Monday 2 November 2015

पोप के प्रतिनिधि पुरोहितों ने कब्रों पर पवित्र जल का छिड़काव किया

फादर ग्रेगरी गोम्स कब्रों पर
 पवित्र जल का छिड़काव 
करते
पटना। कयामत से कयामत तक का भरोसा। पवित्र बाइबल के अनुसार......तब कब्र फट जाएगी और मुर्दे जीर्वित हो जाएंगे। जिस तरह ईसा मसीह पुर्नजीर्वित हुए थे। उसी तरह कब्र में दफनाएं गए लोग पुर्नजीर्वित हो जाएंगे। यह ईसाई धर्मियों का लोक आस्था है। हां, संपूर्ण ईसाई समुदाय तो इसी का स्मरण करते हैं 2 नवम्बर का यानी मुर्दाे का पर्व। प्रेरितों की रानी ईश मंदिर में मुर्दो का पर्व मनाया गया। सुबह 6 बजे से ही आरंभ हुआ। इस अवसर पर तीन दफा मिस्सा हुआ। प्रथम सुबह 6 बजे, द्वितीय 6:30 बजे और दोपहर 3:30 बजे। वहीं 3 बजे से पुरखों की कब्र पर आशीष दी गयी। 


घोषित समय 3 बजे के पूर्व से ही लोकधर्मी कुर्जी पल्ली कब्रिस्तान में आने लगे। अपने हाथों में कब्र की सजावट करने के लिए फूल,मोमबत्ती,अगरबत्ती आदि लेकर आते रहे। यहाँ पर आने के बाद पुरखों की कब्र पर सवाजट करने लगे। लगे हाथ प्रार्थना भी करते रहे। इस बीच कब्र पर मोमबत्ती चलाते समय स्व0सेनी जस्टीन और लीली सेनी की बेटी जल गयी। वह काफी बैचेन दीख रही थीं। चर्च के द्वारा व्यवस्था नहीं की गयी। जरूर ही शाँति व्यवस्था कायम करने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिए थे। किसी तरह की अप्रत्याशित हादसा से बचने के लिए कब्रिस्तान में मिस्सा पूजा नहीं की गयी। मिस्सा पूजा कुर्जी परिसर में आयोजित की गयी। 

कुर्जी पल्ली परिसर में बलिवेदी बनायी गयी। वहाँ पर दर्जनभर पुरोहित जमा हुए। प्रार्थना किए और कब्रिस्तान में पुरखों की कब्र में आशीष देने कदम बढ़ाने लगे। फादर जोनसन के नेतृत्व में कब्रों पर पवित्र जल का छिड़काव करके आशीष दी गयी। इनके साथ फादर ग्रेगरी गोम्स, फादर इग्नासियुस अब्राहम, फादर हेनरी रिब्बेलो, फादर जेरोम ड्यूरक आदि थे। आशीष देने के बाद कुर्जी पल्ली में निर्मित बलिवेदी की ओर चले गए। मगर भारी संख्या में लोग पुरखों की कब्र में जमे रहे। 

यहाँ पर आकर फादर सुशील साह के नेतृत्व में पवित्र मिस्सा अर्पित की गयी। पवित्र मिस्सा के दौरान पवित्र परमप्रसाद वितरण किया गया। झारखंड विधान सभा में एंग्लो इंडियन समुदाय से मनोनीत विधायक जी जे गोलस्टेन, महिला संघ की कार्यकत्री स्टेला शाह,राज्य अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष एब्रोस पैट्रिक, अल्पसंख्यक ईसाई कल्याण संघ के सचिव एस के लौरेंस,भारतीय जनता पार्टी के बिहार प्रदेश अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश क्षेत्रीय प्रभारी राजन साह आदि गणमान्य उपस्थित रहे।

मालूम रहे कि कुर्जी कब्रिस्तान रोमन कैथोलिकों की कब्रिस्तान है। 22 साल की अवस्था में ब्रदर अन्थोनी पैट्रिक मेलोरी की मौत 20 अगस्त, 1865 हो गयी। संत माइकल स्कूल को ब्रदर लोग चलाते थे। उसी ब्रदरों में से थे ब्रदर अन्थोनी। इस तरह कुर्जी कब्रिस्तान करीब 150 साल से अधिक ही कब्रिस्तान पुराना है। वहीं कुर्जी पल्ली के प्रधान पुरोहित फादर जोनसन ने देश-प्रदेश-विदेश के पर्यावरण के मद्देनजर कब्रों पर केवल 2 ही मोमबत्ती जलाने का आग्रह किए थे। इसे पुरखों के परिजनों ने पालन किया। ऐसा करने से कम प्रदूषण होते देखा गया। वहीं बहुत दिनों के बाद पहली बार कब्रिस्तान के बाहर मिस्सा किया गया। मिलीजुली प्रतिक्रिया सामने आयी है। कोई कहा कि कब्रिस्तान के अंदर ही ही मिस्सा करना चाहिए था। ऐसा करने से सभी लोग मिस्सा सुन सकते। कुर्जी पल्ली परिसर में मिस्सा करने से भारी संख्या में लोग कब्रिस्तान में ही बैठे रह गए। यहीं पर आकर फादर परमप्रसाद वितरित किए। खैर, कुल मिलाकर शांतिपूर्ण ढंग से मुर्दो का पर्व संपन्न हो गया। 
यह ईसाई धर्मियों का लोक आस्था
1 नवम्बर 2015 दोपहर 12 बजे से 2 नवम्बर की रात 12 बजे के बीच में दण्डमोचन कमाने की सहुलियत दी गयी। इस अवधि में चर्च अथवा कब्रिस्तान के अंदर ‘हे पिता हमारे’ और ‘प्रेरितों का धर्मसार’ बोलना था। इससे ईसाई समुदाय ने फायदा उठाया। भक्तिभाव से प्रार्थना किए। फादर इग्नासियुस अब्राहम ने बताया कि 2 नवम्बर को 3 बार मिस्सा होता है। प्रथम मिस्सा पुरोहित अपने मनोरथ के लिए,द्वितीय मिस्सा शोधक अग्नि में तड़पते पुरखों के लिए और तृतीय अंतिम मिस्सा पोप की अभिलाषा के लिए की जाती है।


आलोक कुमार, मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।





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