Monday 14 March 2016



दिल्ली में टायफाइड और बिहार में टी.बी.


एक साल से जूझ रही हैं बुखार से रंजू

पटना। कुर्जी बिन्द टोली में रहती हैं रंजू। इनका विवाह धनंजय महतो के संग हुआ है। 6 बार रंजू देवी गर्भधारण हुई। उसका 2 बार गर्भपात हो गया और 4 बच्चे जीर्वित हैं। नयी दिल्ली में स्थित नागलोई में धनंजय महतो रहते हैं। जूता (चमड़े) की कटिंग करते हैं। यह कार्य ठेकेदारी पर होता है। 

रंजू देवी कहती हैं कि विवाह के पश्चात ही गर्भपात हो गया। इसके बाद जुड़वा बच्ची हुई। उसका नाम सीता और गीता है। दोनों आठ साल की हैं। दिल्ली में ही अध्ययनरत हैं। इसके बाद पुत्र हुआ। उसका नाम शाहिल है। वह 6 साल का है। वह भी दिल्ली में अध्ययनरत है। इसके बाद गर्भपात हुआ। फिर लड़का जन्म लिया। उसका नाम समर हैं। वह 2 साल का है। इसके बाद बंध्याकरण करा ली हैं। चालीस साल की हैं रंजू देवी। 

दिल्ली में टायफाइड और बिहार में टी.बी.: ग्राउंड फ्लोर पर रंजू देवी कहती हैं कि अभी तक परिवार ठीकठाक ढंग से चल रहा था। पिछले 1 साल से परिवार में परेशानी बढ़ गयी है। उसका कारण स्वयं को बतलाती हैं। एक साल से ज्वर से पीड़ित है। दिल्ली में इलाज करवाने पर चिकित्सकों ने ज्वर को टायफाइड करार दिया। दवा-दारू करवाने के बाद भी दोपहर ज्वर आ ही जाता था। बिहार आने पर चिकित्सकों ने ज्वर को टी.बी.करार दिया। 

डाक्टर सुनील कुमार ने खुलासा कियाः इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान के संयुक्त निदेशक हैं डाक्टर सुनील कुमार। इनका आवास कंकड़बाग में है।यहां पर सुबह और दोपहर में मरीजों को देखते हैं। इसी तरह कुर्जी में सुबह और शाम में रोगियों को देखते हैं। यहां पर रोगियों की काफी भीड़ रहती है और डाक्टर सुनील कुमार पर परिजनों का विश्वास भी है। इसी विश्वास के साथ रंजू देवी के परिजन भी आये थे। डाक्टर साहब ने जांचोपरांत रक्त,पीपीडी आदि करवाने का परामर्श दिये। 

पॉजिटिव पीपीडी को दिखाती है रंजू
रेफर किये रेडियोलॉजी क्लिनिक मेंः पाटलिपुत्र कॉलोनी में है रेडियोलॉजी क्लिनिक। यहां पर 25 सौ रूपये देकर जांच करायी गयी। 23 फरवरी 2016 को डाक्टर चन्दन किशोर ने अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट तैयार किया। फाइडिंग में अबडोमिनल कोच घोषित किया। इसका मतलब पेट में टी.बी.है। पीपीडी भी पॉजिटिव दिखा। दोनों रिपोर्ट के आलोक में डाक्टर साहब ने टी.बी.बीमारी की दवा चालू कर दी। 12 मार्च से दवा खा रही है। अभी रंजू देवी की वजन बढ़ गयी है। भूख लगने लगी है। जो ज्वर आता था। अब नहीं आता है। कभी-कभी बुखार हो जाता है। 



आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना। 

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