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चाह रहे हैं। वहां पर मूलभूत सुविधा उपलब्ध नहीं करायी जा रही है। फोर लाइन और गंगा किनारे के बीच में बिन्द लोगों को बसाया जा रहा है। यहां पर आसानी से गंगा का पानी चढ़ जाता है। इसी जगह पर लोगों को आश्रय दिया जा रहा है।चापाकल लगाने वालों का कहना है कि 100 फीट पर काम तमाम कर दिया गया है। 80 फीट पर पानी मिल रहा है। यह भी कहते हैं कि लाल बालू आने पर छोड़ दिया जा रहा है। लाल बालू के बाद मिट्टी मिल रही है। अच्छा है कि लाल बालू पर ही छोड़ दिया जाए। वहीं अभी तक जमीन पर मिट्टी भरा नहीं गया है और न पुल ही निर्माण किया गया है। राह भी नहीं है। बहुत ही धूल है। जो शरीर को गंदा करने को पर्याप्त है।
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।
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