। 29/06/2015 को मुख्यमंत्री सचिवालय,बिहार,पटना से आवेदन को प्राप्त कर लिया है। इसके अलावे महामहिम राज्यपाल महोदय को भी स्मार -पत्र प्रेषित किया गया है।

शत्रुध्न साह का कहना है कि सूबे के नक्सल प्रभावित जिले गया, अवरल,जहानाबाद, नवादा,लखीसराय, बेगूसराय, जमुई, बांका आदि जिले में ग्राम रक्षा दल के सदस्यों को नियुक्त किया गया है। हमलोग चौकीदारों के आगे बढ़चढ़ कर कार्य करना पड़ता है। एक सप्ताह क्षेत्र में रहने के बाद थाना में आकर उपस्थिति दर्ज करानी पड़ती है। किसी तरह की जानकारी को मोबाइल से प्रेषित कर दिया जाता है। अगर जरूत हुआ तो थाना पर जाना पड़ता है। अजय कुमार सहनी कहते हैं कि हमलोग टी-शर्ट बनाया है। पहचान पत्र थाना के द्वारा बनाया गया है। इसमें नाम और पता लिखा गया है। राजकुमार का कहना है कि हमलोगों का वर्तमान और ही भविष्य उज्जवल है। प्लीज, सीएम, लाइफ का ख्याल करके कुछ तो कर दें।


आलोक कुमार

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