दो बच्चों की मां को स्तन कैंसर
4 साल
से
जूझ
रही
हैं
महादलित
मुसहर
समुदाय
की
महिला
पटना। जानलेवा कैंसर बीमारी से जूझ रही हैं महादलित मुसहर 25 वर्षीया
गीता
देवी।
वह
दो
बच्चों
की
मां
हैं।
उसे
वर्ष
2012 में
पता
चला
कि
वह
स्तन
कैंसर
से
पीड़ित
हैं।
अव्वल
4 साल
से
निरंतर
गीता
देवी
महावीर
कैंसर
संस्थान
में
जाकर
दवा-दारू करवाती हैं।इस संस्थान में गीता देवी की 2 बार
स्तन
ऑपरेशन
और
6 बार
कीमोथेरापी
दी
गयी
है।
एक
बार
फिर
6 अप्रैल
को
ऑपरेशन
होने
वाला
है।
दवा
के
साथ
दुआ
प्रारंभ
अक्टूबर
2015 से
की
हैं।
मखदुमपुर
में
स्थित
फातिमा
सुसमाचार
केन्द्र
में
प्रार्थना
करने
जाती
है।
कुर्जी पल्ली में स्थित प्रेरितों की रानी ईश मंदिर में तीन दिवसीय चालीसीय करिश्माई साधना एवं चंगाई प्रार्थना में भाग लेने आयी थीं गीता देवी। हाथ में सफेद थैला पकड़ रखी थीं। इस थैले में पवित्र बाइबिल और पॉलीथीन में चावल रखी थीं। गिरजाघर में पवित्र बाइबिल पढ़कर प्रभु येसु ख्रीस्त से दुआ करेंगी कि बायीं स्तन पर निकले कैंसर घाव को ठीक कर दें। चढ़ावा के रूप में चावल प्रभु येसु ख्रीस्त को अर्पित कर देगी।
कैंसर पीड़ित गीता देवी कहती हैं कि वह पूर्व मंत्री श्याम रजक के क्षेत्रान्तर्गत फुलवारीशरीफ में स्थित कुरकुरी मुसहरी में रहती हैं। उनका विवाह बनवारी मांझी नामक मुसहर से हुआ है। बाल्यावस्था में ही विवाह हुआ था। हमलोगों के 2 बच्चे
हैं।
जब
21 साल
की
थीं
तब
2012 में
स्तन
पर
गांठ
उत्पन्न
होने
लगा।
चिकित्सक
से
दिखाने
से
पता
चला
कि
स्तन
कैंसर
है।
अभी
4 साल
से
महावीर
कैंसर
संस्थान
में
इलाज
चल
रहा
है।
2 बच्चों
के
पिताश्री
के
बारे
में
गीता
देवी
कहती
हैं
कि
आफत
समय
में
पतिदेव
बनवारी
मांझी
साथ
छोड़कर
रायपुर
चले
गये
हैं।
अपने
हाथ
में
बनवारी
मांझी
का
नाम
गोधवा
ली
हैं।
उसके
बारे
में
कहती
हैं
कि
इलाज
करवाने
और
बच्चों
के
खाना-दाना के लिए पैसा नहीं भेजते हैं। बिहार सरकार की व्यवस्था अन्तर्गत गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों का इलाज फ्री में होता है।
कैंसर शब्द दिमाग में आते ही एक ही छवि उभरती है ‘कष्टदायक मृ्त्यु ‘और इसी कारण कैंसर होने के समाचार मात्र से ही रोगी को जीवन के प्रति निराशा हो जाती है। लेकिन स्तन या ब्रेस्ट कैंसर के क्षेत्र में एक अच्छी बात यह है कि इसके ठीक होने की संभावना ज़्यादा होती है। स्तन कैंसर होने का पता साधारणतः पहले या दूसरे चरण में ही चल जाता है। इसलिए इसका इलाज सही समय पर हो पाता है। लेकिन इसके लिए ज़रूरी है हर किसी को इस बारे में सही जानकरी हो और वे सचेत हो। स्तन कैंसर से बचने का सबसे पहला कदम है जागरूकता। उसके बाद आता है इस रोग से बचने के उपाय। जीवनशैली में बदलाव और सचेतता ही आपको कष्टदायक स्तन कैंसर से बचा सकता है।
बढ़ती उम्र
·
ज़्यादा उम्र में पहले बच्चे का जन्म
·
आनुवांशिकता
·
शराब जैसे पेय पदार्थ का अधिक सेवन
·
खराब जीवनशैली
स्तन कैंसर के आम लक्षण
·
स्तन या बाँह के नीचे गांठ होना
·
स्तन से रस जैसे कुछ पदार्थ का निकलना
·
निपल्स का मुड़ जाना
·
स्तन में सूजन
·
स्तन के आकार में बदलाव
·
स्तन को दबाने पर दर्द न होना
कुछ ऐसे खाद्द पदार्थ हैं जिसके सेवन से स्तन कैंसर होने की संभावना को कुछ हद तक कम किया जा सकता है-
काली चाय-
चाय
एक
ऐसा
पदार्थ
है
जो
आसानी
से
हर
घर
में
पाया
जाता
है
और
लोकप्रिय
पेय
पदार्थ
है।
काली
चाय
में
एपि
गैलो
कैटेचिन
गैलेट
नाम
का
रसायन
होता
है
जो
स्तन
कैंसर
से
शरीर
को
सुरक्षा
प्रदान
करता
है।
यह
स्तन
में
ट्यूमर
की
कोशिकाओं
को
बढ़ने
से
रोकता
है।
परन्तु एक अध्ययन से यह पता चला है कि जो लोग बहुत गर्म काली चाय पीते है उनमें स्तन कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। गर्म तापमान कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने में मदद करते हैं। इसलिए गुनगुना गर्म चाय पीना सेहत के लिए अच्छा होता है।
खट्टे फल-
खट्टे फलों में फाइटोकेमिकल्स होते हैं जो कैंसर की कोशिकाओं को विकसित होने से रोकने में मदद करते हैं। खट्टे फलों में सेब,
अंगूर,पीच, नाशपाती,
केला
आदि
का
सेवन
करने
से
ब्रेस्ट
कैंसर
होने
की
संभावना
कुछ
हद
तक
कम
हो
जाती
है।
ग्रीन टी-
ग्रीन टी में एन्टी.इन्फ्लैमटॉरी गुण होता है जो स्तन कैंसर को बढ़ने से रोकने में मदद करता है। एक गिलास पानी में चाय के कुछ पत्ते डालकर तब तक उबाले जब तक कि वह सूख कर आधा न हो जाय। उसके बाद पी लें।
दूध और दही-
दूध
और
दही
में
विटामिन
डी
होता है जो स्तन कैंसर के कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है।
गेहूँ की घास (wheat
grass): गेहूँ
की
घास
स्तन
कैंसर
के
रोगी
के
लिए
सबसे
अच्छा
खाद्द
पदार्थ
होता
है
जो
कैंसर
के
कोशिकाओं
के
वृद्धि
को
रोकने
में
मदद
करता
है।
यह
प्रतिरक्षी को उन्नत करने के साथ.साथ शरीर से विषाक्त पदार्थों और अवांछित पदार्थों को निकालने में मदद करता है।
लहसुन-
लहसुन
प्रतिरक्षी
तंत्र
को
उन्नत
करके
स्तन
कैंसर
से
लड़ने
में
मदद
करता
है।
स्तन कैंसर को रोकने के उपाय-
·
ज़्यादा मात्रा में ध्रूमपान का सेवन न करें
·
शारीरिक रूप से ज़्यादा सक्रिय होए व्यायाम आदि नियमित रूप से करें
·
कम मात्रा में रेड मीट का सेवन करें
·
नमक का सेवन कम करें
·
सूर्य के तेज किरणों के प्रभाव से बचें
·
गर्भनिरोधक गोलियों का लगातार सेवन डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही करें
इन बातों का ध्यान रखें और स्तन कैंसर के खतरे को कम करें।
आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।
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