Saturday 21 November 2015

अच्छे दिन लाने वाला रिक्शा के बगल में बुरे हाल में रिक्सा चालक


पुत्री की निकाह करने को लेकर व्याकुल हैं 

रिक्शा चालक

पैर में चोट लगने से परेशान


पटना। एक रिक्शा चालक ने लिखा है कि अब अच्छे दिन आ गये! वहीं लव इज लाइफ भी लिख दिया है। दोनों ही पूछ रहा है मतलब। वास्तव में देश-प्रदेश में अच्छे दिन आ गए। इसका प्रत्यक्ष रूप से जवाब है कि प्याज,दाल,चावल,लहसून आदि की कीमत गगनचुम्बी हो गई है। आम लोगों की थाली से दाल गायब है। उसी तरह जिदंगी में प्यार की गंगा नहीं बह रही है। बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक आमने-सामने है। एक सोची समझी खेल में लोगों के जीवन से प्यार छीन लिया जा रहा है। प्यार देने के बजाए मार डाला जा रहा है। प्यार के बदले नफरत फैलायी जा रही है। 

इस रिक्शा के बगल में ही साधारण रिक्शा चालक व्याकुल दिख रहा था। अल्पसंख्यक मुसलमान रिक्शा चालक आराम से बैठने के बाद भी परेशान था। रिक्शा चालक की जवान बेटी की निकाह होने वाली है। माली हालत खराब होने के कारण रिक्शा खींच रहा है। समस्तीपुर में घुटने में चोट लग गयी थी। ठीक तरह से चल नहीं पाता है। वह ठीक से रिक्शा भी नहीं चला पाता है। बुजुर्ग चालक होने के कारण ही सवारी रिक्शा पर बैठना नहीं चाहते हैं। 

आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट, पटना।



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