Sunday 17 April 2016

जमीन पर महादलितों को कब्जा नहीं


 दानापुर। इस प्रखंड में रहते हैं महादलित मुसहर। पूर्व सीएम लालू-राबड़ी के शासनकाल में महादलितों को जमीन मिली थी। सरकार ने पर्चा भी दिया परन्तु जमीन पर महादलितों को कब्जा नहीं हो सका। आज भी जमीन को कब्जाने का प्रयास करते हैं। इसमें एक एनजीओ सहायक बना। जो सफल नहीं हो सका।


चुल्हाई चक मुसहरी में रहने वालों को मिली थी जमीन।रूपसपुर नहर के किनारे रहते हैं महादलित मुसहर। सड़क निर्माण के चलते विस्थापित हो गये हैं। इसके आलोक में पूर्व सीएम लालू-राबड़ी के शासनकाल में जमीन मिली थी महादलित मुसहरों को।जमीन का पर्चा मिला परन्तु जमीन पर कब्जा नहीं मिल सका। जमीन कब्जाने के उद्देश्य से मुसहर कागजात को लेकर भटकते नजर आ रहे हैं। इनकी जमीन से मिट्टी निकालकर सड़क निर्माण किया गया। इनके भूखंड गड्ढे में तब्दील हो गया है। जहां जलजमाव हो जाता है। प्राकृतिक तौर से जलजमाव नहीं होने पर तब किसान ट्यूबवेल से कृत्रिम जलजमाव पैदा कर देते हैं। इसका खामियाजा महादलित भुगतते हैं। 

मजे की बात है कि एक एनजीओ ने भी सहायता करनी शुरू की थी। जब एनजीओ ने मामले को दानापुर एसडीओ के समक्ष पहुंचाया,तब एसडीओ ने सीओ को आदेश दिया कि महादलितों को जमीन पर कब्जा दिला दें। सीओ साहब मौके पर मुआयना करने पहुंचे तो भूखंड पर पानी भरा था। इसके आलोक में सीओ ने कहा कि गड्ढे से पानी निकल जाने के बाद भूखंड का सीमांकनकर महादलितों को जमीन दी जाएगी।इस आशय की जानकारी जब किसानों को मिली तो किसानों ने ट्यूबवेल से गड्ढे में और अधिक पानी भर दिया। इस बीच एनजीओ के फंड समाप्त होने और एसडीओ और सीओ साहब का स्थानान्तरण हो जाने के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। इस बीच गड्ढे से पानी निकल गया है। गड्ढे में दूर-दूर तक पानी नहीं है। वहीं दूर-दूर तक मुसहरों को सहायता करने वाले भी कोई नहीं है। 

यह कार्य आगे सामाजिक कार्यकर्ता नरेश मांझी ने बढ़ाया था। वह भी दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता महादलित मुसहर होने के बाद भी मुसहरों की समस्याओं का निराकरण करने में पहलकदमी नहीं कर रहे हैं। अभिमन्यु नगर की रहने वाली मरछिया देवी ने कहा कि हमलोगों  को सरकार और नौकरशाहों ने ठगकर रख दिया है। 

आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।

No comments: