Sunday, 14 February 2016

‘मन चंगा तो कटौती में गंगा’


 पटना। इसे ही कहा जाता है ‘मन चंगा तो कटौती में गंगा’। यह हिन्दी कहावत है। यह कहावत चरितार्थ कर रही हैं फग्गुआ मांझी की पत्नी। दो बच्चों को कटौती में ही बैठाकर स्नान करवा रही हैं। 

पटना नगर निगम वार्ड नम्बर-1 में दीघा मुसहरी है। यहां पर गरीब फग्गुआ मांझी रहते हैं। गरीबी के कारण साबून खरीदने में असमर्थ हैं। उसकी पत्नी बच्चों को मिट्टी लगाकर बाल साफ कर रही हैं। वहीं पानी गिराने की व्यवस्था नहीं है। तो बच्चों को कटौती में बैठाकर स्नान करा रही हैं। इस पानी को उठाकर दूर नाला में गिरा देगीं। 

महापर्व छठ के अवसर पर भगवान भास्कर को अर्ध्यदान देती हैं महिलाएं। गंगा नदी में नहीं आती है। घर की छत टब अथवा कटौती में पानी डालकर भगवान भास्कर और भगवान दिवाकर को अर्ध्यदान कर देती है। घर के बाहर तालाब भी खोंदकर अर्ध्यदान दिया जाता है।
आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।


No comments: