Sunday 27 February 2022

भारत सरकार यूक्रेन में फंसे अपने छात्र-नागरिकों को सुरक्षित वापस लाए.


                                         * रूस यूक्रेन पर हमला तत्काल बंद करे.

                                         *US-NATO यूरोप में साम्राज्यवादी विस्तार की कोशिश बंद करे.

                                         *पटना में ऐपवा-आइसा-इनौस का शांति मार्च.

पटना. आज दिनांक 27 फरवरी 2022 को छज्जूबाग से डाकबंगगला चौराहे तक आइसा-इनौस-ऐपवा द्वारा रूस पर यूक्रेन के बर्बर हमले के खिलाफ युद्ध विरोधी शांति मार्च निकाला गया.

संगठन से जुड़े नेताओं ने कहा कि यूक्रेन की सीमाओं पर रूस द्वारा जारी हमला व सैन्य आक्रामकता का प्रदर्शन भारी चिन्ता का विषय है. वर्तमान संकट का हल यूक्रेनी जनता के आत्मनिर्णय के अधिकार का सम्मान करते हुए शांतिपूर्ण तरीके से परस्पर बातचीत के द्वारा किया जाना चाहिए.

ऐपवा महासचिव मीना तिवारी ने कहा कि हम अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा यूक्रेन को लेकर फैलाये जा रहे युद्धोन्माद की कड़ी भर्त्सना करते हैं. नाटो देशों को पूर्वी यूरोप में पैर पसारने के प्रयासों पर रोक लगानी चाहिए. अमेरिका व ब्रिटेन भले ही नाटो को एक सुरक्षात्मक गठबंधन बताते रहें, सच तो यह है कि अफगानिस्तान, यूगोस्लाविया और लीबिया में पिछले वर्षों में, या उसके पहले ईराक पर युद्ध थोपने में, उनकी कारगुजारियां निस्संदेह साम्राज्यवादी हितों को साधने वाली रही हैं.

इनौस के राष्ट्रीय अध्यक्ष अगियांव विधायक मनोज मंजिल ने कहा कि रूस को यूक्रेन पर तुरंत हमला रोकना चाहिए और मामले को कूटनीतिक तरीके से हल करना चाहिए. साथ ही भारत सरकार को यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को वापस लाने की गारंटी करनी होगी. आज भी लगभग 20 हजार भारतीय छात्र - नागरिक यूक्रेन में फंसे हुए हैं. विमानों के किराए में बेतहाशा वृद्धि हो गयी है, जो बेहद अनुचित है.

मार्च में ऐपवा महासचिव मीना तिवारी, वरिष्ठ माले नेता के डी यादव, अगिआंव विधायक मनोज मंजिल, ऐपवा राज्य सचिव शशि यादव, माले नेता उमेश जी, कुमार परवेज़, समता राय, इनौस राज्य सह सचिव  विनय कुमार, आइसा राज्य सह सचिव कुमार दिव्यम,

आइसा नेता विशाल विनायक, माले नेता संतोष आर्या, ऐपवा नगर अध्यक्ष मधु, राखी मेहता, आसमा खान, अनुराधा, नसरीन बनो सहित दर्ज़नो  लोग मौजूद थे.

स्वीटी माइकल

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