Sunday 17 April 2016

बिहार में अग्निकांड से परेशान लोग



पटना। वर्त्तमान में राज्य के विभिन्न हिस्सों से अग्निकांड की घटना की सूचना प्राप्त हो रही है एवं बड़े पैमाने में घरों, विशेषकर झोपड़ियों, फसलों इत्यादि के जलने की खबर आ रही है, जिससे व्यापक नुकसान हो रहा है। वर्त्तमान में 23 जिलों से अग्निकांड से 11 व्यक्ति एवं 33 पशु की मृत्यु तथा 3722 घरों के जलने की सूचना प्राप्त हुई है।
. अग्निकांड की आपदा से निपटने हेतु मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी)के अनुरूप विभाग द्वारा पूर्व में जिलों को समय-समय पर व्यापक अनुदेश/निदेश दिये गए हैं। वर्त्तमान में तेज गर्म पछुआ हवा के चलने एवं गर्मी के बढ़ने के कारण झोपड़ियों के जलने की सूचना प्राप्त हो रही है। अग्निकांड की घटना का मुख्य कारण चूल्हे की आग की चिंगारी पूरी तरह बुझी हुई नहीं होने तथा बिड़ी, सिगरेट को फेका जाना, दिन में थ्रेसर से गेहूँ की दौनी के वक्त निकली चिंगारी से हो सकती है। आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा आगजनी के बचाव हेतु उपाय से संबंधित ‘‘क्या करे‘‘ तथा ‘‘क्या न करें‘‘ के प्रचार-प्रसार हेतु प्रेस विज्ञिप्त जारी किया जा चूका है, परन्तु इसका व्यापक अनुसरण नहीं होने से अग्निकांड की घटना घट रही है।

.अग्निकांड की घटना की सूचना प्राप्त होते ही स्थानीय प्रशासन को द्रुतगति से घटना स्थल पर रवाना होने का एवं साहाय्य कार्य तेजी से करने का निदेश दिया जा चूका है। भीषण अग्निकांड होने पर संबंधित जिला के जिला पदाधिकारी को स्वयं घटना स्थल पर शीघ्रातिशीघ्र पहुँच कर साहाय्य कार्य की व्यवस्था करना है। अग्निकांड की घटना होने पर आवश्यकतानुसार फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को मौके पर रवाना किये जाने का अनुदेश पूर्व में ही दिया जा चूका है। राज्य स्तर पर इस संबंध में सहयोग की आवश्यकता हो तो विभाग के इमरजेन्सी ऑपरेशन केन्द्र (एसईओसी)दूरभाष संख्या - 0612 . 2217301, 2217302, 2217303, 2217304, 2217305, 2217306, 2215731, 2215735, 2215739 एवं फैक्स सं0 2215734 को अविलम्ब सूचित किया जा सकता है।
.अग्निकांड की घटना होने पर तत्काल प्रभावित परिवारों को नगद अनुदान के रूप में 3,000/- रूपये, मुफ्त खाद्यान्न हेतु ‘3,000/- वस्त्रादि हेतु ‘1,800/- रूपये तथा वर्तनादि हेतु ‘2,000/- रूपये, कुल ‘ 9,800/‘ रूपये अनुदान के रूप में उपलब्ध कराया जाता है। इसके अतिरिक्त जले हुए घरों के लिए सहाय्य मानदर के अनुरूप दिया जाता है।
.भीषण अग्निकांड होने पर प्रभावित व्यक्तियों के लिए विशेष राहत केन्द्रों के संचालन की व्यवस्था की गई है, जिसमें पका हुआ भोजन, रोशनी, दरी/चादर बच्चों के लिए दुग्ध, पेयजल, अस्थायी शौचालय, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधा, संचार सुविधा आदि शामिल है।
.अग्निकांड की घटना के रोकथाम हेतु आवश्यक है कि जनमानस को जागरूक किया जाए। इस हेतु यह आवश्यक है कि स्टोव या लकड़ी, गोइठा आदि के जलवान वाले चूल्हे पर खाना बनाते वक्त सावधानी बरती जाए एवं खाने बनाने के बाद पानी से चूल्हे को पूरी तरह बुझा दी जाए। गेहूँ ओसनी का काम हमेशा रात में तथा गाँव के बाहर खलिहान में जाकर किया जाए। बीड़ी, सिगरेट, हुक्का आदि पीकर जहाँ-तहाँ न फेके, तथा उसे पूरी तरह बुझने के बाद ही फेंके। घर खलिहान पर समुचित पानी व बालू की व्यवस्था रखी जाए। आगजनी से बचाव हेतु उपाय से संबंधित ‘‘क्या करे तथा क्या न करें‘‘ का अनुसरण करने से अग्निकांड की घटना में तेजी से कमी लाई जा सकती है।
.किसी भी आपदा की स्थिति में सरकार राशि की कमी नहीं होने देगी। जिलों को निदेशित किया गया है कि अविलम्ब मानव क्षति, गृह क्षति, फसल क्षति एवं पशुधन क्षति को प्रतिवेदित करें।
.सरकार किसी भी प्रकार का उदासीनता को बर्दाश्त नहीं करेगी। सम्पूर्ण बिहार के किसी भी जिले द्वारा प्रतिवेदित आवंटन विभाग के स्तर पर लम्बित नही है। विभाग द्वारा तत्परता के साथ 24 घंटे के अन्दर आवंटन मुहैया कराया जाता है।
.सभी जिला पदाधिकारी को निदेशित किया गया है कि सभी अंचलों की निदेशित करें कि किसी भी तरह की क्षति अविलम्ब प्रतिवेदित करें और किसी भी तरह की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा।

आलोक कुमार

मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।

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