Thursday 2 January 2014

भई! यह बिहार है। आपको यहां पर खूब विहार करने का मौका मिलेगा


दानापुर। भई! यह बिहार है। आपको यहां पर खूब विहार करने का मौका मिलेगा। जरा रूपसपुर नहर के किनारे रहने वाले महादलितों को ही देख लें। इनको बिहार सरकार ने वासगीत पर्चा दे रखी इै। बस महादलित परवाना (पर्चा) को लेकर विहार करने लगें। वह भी एक साल से नहीं पूरे 26 साल से कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं।
दानापुर प्रखंडान्तर्गत रूपसपुर नहर के किनारे रहने वाले महादलितों को गैर मजरूआ भूमि पर बसाने के लिए परवाना दिया गया गया। बिहार सरकार ने वर्श 1987-88 में जमीन बन्दोबस्ती किया। 17 महादलितों को परवाना दिया गया। यह सब आवासीय भूमिहीन हैं। इनको सरकार ने मात्र 2 डिसमिल जमीन का परवाना देकर घर बनाने को कह दिया। दुखद पहलू यह है जब महादलित जमीन पर झोपड़ी बनाने गये। झोपड़ी बनाकर अभिमन्यू नगर में गये। रात्रिपहर स्थानीय दबंग टाइप के लोगों ने महादलितों की झोपड़ियों में आग लगा दिये। जब दिल के उजाले में महादलित आए तो लाठीधारी दबंगों ने सभी को धमका कर भगा दिये। जो आज भी जारी है। इसके बाद रोड बनाने के लिए महादलितों की जमीन पर से मिट्टी लेकर गड्ढा बना दिये। जो बरसात के समय पानी से भर जाता है। जो गर्मी में जाकर सूखता है।
प्रभावित राजकुमारी देवी कहती हैं, कि सरकार के द्वारा 26 साल से जमीन का परवाना मिला है। इस पर्चा को लेकर हमलोग दर-दर भटक रहे हैं। सरकार के द्वारा जमीन का परवाना निर्गत किया गया। दूसरा जमीन हथिया लिया और जमीन पर रोड बनाने के लिए मिट्टी खोंदकर गड्ढा बना दिया। अब तीसरा नौकरशाहों के समक्ष पैरवी करके महादलितों को जमीन पर अधिकार दिलवाने का प्रयास कर रहा है। हालांकि दानापुर प्रखंड के अंचलाधिकारी कुमार कुदंन लाल ने तीन-चार बार फील्ड भ्रमण कर चुके हैं। बस उनका कहना है कि पानी सूखने के बाद आपलोगों को बसा दिया जाएगा।
अंचलाधिकारी महोदय ने महादलितों की जमीनी संबंधी और आवासीय भूमिहीनों को आवासभूमि देने, वासगीत पर्चा आदि संबंधी समस्याओं के निराकण करने का आश्वासन दिये थे। जमीनी हकीकत का मुआयना करते वक्त सीओ साहब ने अपने अधीनस्थ राजस्व कर्मचारी अखिलेश कुमार को आदेश दिये कि आने वाले तीन माह के अंदर सरकार के द्वारा दी गयी जमीन का सीमांकन कर दें। इसके बाद परवानाधारियों के परिवारों का सर्वे करें और पूर्णतः ने पारिवारिक सूची बनाकर सीओ कार्यालय को सुपुर्द कर दें।
 मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता नरेश कुमार, रामचन्द्र मांझी, राजकुमारी देवी,हेमंती देवी, मरछिया देवी आदि उपस्थित थे। इन प्रभावितों की ओर मुखातिर होकर सीओ कुमार कुदंन लाल ने कहा कि काफी दिनों से इंतजार कर रहे हैं। कुछ दिन और ठहर जाए। बरसात का मौसम समाप्त होने के बाद कब्जाधारियों से जमीन मुक्त कराकर जमीन दे दी जाएगी। अब देखना है कि सीओ साहब के द्वारा दिये गये आश्वासन कबतक पूरा हो पा रहा है?

आलोक कुमार