Tuesday 27 October 2015

खाद्य एवं उप भोक्ता संरक्षण विभाग के नौकरशाह तो सक्रिय होकर मुनाफाखोरों के नाक में नकेल डालते

मुनाफाखोरी से परेशान है
पटना।लोकल स्तर पर तैयार किया जाता है 7 स्टार चावल। चावल 25 किलोग्राम के पैकिंग में बंद रहता है। हां,पैकिंग बैग को शानदार ढंग से रंगदार बना दिया गया है। ऐसा करने से बैग नयना विराम और अच्छा लगता है। वहीं पैकिंग में महीन चावल पैक रहता है जो भात खाने में बेस्ट लगता है। इसके चलते 7 स्टार की मांग बढ़ गयी है।
प्रारंभ में बाजार में 7 स्टार नामक चावल को 26 रू.प्रति किलोग्राम की कम कीमत पर उतारा गया। 25 किलोग्राम लेने पर मामूली कीमत 650 रू. में ही दिया जाता था। मुनाफाखोरी करने वाले लोग धीरे-धीरे चावल की कीमत को आसमान में चढ़ा दिया। आरंभ की कीमत प्रतिकिलो 26 रू.से बढ़कर 38 रू.हो गया। थोक भाव में लेने पर 890 रू. लिया गया जाता। 
मजे की बात है कि 7 स्टार चावल की कीमत बेलगाम है।दीघा हाट की हर दुकानों में चावल की कीमत अलग-अलग है। प्रथम दुकान वाले ने 890 रू. करार दिया। द्वितीय दुकान में 880 रू.,तृतीय में 875रू.,चतुर्थ में 860रू. और पंचम में 800रू.कहा। मालूम हो कि जिधर चालव उपलब्ध नहीं रहा वहां पर 800 रू. कहा है। आसमान छुती कीमत के आलोक में कई दुकानों में 7 स्टार चावल लाना ही छोड़ दिया है। 
मालूम हो कि राज्य के खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक हैं। मंत्री जी चुनाव में व्यस्त हैं। तृतीय चरण का मतदान 28 अक्टूबर को होने वाला है। फुलवारीशरीफ विधान सभा से चुनाव लड़ रहे हैं। माना कि मंत्री महोदय सीट बचाने की जंग में रातोदिन दुर्बल हो रहे हैं। कम से कम खाद्य एवं उप भोक्ता संरक्षण विभाग के नौकरशाह तो सक्रिय होकर मुनाफाखोरों के नाक में नकेल डालते। जो कम से कम बिहार में नहीं हो रहा है। इन लोगों के नकारापन के चलते मुनाफाखोरों की चांदी है। 
आलोक कुमार



No comments: