Tuesday 3 November 2015

अपनी माँ को श्रद्धांजलि अर्पित करती हुई ए.एन.एम.पुत्री

 बेटी ने माँ की कब्र पर जाकर कहा कि माँ मेरी, अच्छी माँ

ए.एन.एम.पुत्री द्वारा श्रद्धांजलि 
पटना। दीघा थानान्तर्गत फेयरफील्ड कॉलोनी में रहते हैं जोसेफ पीटर। जोसेफ पीटर का विवाह पत्रिसिया के संग हुआ। इन दोनों कई बच्चे है। रात्रि समय छत पर पत्रिसिया और जोसेफ सो रहे थे। अचानक सर्फ आकर पत्रिसिया को डंस लेता है। इसकी जानकारी सोते जोसेफ को जगाकर पत्रिसिया देती है। जल्द से जल्द उठाकर पत्रिसिया को कुर्जी होली फैमिली अस्पताल पहुंचा जाता है। ओपीडी में तैनात सीएमओ जांचकर कहता है कि पत्रिसिया गलतफहमी के शिकार है। उसे ओपीडी से ही छुट्टी दे दी जाती है। जोसेफ उठाकर पत्रिसिया को अस्पताल के मुख्य द्वार पर बैठाते हैं। वहीं पर पत्रिसिया मुक्षित हो जाती है। जोसेफ उठाकर पत्रिसिया को ओपीडी ले जाते हैं। इस बार सीएमओ पानी चढ़ाकर अस्पताल में भर्त्ती कर लिया। रात के बाद सुबह होते ही पत्रिसिया दब तोड़ दी। इस बात को लेकर हंगामा हो गया। 


उस समय कुर्जी होली फैमिली अस्पताल की उप प्रशासिका सिस्टर लुसिया थीं। इस मसले को गंभीरता से लीं। सिस्टरों के द्वारा गंभीरता लेने से सीएमओ फरार हो गया। शव को फेयरफील्ड लाया जाता है।यहां पर रखा गया। आनेजाने वाले लोग देखकर कहने लगे कि सर्फ डंसने से मृतक पत्रिसिया का शरीर नीला पड़ गया है। इसके बावजूद भी पोस्टमार्टम नहीं कराया गया। उसे जल्द से जल्द कुर्जी कब्रिस्तान में दफन कर दिया। 

इस मसले को दबाने का प्रयास होने लगा। सिस्टर आन डिसुजा ने जोसेफ पीटर के बच्चों को पढ़ाई करने की व्यवस्था करनी शुरू कर दी। मिशन स्कूलों के होस्टलों में रखा गया। एक लड़की मैट्रिक पास कर ली। उसे कुर्जी होली फैमिली अस्पताल में संचालित ए.एन.एम.कोर्स कराया गया। उसे कार्य दिया गया। वहीं लड़की माँ से कह रही है कि माँ तेरी कुर्बानी से ए.एन.एम. बन सकीं। मेरी अच्छी माँ। यह मुझे जरूरत नहीं था। मैं और मेरे भाई-बहन माँ को जीर्वित देखना चाहते थे। मगर हालात ने माँ को मौत के मुँह में ढकेल दिया। जिस सीएमओ को माँ को मौत के मुँह से निकाल देना चाहिए था वह तो कायर निकला। कायरता ने सीएमओ को भागने को मजबूर कर दिया।संपूर्ण मसले को दी टेलिग्राफ  ने जगह दी। उस समय की सिस्टर प्रशासिका सिस्टर जोन से साक्षात्कार भी किया था।

आलोक कुमार, मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना। 

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