Wednesday 9 December 2015

ऑपरेशन मुस्कान को भी वर्ष 2016 में भी जारी रखने का ऐलान

 पटना जंक्शन से 25 अगस्त 2014 को अंजलि कुमारी 

दीघा मुसहरी से 20 मई 2015 को बैजू कुमार (7सालऔर 

लक्खी कुमार (4 साललापता 

पटना। अपने बच्चों के लापता होने का दंश झेल रहे हैं महादलित मुसहर परिवार। पटना जिले के बिहटा और दीघा मुसहरी से लापता हैं बच्चे। पटना। पटना जंक्शन से 25 अगस्त 2014 को अंजलि कुमारी (5 साल) और दीघा मुसहरी से 20 मई 2015 को बैजू कुमार (7साल) और लक्खी कुमार (4 साल) लापता है। दोनों मामला पटना जिले से संबंधित है। मंत्रियों और अधिकारियों की जी हुजूरी करने वाले पुलिसकर्मियों को धिक्कार है। जो महादलित मुसहर समुदाय के बच्चों को खोज निकालने की दिशा में पहलकदमी ही नहीं किए।

5 वर्षीय अंजलि कुमारी नामक बच्ची की
तस्वीर दिखाते पिता
5 वर्षीय अंजलि कुमारी मिली नहीं: मां और बेटी काफी खुश थे। आखिर  खुशी क्यों हो? मां जीतनी देवी अपनी माता से बेटी अंजलि नानी से मिलने जा रही थीं। 25 अगस्त को मां बेटी बिहटा जंक्शन से 8 बजे ट्रेन पर चढ़कर पटना जंक्शन पर उतर गयी। दोनों जोलीमूड में रहें। महज 2 घंटे की प्रशंसन्नता के बाद वातावरण गमगीन हो गया। किसी फिल्मी स्टोरी की तरह पटना जंक्शन पर मां और बेटी बिछड़ गए। इस बिछड़न से अवश्य ही मां और बेटी विलाप करने को मजबूर हो गए। 16 महीने से खोज जारी है।

हुआ यह कि पटना जिले के बिहटा प्रखंड के राद्योपुर पंचायतमें स्थित बिहटा बंगला मुसहरी में रहने वाले समन मांझी की लाडली बेटी अंजलि कुमारी बिछड़ गयी हैं। समन मांझी और जीतनी देवी के तीन बच्चियां हैं। परेशान और हलकान पिता समन मांझी कहते हैं कि उनकी पत्नी जीतनी देवी मैयके जा रही थीं। अपने साथ बेटी अंजलि कुमारी को भी साथ ले ली। 25 अगस्त को बंगला मुसहरी स्थित घर से निकली। वह बिहटा जंक्शन जाकर रेल पर चढ़ गयी पटना जंक्शन पर उतर गयीं। मैयके सजनपुर मसाढ़ी, फतुहा जाने के पहले जंक्शन पर घुमने लगे। नानी के घर जाने के पहले अंजलि कुमारी घुमने के लिए मचलने लगी थीं। जो बिछड़ने का कारण हो गया। गौर करने वाली बात है। 5 वर्षीय बेटी का हाथ पकड़कर मां चल रही थीं। दोनों हाथ पकड़कर चल रहे ही रहे थे। इस बीच भीड़ के कारण मां-बेटी की हाथ छुट गयी। आज भी लाडली बेटी परिवार से दूर ही हैं।

अपनी लाडली बेटी अंजलि कुमारी की तस्वीर लेकर पिता समन मांझी भटक रहे हैं। अव्वल श्सुराल सजनपुर मसाढ़ी, फतुहा गए। ससुर का नाम रामाशीष मांझी हैं। इसके बाद बदलाचक मुसहरी,परसा गए। लोहानीपुर, पटना के बाद दीघा मुसहरी शबरी कॉलोनी गयी। यहां पर समन मांझी के चचेरी बहन बसंती देवी रहती हैं। समन मांझी दुखित हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी को गुलाबी रंग के सलवार और कुर्ती पहनी 5 वर्षीय अंजलि कुमारी नामक बच्ची मिले। आप विक्राता कुमार के मो. 9931126082 पर सूचित कर दें।


