Wednesday 4 November 2015

बचाओं.......बचाओं..........बचाओं........


माँ और बाप बच्ची को बचाने में नाकामयाब

दोनों के संग से तीन बच्चों में 1 बच्ची की मौत

पटना।बचाओं.....बचाओं......बचाओं......। पूरी शक्ति से बच्ची रोकर बचाने का आग्रह कर रही हैं। बच्ची को माँ-बाप बचाने में असफल हो रहे हैं। माँ-बाप के तीन बच्चे हुए। प्रथम लड़का है। वह जीर्वित है। द्वितीय लड़की बच्ची हुई। वह कुपोषण की शिकार हो गयी। अन्ततः बच्ची की मौत 6 महीने में हो गयी। इसके बाद तीसरी बच्ची हुई। अभी 6 माह की है। पूरी तरह से कुपोषण की चपेट में आ गयी है। भाभी जी कहती हैं कि आप ठीक पकड़े हैं।
  आलोक कुमार के तीसरी बच्ची
पटना सदर प्रखंड क्षेत्र में उत्तरी मैनपुरा ग्राम पंचायत है। इस पंचायत में एल.सी.टी.घाट मुसहरी हैं। यहाँ पर महादलित मुसहर समुदाय के लोग रहते हैं। स्वर्गीय समुन्दर माँझी के पुत्र आलोक कुमार हैं। आलोक कुमार ने प्रेम विवाह कारी देवी से कर लिया। इसके कारण परिवार वालों ने आलोक कुमार को तन्हा छोड़ दिया है। कूड़ों के ढेर पर रद्दी कागज आदि चुनने मियां-बीबी जाते हैं। दिनभर कागज चुनने के बाद घर के चूल्हा चलता है।

इस बीच देखते ही देखते आलोक कुमार और कारी देवी के तीन बच्चे हो गए। इसमें 1 लड़का जीर्वित है। 1 लड़की मर चुकी हैं। 1 लड़की मौत के मुँह में जाने को तत्पर है। गाँव वालों का कहना है कि आलोक कुमार की पत्नी कारी देवी शराबखोर है। वह काफी शराब पीती हैं। उसे शराब पीने के लिए पैसा हो जाता है। मगर आने वाले बच्चों की रक्षा करने के लिए पैसा नहीं हो पाता है? हाल यह है कि बच्ची को भरपूर आहार भी नहीं मिल रहा है।तो कैसे दवाई खरीदी जा सकती है।

पूरी तरह से कुपोषण की
चपेट में आ गयी है


बताया जाता है कि कुर्जी होली फैमिली अस्पताल के सामुदायिक स्वास्थ्य एवं ग्रामीण विकास केन्द्र के कार्यकर्ता आते और जाते थे। जो इन दिनों बंद कर दिए हैं। जब केन्द्र के कार्यकर्ता अभ्यागमन करते थे तो रोगगस्त लोगों को केन्द्र में लाकर चिकित्सा करा देते थे। चिकित्सकों को मिलने वाले फिजिशियन सैम्पल को आने वाले रोगियों को देते थे। इस तरह की दवा खाने के बाद रोगी रोगमुक्त हो जाते थे। जरूरत पड़ने पर अस्पताल में भर्त्ती भी करवा देते थे। अस्पतालीय बिल में रियायत दी जाती थी। इन लोगों के मोहभंग हो जाने से मुसहर तन्हा हो गए हैं।

प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ,पटना सदर के कार्यशील ए.एन.एम.का मुसहरी में कदम नहीं रखा जाता है। उसी तरह उत्तरी मैनपुरा ग्राम पंचायत के मुखिया सुधीर कुमार भी मुसहरी नहीं आते हैं। तो भला नौकरशाह किस तरह आ सकेंगे? कुल मिलाकर महादलित मुसहर समुदाय के लोग परेशान और हलकान हैं।




आलोक कुमार


मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।

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