आर्थिक तंगी झेलने वाले दयाल शरण कामचोर नहीं
पटना। उत्तरी मैनपुरा ग्राम पंचायत में है घर और पूर्वी मैनपुरा ग्राम पंचायत में दुकान। इसमें फ्रेमिंग करने का काम करते हैं दयाल शरण। हालांकि फ्रेमिंग करने के धंधे से वे धनवान नहीं बन सके हैं। इतना तो जरूर कहा जा सकता है कि वे सामाजिक कार्यकर्ता बन गए हैं। एक इंसान की तरह असहनशीलता और सहनशीलता वालों की सेवा करने में कौताही नहीं बरखते हैं। दुकान में आगत हरेक महजबी को इज्जत प्रदान करते हैं।इन लोगों के द्वारा दिये गये कार्यों को पूर्ण सम्मान देते हैं। जिस प्रकार कार्य देने वाले महजबी के श्रद्धालु दिया करते हैं।
आर्थिक तंगी झेलने वाले दयाल शरण कामचोर नहीं हैं। भले ही रूपयों से सहयोग न दे सकें मगर काम करने में अंगुवाई किया करते हैं। सामाजिक कार्य करने वाले और बेहतर ढंग से कार्य निष्पादन करने वालों को सम्मान करते हैं। अभी हाल में एक अखबार में सचित्र प्रकाशित खबर को दयाल शरण बेहतर ढंग से सुनहला फ्रेमिंग करके वरीय आरक्षी अधीक्षक मनु महाराज को भेंट कर दिये हैं। इस कृत्य से वरीय आरक्षी अधीक्षक प्रभावित हुए ।
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नागरिक सुरक्षा कोर से प्रशिक्षण प्राप्त किये हैं। त्योहारों के अवसर पर कार्य लिया जाता है। दयाल का कहना है कि नियमित कार्य मिले। ऐसा होने से आर्थिक स्थिति की गाड़ी गतिमान हो सकता। माली खराब होने से विवाह भी नहीं कर सके हैं। तारक मेहता का उल्टा चश्मा के कलाकार पोपट लाल की तरह हैं। ठीक पकड़े हैं। इनका पिताश्री अवकाश ग्रहण कर चुके हैं। माता जी को लकवा मार दिया है। बेड पर ही पड़ी रहती हैं। बावजूद इसके विचलित नहीं होते हैं। आधुनिकता को त्यागकर सामान्य व्यक्ति की तरह जीवन बिताते हैं। हाई थिकिंग और लॉ लिविंग पर विश्वास करते हैं।
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।
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