दीघा मुसहरी से 2 बच्चे रहस्यमय ढंग से लापताः पटना नगर निगम के वार्ड नम्बर 1  में दीघा मुसहरी है। यहाँ पर महादलित मुसहर समुदाय के लोग रहते हैं। पटना-दीघा रेलखंड पर चलनी वाली शहीद गाड़ी आयी। हमेशा की तरह पटना चलकर दीघा हॉल्ट पर आकर रूकी। यहाँ पर बच्चे खेल रहे थे। एक अज्ञात व्यक्ति गाड़ी पर से उतरा और बच्चों को चॉकलेट खिलाया और अधिक चॉकलेट खिलाने के बहाने बनाकर बच्चों को साथ लेकर चल दिया।
संपूर्ण मामला यह है कि 20 मई 2015 को 10 बजकर 30 मिनट का समय होगा। हर रोज की तरह पटना घाट से दीघा हॉल्ट तक शहीद गाड़ी चलती है। दीघा हॉल्ट पर आकर गाड़ी रूकती है और उस गाड़ी से अनजान व्यक्ति उतरता है। वहाँ पर अनेक बच्चे खेलते हैं। उन्हीं बच्चों में बैजू और लक्खी भी शामिल थे।
लापता लक्खी और बैजू
दुर्भाग्य से स्व. नन्की मांझी और रिंकु देवी के पुत्र बैजू कुमार (7 साल) और मारूति मांझी और सुनीता देवी के पुत्र लक्खी कुमार (4 साल) नामक बच्चे चॉकलेट लेने के चक्कर में पड़ गए। वह अनजान व्यक्ति चॉकलेट बच्चों को थमा दिया और दोनों खाने लगे। अनजान व्यक्ति ने और अधिक चॉकलेट खिलाने का बहाना बनाकर बच्चों को साथ लेते चला गया।

लापता लक्खी कुमार की माँ सुनीता देवी कहती हैं कि शाम को रद्दी कागज आदि चुनकर आए थे। तभी बताया कि दो बच्चे लापता हो गए हैं। उसमें आपका भी सुपृत्र शामिल हैं। इधर दूसरा लापता बैजू कुमार की माँ रिंकु देवी की सुपुत्र की खोज कर रही थी। नहीं मिलने पर दीघा थाना में सूचना देने गए। क्षेत्र के विकास मित्र सुधीर कुमार मांझी ने दीघा थाना में लिखकर आवेदन पेश किया। दीघा थाना ने एफआईआर के नकल नहीं दिए। इसके कारण खोजने में दिक्कत हो रही है।

 बच्चों के बारे में जानकारी आज 6 माह के बाद भी नहीं मिली। इधर माँ-बाप और उधर बच्चे बिलबिला रहे हैं। बच्चों के परिजनों के द्वारा इस गर्मी की परवाह किए बिना ही बच्चों को खोज रहे हैं। किसी तरह की सुराग मिलते ही परिजन दौड़ लगाने को बाध्य हो रहे हैं। कुछ बच्चों ने बताया कि राजीव नगर में बच्चों को बांधकर रखा गया है। जबतक लोग पहुँचते बच्चों को अन्यत्र ले लिया गया। आलोक कुमार को मो.9939003721 पर सूचित कर दें।

अपने बच्चों के लापता होने का दंश झेल रहे हैं: बिहार के सैकड़ों मां-बाप के चेहरों पर फिर से मुस्कान लौटने के उद्देश्य से केन्द्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर पूरे राज्य में ऑपरेशन मुस्कान शुरू किया गया है।राज्य के अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) के कमजोर वर्ग को इस मुहिम की नोडल एजेंसी बनाया गया है। इस अभियान की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसके तहत सिर्फ बच्चों को ढूंढा जाता है बल्कि उन्हें उनके अभिभावकों तक भी पहुंचाया भी जाता है।विशेष अभियान में राज्य के सभी 38 जिलों के थानों को शामिल किया गया है। मुहिम में स्वंयसेवी संस्था (एनजीओ) प्रयास का भी सहयोग लिया जा रहा है। आकड़ों के मुताबिक बिहार में जनवरी 2013 से सितम्बर 2014 तक 2874 किशोर लापता थे जिनमें से 2528 किशोरों को बरामद किया गया जबकि 346 अब भी लापता है। अभियान में लापता इन्हीं 346 बच्चों पर विशेष नजर रखी जा रही है। अब इस संख्या में अधिक इजाफा हो गयी है। इसके आलोक में ऑपरेशन मुस्कान को भी वर्ष 2016 में भी जारी रखने का ऐलान किया गया है।

आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।


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