Tuesday 5 January 2016

मंगलवार बिन्द टोली के लोगों के लिए मंगलमय






पटना। आज मंगलवार बिन्द टोली के लोगों के लिए मंगलमय साबित हुआ। सीएम नीतीश कुमार द्वारा लिए गए निर्णय को करीब 2 साल के अंदर अमल कर दिया गया। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने दीघा                         बिन्द टोली के लोगों को खास महाल भूमि पर बसा दिया। इस तरह विभाग ने अपने राज्यादेश संख्या- 524 (6)/रा० दिनांक-08.04.13 द्वारा पटना जिला के पटना सदर अंचल में मौजा-दीघा, थाना संख्या-1/2 में प्रति परिवार 03 डिसमिल की दर से कुल 205 परिवारों को पुनर्वासित कर दिया। विभिन्न खाता एवं खेसरा की कुल रकबा-06.15 एकड़ खास महाल भूमि पर लाभान्वित परिवारों को लीज डीड के निबंधन शुल्क माफ करने की स्वीकृति दी गयी। इसके पूर्व मंत्रिपरिषद् की बैठक में 23 एजेंडों पर निर्णय लिया गया।


जिला प्रशासन द्वारा मंगलवार को पूर्व मध्य रेल परियोजना से विस्थापित बिन्द टोली के लोगों को कुर्जी दियारा क्षेत्र में जमीन देकर बसाने के लिए कॉल किया था। काफी संख्या में लोग आए थे। कुछ लोग निराश दिखे कि बाल-बच्चों का नाम नहीं है। इसको लेकर परेशान हो रहे थे। विस्थापितों की सूची बनाने वालों पर भड़क रहे थे। मौके पर उपस्थित उप समाहर्ता भूमि सुधार कुमार मिथिलेश ने कहा कि मंत्रिपरिषद द्वारा पारित 205 परिवारों की सूची है। इसमें पूर्व मध्य रेलवे परियोजना से विस्थापित बिन्द टोली के 186 परिवार और एम्स से दीघा तक निर्मित रोड से दीघा नहर के 19 परिवार विस्थापित हैं। इन परिवारों की सूची के अनुसार बसाया जा रहा है। इस सूची में बिन्द टोली के कई परिवारों का नाम नदारद है। इसके आलोक में बिन्द टोली के लोगों का नेतृत्व करने वाले यदु महतो ने 186 परिवारों की सूची को डीसीएलआर को पेश किया। तब यह समस्या उत्पन्न हो गयी कि प्रथम सूची में नाम है तो द्वितीय सूची में नाम नदारद है। जिला प्रशासन द्वारा सूची को अंतिम रूप नहीं देने से परेशानी होती रही।

इस बीच दीघा विधान सभा के विधायक संजीव चौरसिया आ गए। इनके साथ विधायक के प्रतिनिधि संजय कुमार भी थे। विधायक संजीव चौरसिया ने डीसीएलआर से जानना चाहा कि आपलोगों ने 8 फीट मिट्टी भरवाने के पश्चात ही विस्थापितों को बसाने वाले थे। तो उनका कहना था कि अब बसाना ही प्राथमिकता है। इसी तरह से विस्थापितों को पुनर्वासित करना है। इनको शौचालय और पेयजल की व्यवस्था कर दी गयी है। जबतक बिजली की व्यवस्था नहीं होती है तबतक जेनेरेटर लगा देंगे। लोगों को पॉलिथीन की व्यवस्था कर दी गयी है।

कुछ देर के बाद पटना सदर के अनुमंडलाधिकारी रियाज अहमद खान भी आ गए। विस्थापित परिवारों की सूची में छूटे परिवारों को अलग से सूची बनाने का आदेश दिया। छूटे परिवारों को बसाने का वादा किए। इसके बाद अनुमंडलाधिकारी जनबा रियाज ने सी00 शमीम अख्तर मजहरी को सलाह दिए कि जो परिवारों का नाम सूची में है, उनको सीमांकन जमीन पर बसा दिया जाए। इस सुझाव को सीओ साहब ने अमल किए। आधार कार्ड और परिचय पत्रों की जांच करने के बाद स्व0 रामानंद महतो के पुत्र रामपरीक्षण महतो को जमीन का स्वामीत्व प्रदान किया। इस तरह विस्थापितों को बसाना शुरू कर दिया गया।

विस्थापितों द्वारा बिन्द टोली पर बुलडोजर चलाने के आदेश को आगे बढ़ाने की मांग पर अनुमंडलाधिकारी भड़क गए। कहने लगे कि अतिक्रमण करके रहते आ रहे हैं। सरकार तो आपलोगों को जमीन देकर बसा रही है। हमलोगों ने अतिक्रमणकारियों को खदेड़ कर भगा देने वाले हैं। संत माइकल उच्च विघालय के सामने अतिक्रमणकारियों को जमीन नहीं दी गयी। एनएमसीएच और पीएमसीएच में अतिक्रमणकारी जमीन हासिल करने को लेकर पसीना छलकाते रहे। उनको कुछ भी नहीं मिला। हमलोग बुधवार को बिन्द टोली से अतिक्रमण हटाने जा रहे हैं। आपलोगों से बिन्द टोली में ही समझेंगे।

 बताते चले कि पूर्व मध्य रेलवे परियोजना के तहत बिन्द टोली में एप्रोच रोड निर्माण होना है। बिन्द टोली अस्तित्व में रहने के कारण एप्रोच रोड नहीं बन पा रहा था। इसी के बहाने पाटलिपुत्र स्टेशन से उत्तर की ओर गंगा सेतु से रेल परिचालन शुरू नहीं किया गया।  करने के नाम पर हटाया जा रहा है। प्रशासन का सिर दर्द बना हुआ है। जो 2016 में भी जारी रहेगा। बिन्द जाति के लोगों का नेतृत्व करने वाले यदु महतो का कहना है कि प्रशासन द्वारा कुर्जी दियारा क्षेत्र में बसाया जा रहा है। वहां पर जाकर स्थिति का जायजा लिए। मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध करवाने में सरकार विफल है। सरकार चाहती है कि किसी तरह से लोगों को बसा दें। यह होने नहीं देंगे। हमलोगों की मांग है कि जिस जमीन को दी जारी है। वहां पर 8 फीट की मिट्टी भराई हो। एक घर,एक बरामदा और एक शौचालय निर्माण कर मकान दिया जाए। आवाजाही करने के लिए पुल का निर्माण हो। रोजगार करने की व्यवस्था हो। स्कूल और आंगनबाड़ी खोला जाए।


 आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा, दीघा घाट,पटना। 



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